नेताजी ने ट्रैक्टर चलाया तो विपक्ष बोला, डीजल की कीमत बढ़ा किसानों को बैल भरोसे छोड़ दिया... पढ़ें सियासत की कही-अनकही
Political Gossip in Jharkhand. लोग कह रहे हैं कि डीजल की कीमत बढ़वाकर किसानों को तो बैल भरोसे ही छोड़ दिया है। खैर छोडि़ए लोगों की तो कहने की आदत है।
रांची, [आशीष झा]। खेती के लिए ट्रैक्टर पर निर्भरता खत्म होने से रही, लेकिन अभी उपलब्धता कम है। ट्रैक्टर रेत यानी बालू की ढुलाई में लगाए गए हैं, तो खेतों की जोत में बैल ही लगेंगे ना। हालांकि, सांसद का रुतबा देखते हुए दोनों का इंतजाम किया गया था। ट्रैक्टर भी लगे थे और बैल भी सजे थे। राजधानी के सांसद को भला इन चीजों से क्या काम, लेकिन जनता के बीच जाने का खेती से बेहतर अवसर क्या होगा। सो, उतर गए मैदान में और बैल भी जोत दिया और लगे हाथ ट्रैक्टर भी चला दी। विपक्षी दलों का आरोप है कि दोनों काम एक ही खेत में हुआ। छोडि़ए, इनकी तो आदत है। ट्वीट पर तस्वीर खूब पसंद आई। पांच सौ लोगों ने पसंद भी किया। लेकिन, टिप्पणियां याद रहेंगी। बैल वाली तस्वीर पर एक टिप्पणी थी - डीजल की कीमत बढ़वाकर किसानों को तो बैल भरोसे ही छोड़ दिया है।
आत्मनिर्भर हैं, घर रहे या जाए
झारखंड में ऐसे कई लोग हैं, जो पहले से ही आत्मनिर्भर हैं। लेकिन, ऐसे लोग सत्ता को फूटी आंख भी नहीं भाते। अब जबसे भाजपा ने सत्ता गंवाई है, तरह-तरह से आक्रमण हो रहे हैं। विधायकों से लेकर पूर्व मंत्रियों तक को नहीं छोड़ा। इसी क्रम में पूर्व मंत्री अमर बाउरी और विधायक विरंची नारायण से घर खाली कराने पर पूरी टीम लग गई है। इसके पीछे दिमाग किसका है, यह खुलासा तो वक्त ही करेगा, लेकिन हम बता दें कि इससे किसी का कुछ बिगडऩे से रहा। अमर बाउरी तो खुद ही कह रहे हैं कि अगर किसी की जिद है, तो सामान निकालकर बाहर रख दें। निश्चित रूप से वो आगे की रणनीति बना चुके हैं। दूसरी ओर, विरंची नारायण ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है। विरंची इस लड़ाई को ऐसे अपने हाथों से जाने नहीं देंगे। राजनीति भी होगी और पूरा फायदा भी मिलेगा।
गृहप्रवेश को तैयार नहीं भाई
जबसे बड़ी बहन प्रियंका का घर छीनने की पहल हुई है, तबसे हाथवाली पार्टी में कोई गृहप्रवेश को तैयार नहीं है। पहले की तुलना में सर्वाधिक विधायक तो इसी पार्टी के बढ़े हैं, सो नए मकान भी आवंटित होने लगे हैं। लेकिन, बताते हैं कि कोई अपने घर में प्रवेश की तैयारी करता नहीं दिख रहा। यह तैयारी सिर्फ भवन प्रमंडल तक ही सीमित है। तैयारियों के हिसाब से तो विधायकों का मूवमेंट भी शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा। अब सूत्र बताते हैं कि अगर किसी ने तामझाम के साथ गृहप्रवेश किया तो निश्चित ही दीदी से लेकर भैया तक का मूड खराब हो सकता है। ऐसे में फिलहाल सभी ने गृह प्रवेश का प्लान छोड़ दिया है और जल्द ही नई तिथियां तय कर आगे की राह पकड़ेंगे, ताकि घर भी मिले और नाराजगी भी नहीं।
इरफान की सवारी, धक्का जारी
जिन भैया लोगों को इरफान का मतलब नहीं पता हो, वो अब समझ लें। एक इरफान थे जिनकी कलाकारी की पूरी दुनिया कायल थी और एक इरफान ये हैं, जिनके नेता और अभिनेता होने पर कोई शक नहीं कर सकता। सो, कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने अपनी स्कॉर्पियो खड़ी की और खुद के साथ-साथ अपने साथियों को धक्का देने में लगा दिया। एक साथी वीडियो बनाने में जुटा तो एक अन्य का ऑडियो शामिल हुआ। बताया गया कि कैसे दो बार के विधायक अपनी कमाई से गाड़ी तक दुरुस्त नहीं रख पाते। दूसरों की तरह नहीं, जो गाडिय़ां बदलने में लगे रहते हैं। खैर, शनिवार की इस वीडियो पर हम तो कहेंगे कि इरफान भाई से सीख लेनी चाहिए। वे अपनी गाड़ी को भी धक्का दे रहे और कांग्रेस की गाड़ी को भी। जगजाहिर है कि सीएम से तो सिर्फ इन्हीं की बनती है।