Aman Sahu: गैंगस्टर अमन साहू के श्राद्धकर्म में शामिल नहीं हो पाएगा भाई आकाश, कोर्ट से खारिज हुई जमानत याचिका
रांची की एक अदालत ने एनआईए के एक मामले में जेल में बंद आकाश कुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने अपने भाई अमन साव के श्राद्ध में शामिल होने के लिए 13 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। अमन साव को पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया था। आकाश कुमार पर टेरर फंडिंग के पैसे से फॉर्च्यूनर कार खरीदने का आरोप है।

राज्य ब्यूरो, रांची। पुलिस मुठभेड़ में मारा गया अपराधी अमन साव के श्राद्धकर्म में जेल में बंद उसका भाई आकाश कुमार शामिल नहीं हो सकेगा।
एनआइए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत ने सोमवार को उसकी ओर से श्राद्धकर्म में शामिल होने के लेकर दाखिल औपबंधिक जमानत याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी है।
अमन साव के मारे जाने के बाद 11 मार्च को भाई के श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए उसने 13 दिनों की औपबंधिक जमानत की मांग की थी।
टेरर फंडिंग के पैसे से फार्च्यूनर खरीदने का आरोप
- आकाश साव वर्तमान में एनआइए से जुड़े मामले में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में है। एनआइए ने उसे छह अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया था।
- उसपर टेरर फंडिंग के पैसे से फार्च्यूनर कार खरीदने का आरोप है। बता दें कि कोर्ट के आदेश पर पेशी के लिए रायपुर से रांची लाया जा रहे अमन साव को पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र में एनकाउंटर कर ढेर कर दिया गया।
एक मयंक सिंह अजर बैजान, दूसरे का पता मलेशिया में
गैंगस्टर अमन साव के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद फेसबुक पर खुद को गैंग का उत्तराधिकारी बताने वाला मयंक सिंह मलेशिया में है। झारखंड पुलिस ने उसका पता लगा लिया है।
वहीं, एक अन्य मयंक सिंह, जिसका दूसरा नाम सुनील सिंह मीणा है, वह अजर बैजान में हिरासत में है। उसे भारत लाने का रास्ता साफ हो चुका है। झारखंड एटीएस के आवेदन पर अजर बैजान ने हरी झंडी दे दी है।
अब पुलिस मुख्यालय के स्तर से सीनियर पुलिस अधिकारी को अजर बैजान भेजा जाएगा, जो वहां से मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा को लेकर झारखंड आएंगे।
एटीएस के आग्रह पर सीबीआइ के माध्यम से जारी रेड कार्नर नोटिस पर मयंक सिंह उर्फ सुनील सिंह मीणा पकड़ा गया था।
उसपर लॉरेंस गैंग के लिए काम करने, अमन साव से ताल्लुक रखने व अमन के इशारे पर झारखंड के व्यवसायियों से रंगदारी के लिए इंटरनेट कॉल के माध्यम से धमकाने का आरोप है।
अजर बैजान में वह वीजा अवधि समाप्त होने के बाद पकड़ा गया था। वह मूल रूप से राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के मंडी थाना क्षेत्र के घड़साना का रहने वाला है।
झारखंड एटीएस ने डेटा विश्लेषण के आधार पर यह दावा किया था कि राजस्थान का सुनील सिंह मीणा ही मयंक सिंह है।
इसके बाद ही उसकी फरारी की स्थिति में उसके आवास पर एटीएस ने गत वर्ष 27 अप्रैल 2024 को उसके राजस्थान स्थित आवास पर राजस्थान पुलिस के साथ पहुंचकर ढोल-नगाड़े के साथ इश्तेहार चिपकाया था।
अब फेसबुक पर सक्रिय मयंक सिंह को भी पकड़ने की चल रही है तैयारी
इधर, फेसबुक पर लगातार सक्रिय रहे मयंक सिंह व उसके सहयोगी राहुल सिंह को पकड़ने के लिए झारखंड पुलिस की तैयारी चल रही है।
अमन साव के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद मयंक सिंह व राहुल सिंह ने खुद को गैंग का उत्तराधिकारी घोषित किया था।
झारखंड पुलिस ने उसके तीन सहयोगियों को पकड़ा था, जिनसे उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसी क्रम में मयंक सिंह के मलेशिया में बैठकर फेसबुक पोस्ट करने व वहीं से झारखंड के व्यवसायियों को इंटरनेट काल पर धमकाने की जानकारी पुलिस को मिली है। जिसका सत्यापन कार्य भी पूरा हो चुका है।

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