कटिया-पतरातू ट्रांसमिशन लाइन को लेकर आया नया अपडेट, इस तारीख से शुरू होगी पहली यूनिट; रांची को होगा फायदा
झारखंड को जल्द ही बिजली संकट से निजात मिलने वाली है। पीवीयूएनएल द्वारा कटिया-पतरातू ट्रांसमिशन लाइन की पहली यूनिट 15 जून तक शुरू होगी जिससे राज्य को 800 मेगावाट बिजली मिलेगी। इससे बाहरी स्रोतों से बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। इस परियोजना से रांची जिले को सबसे अधिक लाभ होगा और राज्य के राजस्व में बचत होगी।

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड को जल्द ही बिजली खरीदने की समस्या से मुक्ति मिलने वाली है। पीवीयूएनएल (पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) द्वारा 15 जून तक कटिया-पतरातू ट्रांसमिशन लाइन की पहली यूनिट शुरू की जाएगी।
इससे झारखंड को 800 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी, जिससे राज्य को बाहरी स्रोतों से बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से चार प्रमुख ट्रांसमिशन लाइनें स्थापित की जाएंगी, जिनमें से एक 220 किलोवोल्ट की लाइन बुढमू ग्रिड तक पहुंचेगी, जिससे उसे 200 मेगावाट बिजली मिलेगी।
दो अन्य लाइनें 220 किलोवोल्ट की हटिया डबल सर्किल लाइन को जोड़ेंगी, जिससे हटिया को भी 200 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसके अलावा, एक लाइन बेड़ो सेंट्रल पावर ग्रिड से जुड़ेगी, जिसे 400 मेगावाट बिजली मिलेगी।
कटिया-पतरातू ट्रांसमिशन लाइन का कार्य मई 2023 में आरंभ हुआ था, और अब यह लगभग पूरा हो चुका है। हालांकि, वन विभाग से आवश्यक क्लीयरेंस न मिलने के कारण निर्माण में देरी हुई।
झारखंड को राजस्व की होगी बचत, झारखंड का है 24 प्रतिशत हिस्सा
पीवीयूएनएल द्वारा निर्मित कटिया-पतरातू ट्रांसमिशन लाइन की पहली यूनिट के शुरू होने से झारखंड को गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलेगी।
इससे राज्य को एनटीपीसी से महंगे दर पर बिजली खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे झारखंड को सीधा राजस्व लाभ होगा। इस परियोजना में झारखंड का 24 प्रतिशत और एनटीपीसी का 76 प्रतिशत हिस्सा है।
रांची को होगा सबसे अधिक फायदा, 400 मेगावाट मिलेगी बिजली
कटिया-पतरातू ट्रांसमिशन लाइन की पहली यूनिट के शुरू होने से रांची जिले को सबसे अधिक लाभ होगा, जहां 400 मेगावाट बिजली उपलब्ध होगी।
इसके अतिरिक्त, 400 मेगावाट बिजली अन्य जिलों और पड़ोसी राज्यों में भी बेची जाएगी, जिससे राजधानी में बिजली की गुणवत्ता में सुधार होगा और गर्मियों में लो-वोल्टेज की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
7.5 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन का हो रहा काम
कटिया-पतरातू में 7.5 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जो पतरातू प्लांट से कटिया ग्रिड को जोड़ेगी। इस लाइन में 12 से 13 टावर लगाए जाएंगे।
एनटीपीसी और जेबीवीएनएल की है ज्वाइंट वेंचर कंपनी
जेबीवीएनएल और एनटीपीसी के बीच एग्रीमेंट के बाद पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) की स्थापना हुई। इस प्लांट के लिए जेबीवीएनएल जमीन, कोयला और पानी दे रहा है, जबकि एनटीपीसी वित्तीय निवेश कर रहा है। झारखंड सरकार का ऊर्जा विभाग इसकी निगरानी कर रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
कटिया-पतरातू ट्रांसमिशन लाइन की पहली यूनिट 15 जून तक शुरू कर दी जाएगी। निर्माण कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। - राजलाल पासवान, महाप्रबंधक, पीवीयूएनएल

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