गम-गुस्से में दिनभर उबलती रही रांची
रांची : पुलवामा हमले के विरोध में दूसरे दिन भी रांची गम, गुस्से और आक्रोश का इजहार करती रह
रांची : पुलवामा हमले के विरोध में दूसरे दिन भी रांची गम, गुस्से और आक्रोश का इजहार करती रही। शहर का कोना-कोना आक्रोश से धधक रहा था। हर चेहरे पर गुस्सा और क्रोध था। शनिवार को अलबर्ट एक्का चौक इसका गवाह रहा। सुबह से लेकर देर शाम तक। हर समाज और संगठन के लोग आए। घरों से निकलकर जैन समाज की महिलाएं आई, बच्चे आए। हाथ में कैंडल लेकर दो मिनट का मौन रखा। हर 10 मिनट पर युवाओं की टोली अलबर्ट एक्का चौक पर पहुंच कर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रही थी। इस दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी खूब लग रहे थे।
वीमेंस कॉलेज, साइंस ब्लॉक की छात्राएं दोपहर को अपने ब्लॉक से कैंडल लेकर निकलीं और आर्ट ब्लाक तक अपने गुस्से का इजहार करती रहीं। उन्होंने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यह शहर अपने लाल के शहीद होने पर गमजदा था।
सुधा कॉम्प्लेक्स दुकानदार संघ के बैनर तले लोग आए और अलबर्ट एक्का चौक पर श्रद्धांजलि दी। प्यादा टोली नवयुवक संघ ने भी गुस्से का इजहार किया। पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। ईट का जवाब पत्थर से देने का इंकलाबी नारा बुलंद किया। इसी बीच मोटरसाइकिल पर तिरंगा लहराते युवकों की टोली आई। पाकिस्तान होश में आओ, पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए निकल गई।
निकाल रहे थे रैली, चौक पर रुककर दी श्रद्धांजलि : पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ के हजारों लोग अपनी मांगों को लेकर मोरहाबादी से लेकर मेन रोड तक रैली निकाली। हालांकि जब अलबर्ट एक्का चौक पर पहुंचे तो कुछ क्षण रुककर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि देनेवालों का कारवां आता रहा : दोपहर से लेकर शाम तक श्रद्धांजलि देने वालों का कारवां आता रहा, गुजरता रहा। किसी के हाथ में पाकिस्तान मुर्दाबाद की तख्ती, पाकिस्तान होश आओ की तख्तियां थीं। देश का तिरंगा था और आग के हवाले पाकिस्तानी झंडा। अलबर्ट भी 1971 के युद्ध में शहीद हो गए थे। आज उनके के जिले के विजय सोरेंगे को श्रद्धांजलि देने शहर के लोग चौक पर जुटे। एक शहीद को दूसरे शहीद के प्रतिमा स्थल पर लोग श्रद्धांजलि दे रहे थे।