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Coronavirus Ranchi: पारस अस्पताल में भर्ती हुई कोरोना पॉजिटिव 9 साल की बच्ची, अफसरों ने खतरे में डाल दी जान

Ranchi Jharkhand Coronavirus News Update कोरोना के मरीजों के लिए कोविड अस्पतालों में बेड की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने 250 बेड का कोविड वार्ड अलग से तैयार किया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 09:15 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 06:12 PM (IST)
Coronavirus Ranchi: पारस अस्पताल में भर्ती हुई कोरोना पॉजिटिव 9 साल की बच्ची, अफसरों ने खतरे में डाल दी जान
Coronavirus Ranchi: पारस अस्पताल में भर्ती हुई कोरोना पॉजिटिव 9 साल की बच्ची, अफसरों ने खतरे में डाल दी जान

रांची, जांस। नामकुम की रहने वाली 9 साल की कोरोना पॉजिटिव थेलेसिमिक बच्ची को 3 कोविड अस्पताल में भर्ती नहीं लिए जाने मामले में रिम्स प्रबंधन की भी लापरवाही सामने आयी है। जब संक्रमित बच्ची को पारस से रिम्स भेजा गया था तब एसडीओ लोकेश मिश्रा के निर्देश के बाद रिम्स में उसके लिए बेड तक एलोकेट कर दिया गया था। रिम्स में संक्रमित बच्ची का रजिस्ट्रेशन तक होने के बावजूद उसे वापस लौटा दिया गया। वहीं नामकुम सीओ शुभ्रा रानी ने कहा कि संक्रमित मिलने पर खुद सिविल सर्जन को उसे ट्रेस करना था, लेकिन रिपोर्ट आने के काफी देर बाद तक उन्होने सुद नहीं ली।

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करीब तीन बजे बच्ची को ट्रेस करते हुए खुद एम्बुलेंस आयी जो उसे पारस अस्पताल ले गई। ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधा नहीं होने के कारण उसे रिम्स भेजा गया था। और उसकी सूचना सिविल सर्जन को भी दी गई थी। इधर, सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद को भी सूचना दिए जाने के बाद भी इन्होने ना तो बच्ची को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया और ना ही उसकी ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जा सकी।  

पारस अस्पताल में किया गया भर्ती, हुआ ब्लड ट्रांसफ्यूजन 

इधर, मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद सोमवार को संक्रमित थैलेसीमिया से पीड़ित बच्ची को पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद उसका ब्लड ट्रांसफ्यूजन भी किया गया। अब बच्ची की स्थिति पहले से बेहतर है।  

मामला संज्ञान में आने के बाद संक्रमित मरीज को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही सभी अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि किसी भी स्थिति में गंभीर मरीजों का इलाज अस्पताल में सुनिश्चित किया जाए। -छवि रंजन, उपयुक्त, रांची। 

कोरोना के नाम पर नामकुम सीओ शुभ्रा रानी द्वारा लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। बिना आईडीएसपी व सिविल सर्जन को सूचना दिए सीओ ने 108 एम्बुलेंस से 9 साल की संक्रमित बच्ची को कोविड अस्पताल भेज दिया। नतीजा यह हुआ कि बच्ची करीब 8 घंटा कोविड अस्पताल के चक्कर लगाती रही लेकिन ना पारस अस्पताल में उसे भर्ती लिया और ना ही रिम्स व रिसलदार बाबा अस्पताल ने भर्ती किया।

अंत में बच्ची को रात 9:30 बजे एम्बुलेंस ने नामकुम स्थित उसके घर में वापस छोड़ दिया। इस दौरान बच्ची की जान भी जा सकती थी। बच्ची के पिता ने बताया कि बच्ची थैलेसीमिया से ग्रसित है। अस्पताल में उसका ब्लड ट्रांसफ्यूजन होना था, लेकिन किसी अस्पताल ने भर्ती नहीं लिया। उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व सदर अस्पताल में बच्ची का सैंपल जांच के लिए लिया गया था। जिसकी रिपोर्ट रविवार को पॉजिटिव आयी।

पारस से भेजा रिम्स, 3 घंटे एम्बुलेंस में रहने के बाद वहां भी भर्ती नहीं

बच्ची के पिता ने बताया कि करीब 3 बजे एम्बुलेंस संक्रमित को लेकर पारस अस्पताल पहुंचा। वहां 3 घंटे इंतजार करने के बाद भर्ती लेने से इंकार करते हुए 6 बजे रिम्स भेज दिया। रिम्स में भी करीब ढाई घंटे इंतजार के बाद बेड नहीं है बताकर डोरंडा भेज दिया गया। अंत में वहां भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन की व्यवस्था नहीं है बताकर एडमिट नहीं लिया गया। इधर, सिविल सर्जन को भी सूचना मिलने पर संक्रमित को दोबारा पारस अस्पताल भेजकर भर्ती लेने के लिए कहा गया, बावजूद बच्ची भर्ती नहीं हो सकी। 

मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जा रही है। लापरवाही तो हुई है। अगर किसी अधिकारी को संक्रमित होने की सूचना मिली तो उसे पहले आईडीएसपी या प्रशासन को सूचित करना है। लेकिन सूचना नहीं दी गई। वहीं पारस अस्पताल को भी शोकोज किया जाएगा। डॉ वीबी प्रसाद, सिविल सर्जन।

आनन-फानन में 250 बेड बढ़ाया

कोरोना के मरीजों के लिए कोविड अस्पतालों में बेड की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने 250 बेड का कोविड वार्ड अलग से तैयार किया है। वर्तमान में रिम्स में 100 बेड, सीसीएल अस्पताल में 60 बेड, पारस अस्पताल में 50 बेड, बाबा रिसलदार अस्पताल में 70 बेड है। जबकि रातू रोड स्थित सर्ड क्वारांटाइन सेंटर को जिला प्रशासन द्वारा कोविड सेंटर में बदलकर 100 बेड की व्यवस्था की है। वहीं बनहेरा स्थित टाना भगत प्रशिक्षण केन्द्र में 120 बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा रिसलदार बाबा अस्पताल में और 30 बेड बढ़ाए गए है। उक्त जानकारी सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि सभी सेंटर का निरीक्षण किया जा चुका है। ऑक्सीजन, बिजली, पानी, खाना समेत अन्य संसाधन उपलब्ध करा दिए गए है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए और 200 बेड की व्यवस्था की जा रही है। 

वर्तमान में कहां कितने बेड

  • रिम्स - 100 (60 सामान्य + 40 गंभीर)
  • सीसीएल अस्पताल, गांधीनगर - 60
  • पारस अस्पताल - 50 (38 सामान्य + 12 गंभीर)
  • रिसलदार बाबा अस्पताल - 100
  • टाना भगत प्रशिक्षण केन्द्र - 120
  • सर्ड - 100

मेडिकल स्टाफ किए गए तैनात

सिविल सर्जन ने बताया कि दोनों नए सेंटरों में मेडिकल स्टाफ तैनात किए गए है। नर्सो के अलावा तीन चिकित्सक नियमित रूप से मरीजों का इलाज करेंगे। मरीजों की तबीयत बिगड़ने की स्थिति में मरीज को तुरंत रिम्स या पारस अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। सभी सेंटरों में प्रशासन की भी तैनाती की गई है।


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