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Jharkhand: श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन पर बांटी मिठाई तो मेधा डेयरी ने दिया वार्निंग लेटर, जानें पूरा मामला

Jharkhand Latest News मेधा डेयरी में पांच अगस्त को मिठाई बांटी थी। छह दिन बाद कंपनी ने चेतावनी जारी की। भाजपा ने कहा कि हेमंत सरकार तुष्टिकरण की सीमा पार कर रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:01 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 08:09 AM (IST)
Jharkhand: श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन पर बांटी मिठाई तो मेधा डेयरी ने दिया वार्निंग लेटर, जानें पूरा मामला
Jharkhand: श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन पर बांटी मिठाई तो मेधा डेयरी ने दिया वार्निंग लेटर, जानें पूरा मामला

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार के उपक्रम झारखंड कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (मेधा डेयरी) प्रबंधन ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन के मौके पर मिठाई बांटने वाले अपने कर्मचारी को वार्निंग लेटर दिया है। प्रबंधन के स्तर से की गई इस कार्रवाई ने राजनीतिक तूल पकडऩा शुरू कर दिया है। भाजपा ने इसे राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीति से जोड़ते हुए सरकार पर निशाना साधा है।

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मेधा डेयरी प्रबंधन के स्तर से मंगलवार को कर्मचारी सौरभ सिंह को वार्निंग लेटर जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस कार्यालय में सभी धर्म के लोग काम करते हैं, ऐसे में ऐसा करना गैर वाजिब है। मेधा डेयरी के कर्मी सौरभ सिंह को यह चेतावनी भी दी गई है कि दोबारा ऐसा किया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सौरभ ने बताया कि उसने पांच अगस्त को कर्मचारियों के साथ अपनी खुशी साझा की थी।

लेकिन, उन्हें पत्र छह दिन बाद 11 अगस्त को जारी किया गया है। इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि हेमंत सरकार ने तुष्टिकरण की सारी सीमाओं को पार कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक ओर झारखंड सरकार की मेधा डेयरी रमजान मुबारक का विज्ञापन देती है और अपने कार्यालय में इफ्तार पार्टी मनाने की छूट देती है, वहीं दूसरी ओर भगवान श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के अवसर पर कार्यालय में मिठाइयां बांटने वाले व्यक्ति को वार्निंग लेटर दे दिया जाता है।

प्रतुल ने कहा की भाजपा इस दोहरी नीति की कड़ी निंदा करती है और सरकार से मांग करती है की वह अविलंब इस पत्र को वापस ले। साथ ही, इसे जारी करने वाले अधिकारी को बर्खास्त करे। प्रतुल ने सवाल उठाया कि जब सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय आने के बाद प्रधानमंत्री ने भगवान श्रीराम जन्मभूमि का भूमिपूजन किया, तो यह पूरा कार्यक्रम कैसे सांप्रदायिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम पूरे राष्ट्र के लिए आस्था के प्रतीक हैं। इस तरह का पत्र पूरे राष्ट्र की भावना को आहत करता है। सरकार को अपने इस कुकृत्य के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।

भाजपा प्रवक्‍ता प्रतुल शाहदेव द्वारा किया गया ट्वीट।


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