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झारखंड हाई कोर्ट की सख्ती... रांची-टाटा फोरलेन पर रहिए सावधान... रफ्तार पर ब्रेक के लिए अब स्पीड गन

Ranchi Tata NH-33 झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव ने कहा कि स्पीड गन खरीदने के लिए सरकार की ओर से राशि आवंटित कर दी गई है। हाई कोर्ट ने कहा कि स्पीड के चलते हाइवे पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 09:58 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 10:01 PM (IST)
झारखंड हाई कोर्ट की सख्ती... रांची-टाटा फोरलेन पर रहिए सावधान... रफ्तार पर ब्रेक के लिए अब स्पीड गन
Ranchi Tata NH-33: हाई कोर्ट की सख्ती... रांची-टाटा फोरलेन पर रहिए सावधान... रफ्तार पर ब्रेक के लिए अब स्पीड गन

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस एके चौधरी की अदालत में रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि हाइवे पर तेजी से वाहन चलने की वजह से रोजाना दुर्घटना हो रही है। इसकी रोकथाम की कोई व्यवस्था नहीं है। आए दिन अखबारों में दुर्घटना की खबरें छपती रहती हैं। तेजी से वाहन चलाने वालों पर रोकथाम जरूरी है।

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सरकार ने उपकरण खरीदने के लिए दिया 70 करोड़

इस दौरान कोर्ट में पेश हुए परिवहन सचिव केके सोन ने कहा कि राज्य सरकार ने स्पीड गन और कैमरा सहित अन्य उपकरण खरीदने के लिए करीब 70 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी है। जल्द ही उक्त उपकरण खरीदे जाएंगे।

हाइवे के पास अवैध निर्माण की शिकायत

इस दौरान एनएचएआइ की ओर से बताया गया कि रांची-टाटा राजमार्ग का 78 प्रतिशत काम पूरा कर लिया। इस पर अदालत ने कहा कि विकास विद्यालय से रामपुर राजमार्ग का काम तेजी से करते हुए इसे जोड़ा जाएगा। इस दौरान एनएचएआइ की ओर से अदालत को बताया गया कि हाइवे के पास ही कई जगहों पर अतिक्रमण कर पेट्रोल पंप और ढाबा बना लिया गया है। इसको हटाने के लिए एनएचएआइ की ओर से नोटिस दिया जाता है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

राज्य सरकार को एसओपी बनाने का निर्देश

इस पर परिवहन सचिव ने कहा कि इसके लिए एक एसओपी बनाने की जरूरत है, ताकि हाइवे के नजदीक होने वाले निर्माण की पहले ही जांच की जा सके। निर्माण के बाद बिजली कनेक्शन सहित अन्य सुविधाएं दे दी जाती हैं और बाद में उसे तोड़ने को कहा जाता है। इस पर अदालत ने कहा कि एनएचएआइ और राज्य सरकार मिलकर एक एसओपी तैयार करे। इसके बाद अदालत ने काम की प्रगति और सुरक्षा उपकरणों की खरीदारी से संबंधित जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई अगस्त में होगी।

रांची से हजारीबाग तक पौधरोपण सही : न्याय मित्र

रांची-हजारीबाग से बरही तक बने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारों पर पौधरोपण को लेकर न्याय मित्र निपुण बक्शी ने अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की। इस दौरान उन्होंने बताया कि रांची से हजारीबाग के बीच राजमार्ग के दोनों किनारों और सड़क के बीच डिवाइडर में पौधरोपण किया गया है। इसको बचाने के लिए गार्ड भी लगाए गए हैं। हजारीबाग से बरही तक की सड़क के किनारे पौधरोपण की जरूरत है। अदालत ने इस रिपोर्ट को अपने रिकार्ड में ले लिया।


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