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रांची डीटीओ ने रिंग रोड पर वाहनों की जांच की, 27 गाड़‍ियों से 1.16 लाख रुपये वसूले

Vehicle Checking in Ranchi Jharkhand News वाहनों के चालकों से वाहन के कागजात और उनके ड्राइविंग लाइसेंस की जांच की गई। किसी के कागजात पूरे नहीं थे तो कुछ वाहन ओवरलोडिंग थे। डीटीओ ने कहा कि नियमों के उल्‍लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 03:17 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 10:07 PM (IST)
रांची डीटीओ ने रिंग रोड पर वाहनों की जांच की, 27 गाड़‍ियों से 1.16 लाख रुपये वसूले
Vehicle Checking in Ranchi, Jharkhand News डीटीओ ने कहा कि नियमों के उल्‍लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।

रांची, जासं। रांची जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण कुमार प्रकाश ने मंगलवार को खरसीदाग, रिंग रोड पर जांच अभियान चलाया। इस दौरान 121 छोटी-बड़ी वाहनों की जांच की गई। सभी वाहन के चालकों से वाहन के कागजात और उनके ड्राइविंग लाइसेंस की जांच की गई। इनमें से 27 वाहनों के कागजात पूरे नहीं थे, तो कुछ वाहन ओवरलोडिंग थे। फिलहाल इन वाहनों पर 1.16 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। इसके अतिरिक्त वाहन चालकों से ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि की जांच की गई। 27 गाड़ियों को सड़क सुरक्षा कानून और विभिन्न परिवहन नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया।

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परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश ने कहा कि राजधानी रांची में जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान वाहनों की सड़क सुरक्षा नियमों के अनुपालन संबंधी जांच की जा रही है। साथ ही वाहन के पेपर इत्यादि की जांच भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आमजनों से अपील है कि घर से गाड़ी लेकर निकलने से पहले सभी सुरक्षा नियमों, ट्रैफिक नियमों का अनुपालन अवश्य करें। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सीएम से नगर पालिका भवन न्यायाधिकरण बनाने की मांग

मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नगरपालिका भवन न्यायाधिकरण गठन करने की मांग की गई है। इसके लिए मेयर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार अतिक्रमण के नाम पर गरीबों के आशियाने उजाड़ रही है। मेयर का कहना है कि गरीबों को नोटिस देकर सिर्फ खानापूरी की जा रही है। जबकि, राज्य सरकार को झारखंड न्यायपालिका अधिनियम-2011 की धारा-442 के तहत नगरपालिका भवन न्यायाधिकरण का गठन किया जाना है, ताकि नगर आयुक्त द्वारा जिन भवनों को अवैध घोषित किया जा रहा है, उनके मालिक नगर आयुक्त के निर्णय के विरुद्ध नगरपालिका भवन न्यायाधिकरण में अपील कर सकें।


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