14 दिन क्वारंटाइन का डर, रजिस्ट्रेशन कराकर भी झारखंड नहीं आए पौने दो लाख लोग Ranchi News
Jharkhand Today News सड़क मार्ग से झारखंड आने के लिए 210533 लोगों ने निबंधन कराया लेकिन महज 11.56 फीसद लोग पहुंचे। क्वारंटाइन नियम से लोग भाग रहे हैं।
रांची, [आशीष झा]। विभिन्न माध्यमों से झारखंड पहुंचनेवालों लोगों और झारखंड आने के लिए निबंधन करानेवालों की संख्या में जमीन-आसमान का अंतर है। हजारों की संख्या में लोग झारखंड के शहरों में लौटने के लिए निबंधन करा रहे हैं लेकिन आनेवालों की संख्या इससे कहीं कम हैं। सड़क मार्ग से तो बहुत ही खराब हाल है। निबंधन करानेवाले लोगों की तुलना में महज 11.56 फीसद लोग ही झारखंड पहुंच रहे हैं।
यह आंकड़े 20 जुलाई के बाद से 4 अगस्त तक के हैं और इस दौरान किसी भी तरीके से झारखंड आनेवालों को 14 दिन क्वारंटाइन पर रहने के लिए जरूरी कर दिया गया है। ऐसा होने के कारण लोगों ने निबंधन भले ही करा लिया हो, आए नहीं। विभाग इस बात का भी पता लगाने में जुटा है कि कहीं लोग चुपचाप झारखंड पहुंच तो नहीं गए? दर्जनों लोग क्वारंटाइन से बचने के लिए जानकारी छिपाकर झारखंड में घुस आ रहे हैं। ऐसे लोगों से संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ रहा है।
देश के विभिन्न हिस्सों से झारखंड वापस आने के लिए लोगों ने निबंधन कराया। पिछले 15 दिनों में निबंधन करानेवालों की संख्या 2,24,825 रही लेकिन इनमें से महज 63917 लोग झारखंड पहुंचे हैं। इनमें भी 40 हजार से अधिक ऐसे हैं जिन्होंने वायु मार्ग अथवा रेलवे के माध्यम से झारखंड वापसी की है। ऐसे लोगों के पास अपनी पूरी जानकारी देने के अलावा कोई चारा नहीं होता है और सभी से फॉर्म भरवाकर उन्हें होम क्वारंटाइन में भेज दिया गया है।
सड़क मार्ग से लौटनेवाले हजारों लोगों ने सूचनाएं छिपाई हैं। विभाग के लिए यह भी विश्वास करना आसान नहीं है कि जिस प्रदेश में 20 हजार से अधिक लोग हवाई मार्ग से लौटे हैं वहां सड़क मार्ग से लौटनेवालों की संख्या महज 24 हजार रही हो। रेलवे से भी 21 हजार से अधिक लोग लौटे हैं।
ऐसे में विभाग यह मानकर चल रहा है कि सड़क मार्ग से आने के लिए निबंधन करानेवाले करीब पौने दो लाख लोगों में से अधिसंख्य विभिन्न माध्यमों से झारखंड में प्रवेश कर गए हैं और अपनी सूचनाएं छिपा रहे हैं। 20 जुलाई से 4 अगस्त तक सड़क मार्ग से आने के लिए 2,10,533 लोगों ने निबंधन कराया लेकिन विभन्न चेकपोस्ट क्रास कर झारखंड पहुंचनेवालों की संख्या 24,346 (11.56 फीसद) रही।
'हमने यह जानने की कोशिश लगातार की है कि आखिर लोग निबंधन कराकर आ क्यों नहीं आ रहे हैं? बुधवार को इस क्रम में विभाग से 450 लोगों से फोन पर संपर्क किया गया और इनमें से 122 लोगों ने सीधे सख्त क्वारंटाइन नियमों को नहीं आने का कारण बताया। कई लोग अपना कार्यक्रम बदलने की बात कहते हैं। विभाग सख्त नियमों को ही कारण मान रहा है। हमारी कोशिश है कि दूसरे राज्यों से अकारण झारखंड आनेवालों को रोका जा सके।' -के. रवि कुमार, सचिव, परिवहन विभाग।