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Terror Funding: एनआइए ने हाई कोर्ट में कहा- आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत

Terror Funding Case इससे पहले सुनवाई के दौरान एनआइए के अधिवक्ता ने कहा कि इन आरोपितों के खिलाफ एनआइए ने पर्याप्त सबूत जुटाए हैं। इसके लिए उनके पास लोगों के बयान और दस्तावेजीय साक्ष्य भी हैं। सुनवाई करीब 5 घंटे चली।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 12:05 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:40 PM (IST)
Terror Funding: एनआइए ने हाई कोर्ट में कहा- आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
मामले को एनआईए टेकओवर करते हुए जांच कर रही है।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में टेरर फंडिंग के मामले में आरोपित महेश, विनीत व अमित अग्रवाल की अपील याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान एनआइए की ओर से अदालत को बताया गया कि इन तीनों के साथ अन्य के खिलाफ निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इस पर एनआइए कोर्ट द्वारा लिया गया संज्ञान सही है, क्योंकि इनके खिलाफ टेरर फंडिंग का पर्याप्त एवं ठोस सबूत है।

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हालांकि इस मामले में अभी बहस पूरी नहीं हो सकी है। इसके बाद अदालत ने 26 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। हालांकि इस दौरान आरोपितों की अंतरिम राहत बरकरार रहेगी। इससे पहले सुनवाई के दौरान एनआइए के अधिवक्ता ने कहा कि इन आरोपितों के खिलाफ एनआइए ने पर्याप्त सबूत जुटाए हैं। इसके लिए उनके पास लोगों के बयान और दस्तावेजीय साक्ष्य भी हैं। करीब पांच घंटे तक चली सुनवाई के दौरान एनआइए ने कहा कि इनके खिलाफ चार्जशीट में जितनी भी बातें कही गई हैं, वह पूरी तरह से सही हैं।

ऐसे में इनका कहा जाना कि वे इस मामले में पीड़ित हैं, वह पूरी तरह से गलत है, क्योंकि वे लोग वहां पर काम करने के लिए नक्सलियों का सहारा लेते थे और उनके बदले उन्हें फंडिंग करते थे। इस मामले में आरोपितों की ओर से कहा गया है कि वे इस मामले में पीड़ित हैं, क्योंकि वहां पर काम करने के लिए उनसे रंगदारी वसूली जाती थी।

इसलिए वे पीड़ित हैं, लेकिन एनआइए ने उन्हें आरोपित बना दिया है। बता दें कि टंडवा के आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट में शांति समिति के जरिये लेवी की वसूली की जाती थी। इसका कुछ भाग उग्रवादी संगठन टीपीसी को दिया जाता था, जिसका इस्तेमाल वे हथियार खरीदने में करते थे। पहले इसकी जांच पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में एनआइए टेकओवर कर इस मामले की जांच कर रही है।


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