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BIT Mehra के दीक्षा समारोह में देखने को मिलेगी झारखंड की सभ्यता संस्कृति

Ranchi BIT Mehra अबकी बार बीआइटी मेसरा का 32वां दीक्षा समारोह नवंबर माह में होगा। समारोह में झारखंड की संस्कृति के वाहक के रूप में जनजातीय ड्रेस कोड में विद्यार्थी डिग्री लेंगे। इसके लिए तैयारियां शुरु कर दी गई हैं।

By kumar GauravEdited By: Sanjay KumarPublished: Fri, 30 Sep 2022 03:25 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 03:25 PM (IST)
BIT Mehra के दीक्षा समारोह में देखने को मिलेगी झारखंड की सभ्यता संस्कृति
Ranchi, BIT Mehra: बीआइटी मेसरा का नवंबर माह में 32वां दीक्षा समारोह।

रांची, जासं। Ranchi, BIT Mehra अबकी बार बीआइटी मेसरा का 32वां दीक्षा समारोह नवंबर माह में होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूजीसी के द्वारा दिए गए गाइडलाइन का अनुसरण बीआइटी मेसरा में शुरु कर दिया गया है। इसके लिए तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। वर्ष 2022 में स्नातक, स्नातकोत्तर व पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को डिग्री दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो समारोह में अब तक चला आ रहा ड्रेस कोड गाउन नजर नहीं आएगा। बल्कि झारखंड की संस्कृति के वाहक के रूप में जनजातीय ड्रेस कोड में विद्यार्थी डिग्री लेंगे।

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यह भी बताया जा रहा है कि दीक्षा समारोह को लेकर कुलपति डा इंद्रनील मन्ना की अध्यक्षता में एक बैठक 10 अक्टूबर को होनी है। जिसमें समारोह से संबंधित सभी प्रस्तावों व तैयारियों पर अंतिम मुहर लगेगी। बीआइटी मेसरा के 32वें दीक्षा समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी की करीब 1600 डिग्रियां बंटेंगी। संस्थान में इंजीनियरिंग के अलावा एमबीए, होटल मैनेजमेंट पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। हर विभाग के टापर को समारोह में गोल्ड मेडल मिलेगा। डा उत्पल बाउल दीक्षा समारोह के चेयरमैन बनाए गए हैं।

यूजीसी के गाइडलाइन का हो रहा अनुसरण

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूजीसी के द्वारा दिए गए गाइडलाइन का अनुसरण बीआइटी मेसरा में शुरु कर दिया गया है। जिसका असर दीक्षा समारोह में देखने को मिलेगा। इसे लेकर अभी से ही तैयारियां तेज कर दी गईं हैं।

बताया गया कि लोकल आर्ट व आर्टिस्ट को बढ़ावा देने के लिए अबकी बार नए ड्रेस कोड को तैयार किया जा रहा है। जिसके तहत पूरे कैंपस में जनजातीय ड्रेस कोड पर अमल किया जाएगा। फिलहाल जनजातीय पैटर्न की बंडी और बैज को फाइनल किया गया है। इसके साथ सफेद रंग के कुर्ता व पायजामा को शामिल किया जाएगा।

हालांकि बंडी का रंग विभिन्न विषयों के लिए अलग अलग होगा। इस संबंध में बीआइटी मेसरा के किसी भी पदाधिकारी ने कुछ भी बोलने से इंकार किया है। लेकिन अंदरखाने की रिपोर्ट की माने ताे इस दीक्षा समारोह में सबकुछ बदला बदला रहेगा। इसे लेकर यहां के छात्र छात्राओं में भी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है।

दिखेगी झारखंड की संस्कृति

बीआइटी मेसरा के दीक्षा समारोह में झारखंड की सभ्यता संस्कृति देखने को मिलेगी। डिग्री व पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का जो ड्रेस कोड तय किया गया है, उसमें विशेष तौर पर झारखंड की संस्कृति देखेगी। कुड़ुख पैटर्न की बंडी और बैज में विद्यार्थी डिग्री प्राप्त करेंगे।

बता दें कि राज्य में इस तरह की पहल करने वाला बीआइटी मेसरा पहला संस्थान होगा। वहीं इससे पूर्व रांची यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह के लिए ड्रेस कोड बदला गया था लेकिन इसमें जनजातीय शिल्प या परिधान शामिल नहीं किए गए थे। बताया गया कि लोकल आर्ट व आर्टिस्ट को बढ़ावा देने के मकसद से जनजातीय ड्रेस कोड को बढ़ावा दिया जा रहा है।


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