Bal Samagam: बाल समागम में रांची, कस्तूरबा संगम में लोहरदगा अव्वल
Bal Samagam. राज्य स्तरीय बाल समागम सह कस्तूरबा संगम 2019 में ओवरऑल पूर्वी सिंहभूम दूसरे तथा देवघर तीसरे पायदान पर रहा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Bal Samagam - बाल समागम के विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने में रांची का प्रदर्शन अव्वल रहा। इस मामले में पूर्वी सिंहभूम दूसरे तथा देवघर तीसरे पायदान पर रहा। इस एवज में राज्यपाल तीनों को क्रमश: एक लाख, 75 हजार और 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया। इससे इतर कस्तूरबा संगम में लोहरदगा को प्रथम, रांची दूसरे तथा रामगढ़ तीसरे स्थान पर रहा।
रांची ओवरऑल चैंपियन, पूर्वी सिंहभूम दूसरे और लोहरदगा तीसरे पायदान पर
विभिन्न स्तरों पर हुई प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों को राज्यपाल ने इस दौरान चेक और ट्राफी देकर सम्मानित किया। मौके पर छह गोल्ड, 11 सिल्वर और तीन कांस्य पदक लाकर रांची ओवर ऑल चैंपियन रहा। दूसरे स्थान पर पूर्वी सिंहभूम, जबकि तीसरे स्थान पर लोहरदगा रहा। राज्यपाल ने तीनों को क्रमश: दो लाख, डेढ़ लाख और एक लाख रुपये का चेक और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
आत्मबल व मजबूत इरादे के साथ आगे बढ़ें बच्चे : राज्यपाल
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बच्चों की हौसला आफजाई करते हुए कहा है कि वे आत्मबल और मजबूत इरादे के साथ आगे बढ़े। देश उन्हीं को याद रखता है, जिसने उसके लिए कुछ किया हो, कुछ खास दिया हो। यह सब निरंतर प्रयास से संभव है। उन्होंने विद्यालयों में नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा पर जोर दिया। कहा कि बच्चे समाज का रोल मॉडल बने, इसके लिए यह जरूरी है। इस बीच उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि उनका फोकस सिर्फ सिलेबस पूरा करने पर न हो, वे एक अभिभावक की तरह बच्चों का मार्गदर्शन करें। उनके सर्वागीण विकास पर जोर दें। राज्यपाल खेलगांव स्थित स्टेडियम में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय बाल समागम सह कस्तूरबा संगम 2019 के समापन समारोह को संबोधित कर रही थीं।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की है। 2018 में शिक्षकों की उपस्थिति के मामले में झारखंड प्रथम तीन राज्यों के साथ खड़ा है। लेसन लर्निंग के मामले में 2016 में झारखंड 23 वें पायदान पर था, आज उसका स्थान देश में सातवां है। झारखंड आठ से 12वीं कक्षा तक की परीक्षा ओएमआर सीट पर कराने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की सलाह पर तीन क्षेत्रीय भाषाओं और चार जनजातीय भाषाओं का पाठ्यक्रम विकसित कर लिया गया है। संताली भाषा से संबंधित पहली से पांचवीं कक्षा तक में ओलचिकी की पढ़ाई चालू सत्र से ही शुरू होगी।
बच्चों ने पेश किए रंगारंग कार्यक्रम, राज्यपाल ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन
मौके पर विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने कई रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। रनिया और खूंटी के बच्चों ने नाटक तथा सिल्ली कस्तूरबा और पोटका की छात्राओं ने नृत्य पेश किया। इस बीच मांडर के बच्चों तथा रामगढ़ और ओरमांझी, रांची की छात्राओं ने बैंड डिस्प्ले की आकर्षक प्रस्तुति दी। राज्यपाल ने इससे पूर्व बच्चों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा उनसे बात कर उनकी हौसला आफजाई की।