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Ranchi: मार्च में ही सूखने लगी नदियां, स्वर्णरेखा, जुमार और हरमू नदी का जलस्तर घटा; गहरा सकता है जलसंकट

Ranchi River रांची में गर्मी के दस्तक देने के साथ ही नदियां सूखने लगी है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी नदियां और संकरी होती जाएंगी। वहीं शहर के अधिकांश चापानल खराब हो चुके हैं। गर्मी में शहर में जलसंकट गहरा सकता है।

By Roma RaginiEdited By: Roma RaginiPublished: Sun, 12 Mar 2023 11:12 AM (IST)Updated: Sun, 12 Mar 2023 11:12 AM (IST)
Ranchi: मार्च में ही सूखने लगी नदियां, स्वर्णरेखा, जुमार और हरमू नदी का जलस्तर घटा; गहरा सकता है जलसंकट
रांची में मार्च में ही सूखने लगी नदियां

रांची, जागरण संवाददाता। गर्मी के दस्तक के साथ ही राजधानी की नदियां सूखने लगी हैं। नदियों के सूखने से शहर के कई हिस्से ड्राई जोन घोषित किए जा चुके हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे शहर में भू-गर्भ का जलस्तर घटता जा रहा है।

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मार्च के महीने में ही राजधानी की अधिकांश नदियां सूखने लगी हैं। स्वर्णरेखा, जुमार, हरमू ने अपना रूप बदल लिया है। रांची की लाइफ लाइन माने जाने वाली स्वर्णरेखा नदी का बहाव एक महीने पहले जहां 60 से 80 फीट चौड़ा हुआ करती थी, अब 20 फीट पर सिमट गई हैं।

अब आगे जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी वैसे-वैसे नदी ओर भी संकरी होने की संभावना है। हरमू नदी का पानी पहले ही गंदा हो चुका है। राजधानी के हरमू क्षेत्र में कई जगहों पर नदी सूख भी चुकी है। नदी अब नाले में तब्दील हो चुकी है।

आज भी आसपास के रहने वाले लोग कपड़ा धोने, नहाने और बर्तन धोने के लिए नदी पर ही निर्भर है पर, नदी कई जगहों पर पूरी तरह से सूख चुका है। नदी के सूख जाने की वजह से आसपास के लोग अब बोरिंग पर निर्भर होते जा रहे हैं। हालांकि, शहर के अधिकांश चापानल खराब हो चुके हैं।

अब, चापानल ही लोगों का सहारा बना हुआ है। बता दें कि स्वर्णरेखा, जुमार और हरमू नदी का जलस्तर सूखने का मुख्य कारण नदी के किनारे गार्डवाल, घेराबंदी और नदी का अतिक्रमण मुख्य कारण है।

स्वर्णरेखा नदी : स्वर्णरेखा नदी पर ही रांची की आधी आबादी निर्भर है। स्वर्णरेखा नदी का पानी ही रूक्का डैम से सप्लाई होते हुए शहर के दस लाख आबादी तक पहुंचता है। अगर स्वर्णरेखा नदी इस साल गर्मी में सूख जाती है तो पूरे शहर में जल संकट गहराना तय है।

पहले ही रूक्का का डैम का जलस्तर नीचे चला जा चुका है। अगर नदी के रास्ते डैम तक पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचता है तो आने वाले दिनों में काफी परेशानी हो सकती है।

हरमू नदी : राजधानी का जलस्तर 20 साल पहले सामान्य हुआ करता था। हरमू जैसे क्षेत्र में 20 फीट पर ही पानी हुआ करती थी। पर तेजी से शहरीकरण के कारण हरमू नदी का दोहण किया गया। जिसके बाद हरमू नदी अब नदी नहीं बल्कि नाले में तब्दील हो गई है।

हरमू नदी शहर से गुजरने के बावजूद शहर का जलस्तर काफी नीचे चल गया है। हरमू क्षेत्र पूरी तरह से ड्राई जोन घोषित हो चुका है। अब हरमू नदी सिर्फ शहर के गंदे सीवरेज-ड्रेनेज का पानी शहर से बाहर निकालने का एक माध्यम बनकर रह गई है। अब नदी की जमीन पर बिल्डिंग, मकान, एजेंसी खुल गए हैं।

जुमार नदी : जुमार नदी मार्च आते ही सूख चुकी है। जुमार नदी में बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा करते है। नदी का बहार अभी से कई जगहों पर रूक चुका है। जुमार नदी के आसपास रहने वाले बताते हैं कि नदी पर 20 हजार से अधिक लोग आश्रित हैं। नदी पर ही एक बड़ी आबादी नहाने-धोने का काम करती है। नदी के सूख जाने की चिंता स्थानीय लोग चिंता जता रहे हैं।

तेजी से घट रहा है जलस्तर

रांची पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता राधेश्याम रवि ने बताया कि जल संकट एक बड़ा मामला है। रूक्का डैम का जलस्तर तेजी से घट रहा है। स्वर्णरेखा नदी का पानी काफी कम मात्रा में डैम में पहुंच रहा है। अगर डैम तक पानी पहुंचना बंद हो जाएं तो काफी परेशानी हो सकती है।


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