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Positive India: खुले हाथ से देते दान, गरीबी मिटाने आगे आई प्रोफेशनल्स की 'पैराडाइज'; आप भी जानिए

Positive India तब गरीबी से लड़ाई लड़ने को 14 प्रोफेशनल ने मिलकर पैराडाइज संस्‍था बनाई यह कारवां बढ़ते-बढ़ते आज 150 लोगों की सबल टीम बन गई है। ये गरीबों को संबल देने में जुटे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 05:39 AM (IST)
Positive India: खुले हाथ से देते दान, गरीबी मिटाने आगे आई प्रोफेशनल्स की 'पैराडाइज'; आप भी जानिए
Positive India: खुले हाथ से देते दान, गरीबी मिटाने आगे आई प्रोफेशनल्स की 'पैराडाइज'; आप भी जानिए

रांची, [ब्रजेश मिश्र]। झारखंड। आदिवासियों की धरा। जल-जंगल-जमीन और खनिज की प्रचुरता वाला धनी राज्य। लेकिन, यहां के लोगों पर गरीबी हावी है। अब भी कई परिवार ऐसे हैं, जिन्‍हे बमुश्किल दो जून की रोटी नसीब होती है। गरीब यहां मामूली सुविधाओं के भी मोहताज हैं। तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद बड़ी आबादी का जीवन स्‍तर निम्‍न है। बेरोजगारी भी चरम पर है। गरीबी उन्‍मूलन के लिए कई संस्‍थाएं काम कर रहीं, लेकिन 'पैराडाइज' इनमें खास है।

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चलो, आज हम कल बदलते हैं...गरीबी पर चौतरफा चोट कर रही प्रोफेशनल्स की 'पैराडाइज' आजकल खूब चर्चा में है। रांची की यह संस्‍था गरीबी उन्‍मूलन में जी-जान से जुटी है। तब गरीबी से लड़ाई लड़ने को महज 14 प्रोफेशनल्स ने मिलकर पैराडाइज संस्‍था बनाई, यह कारवां बढ़ते-बढ़ते आज 150 लोगों की सबल टीम बन गई है। ये गरीबों को अपने पैरों पर खड़े करने में दिन-रात लगी है।

कबीर ने लिखा है.. साईं इतना दीजिये, जा मे कुटुम समाय। मै भी भूखा न रहूं, साधु ना भूखा जाए। रांची के युवाओं की ओर से गठित संस्था पैराडाइज कबीरदास के इस सिद्धांत को पूरी शिद्दत से आगे बढ़ा रही है। समाज के अलग-अलग वर्गों के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए इस संस्था के सदस्य मासिक रूप से नियमित दान कर रहे हैं। संपन्न वर्ग से आने वाले इन लोगों के दान से गरीब लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आ रहा है। वर्तमान में इस संस्था से अपने-अपने क्षेत्र में कामयाब करीब 150 लोग जुड़े हैं। गरीबों की संबल बनी यह संस्‍था अपने सराहनीय उद्देश्‍यों और सकारात्‍मक प्रयासों से चहुंओर चर्चा में है।

संस्था गिविंग बैक टू सोसायटी के सिद्धांत पर काम करते हैं। इनका मानना है कि अब तक तो हमने समाज से लिया है। अब समाज को लौटाने का वक्त आ गया है। आज का प्रयास कल के सुनहरे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह संस्था हर माह डेढ़ लाख रुपये तक का दान अलग-अलग संस्थाओं को कर रही है। अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर काम करने वाले जरूरतमंद लोगों की ओर से किये जा रहे सकारात्मक कार्य को आगे बढ़ाने की पहल करती है।

मई 2019 में गठित की संस्था

मई 2019 में 14 समान विचारधारा वाले दोस्तों ने मिलकर पैराडाइज का गठन किया। सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकरण कराया। वर्तमान में संस्था के सदस्यों की संख्या 150 तक पहुंच गयी है। हर माह यह लोग 1000-1000 रुपये का अंशदान करते है। सोसाइटी का उद्देश्य गरीबों को राहत देना है। इसमें चिकित्सा राहत, शिक्षा एवं सार्वजनिक उपयोगिता की किी भी वस्तु की उन्नति के लिए काम करता है। धर्म, जाति, रंग, पंथ अथवा लिंग के किसी भी भेद के बिना यह मदद की जाती है। 

ये रहे हैं संस्थापक सदस्य

रूशिकेश रैपत नेहा रैपत, प्रवीण अग्रवाल प्रिया अग्रवाल, सुदीप बजोरिया, दीप्ती बजोरिया, कमल फोगला, इशा फिगला, कमल नरसरिया रेखा नरसरिया, राजीव मुरारका प्रियंका मुरारका, सुमीत भगला श्रद्धा भगला, आशीष खोवाल, स्वाति खोवाल, गुरुविंदर सिंह, लखवीर कौर, अमित आर्य गिन्नी आर्य, कौशल जैन, राखी जैन, प्रकाश जैन मेघा जैन, मितेश कुमार डरोलिया, नीतू डरोलिया, आलोक पोद्दार आस्था पोद्दार। 

संस्था की ओर से इन्हें दी गयी मदद

नाम                      मदद

  1. गुरुनानक होम         1.40 लाख
  2. चिल्ड्रेन एजुकेशन      1.65 लाख
  3. विहार समाज वृद्धा आश्रम 1.35 लाख
  4. नामकुम राजकीयकृत स्कूल 1.75 लाख
  5. राष्ट्र संवर्धन समिति       1.22 लाख
  6. सेविंग लाइफ              1.00 लाख
  7. आशा                    1.13 लाख
  8. एसजीवीएस        बच्चों की सामग्री

हमारी संस्था का एक-एक सदस्य अनमोल है। हम राज्य व देश में गरीबी मिटाने के लिए एक छोटी सी पहल कर रहे हैं। आज किया गया हमारा प्रयास बेहतर कल का निर्माण करेगा। आलोक पोद्दार, संस्थापक सदस्य, पैराडाइज, रांची।


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