नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में ASI सस्पेंड, पुलिस ने भेजा जेल Ranchi News
Jharkhand Police News आरोपित ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। आरोपित राजकुमार शर्मा सीसीआर में तैनात था। इससे पहले लोअर बाजार थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले में पुलिस जांच कर रही है।
रांची, जासं। रांची के ओल्ड पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में 14 वर्ष की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजे गए एएसआइ राजकुमार शर्मा को रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने निलंबित कर दिया है। अगर एसआइ पर लगे हुए आरोप की पुष्टि कोर्ट में हो जाती है, तो विभागीय प्रक्रिया के अनुसार उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा। आरोपित राजकुमार शर्मा सीसीआर में पोस्टेड था। इससे पहले लोअर बाजार थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा।
आरोपित ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। सबसे पहले पीड़िता को आरोपित एएसआइ ने ही शिकार बनाया था। उसने पीड़िता को बताया था कि रांची के एक प्रतिष्ठित होटल में उसका बीयर बार चलता है और वह पीसीआर में भी तैनात है। एएसआइ के जाने के बाद नाबालिग पीड़िता के इंस्टाग्राम फ्रेंड विपुल ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। विपुल ने पूरी रात पुलिस गेस्ट हाउस में लड़की के साथ दुष्कर्म किया था।
इसके बाद सुबह ओला कैब बुक करके पलामू के डालटनगंज भेज दिया था। यहां पीड़िता अपने परिचित दोस्त करण के यहां रुकी थी। इस घटना में शामिल विपुल और करण को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
बाद में पीड़िता का बयान सामने आने के बाद मामले में हलचल हुई और एसआइ राजकुमार शर्मा पकड़ा गया। आरोपित एएसआइ राजकुमार शर्मा कंपोजिट कंट्रोल रूम में पोस्टेड है। चर्चा है कि आरोपितों ने घटना को अंजाम देने के दौरान पीड़िता को पूरी रात शराब भी पिलाई थी। हालांकि किसी भी पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
घटना के बाद पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई थी अपहरण की एफआइआर
पीड़िता के पिता के अनुसार नाबालिग बीते 12 अगस्त को ट्यूशन जाने के नाम पर घर से निकली थी। इसके बाद आरोपितों के बहकावे में आकर ट्रैप हो गई थी और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। घटना को लेकर 13 अगस्त को नाबालिग की पिता की शिकायत पर अपहरण का केस लोअर बाजार थाना में दर्ज हुआ था।
नाबालिग को बरामद करने के बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष 18 अगस्त को बयान दर्ज कराया गया था। उसी बयान में यह बात सामने आई थी कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है। नाबालिग ने बताया था कि वह अपने इंस्टाग्राम दोस्त विपुल से मिलने के लिए पुरानी पुलिस लाइन के पास पहुंची थी। इस दौरान उसका दोस्त शर्मा जी वहां मिला था। शर्मा जी ने 500 रुपये देकर विपुल को खाना लाने भेज दिया था।
इसके बाद शर्मा जी ने सबसे पहले नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। वापस आने पर विपुल ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद ओला कैब से डालटनगंज भेज दिया था। यहां नाबालिग अपने परिचित करण के घर में रुक गई थी। पुलिस ने वहीं से नाबालिग को बरामद किया था।
पीड़िता का अपहरण का मामला पुलिस ने छुपाया
पीड़िता का अपहरण और उसके साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना को पुलिस के स्तर पर पूरी तरह छुपाने की कोशिश की गई। इस मामले में सही ढंग से न्याय नहीं मिलने से पीड़िता के परिजन न्याय के लिए भटक रहे थे। इसी कड़ी में सीडब्ल्यूसी के समक्ष आए बयान के बाद मामले ने तूल पकड़ा और मामला राज्यपाल से लेकर डीजीपी स्तर तक संज्ञान में आया। चूंकि इस मामले को पुलिस स्तर पर अपहरण का मामला बनाकर दबाने की भरपूर कोशिश की गई।
जबकि यह मामला सामूहिक दुष्कर्म का था। अब तक एफआइआर में यह मामला अपहरण का ही दर्ज है। हालांकि पीड़िता का चौंकाने वाला बयान सामने आने के बाद इस मामले में सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़े जाने की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस के वरीय अधिकारियों ने भी इस संबंध में जांच टीम को निर्देश दिया है। बता दें कि पीड़िता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के चालक की बेटी है।