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रांची : बंद खदानों में जमा पानी में मछली पालन कर 35 युवा कमा रहे लाखों रुपये

यह प्रोजेक्ट ग्रामीण युवकों द्वारा बनाए गए मत्‍स्‍य पालन सहयोग समिति के जिम्मे है। प्रखंड क्षेत्र के 35 ग्रामीण युवकों का यह समूह है। इससे इन्‍हें रोजगार म‍िल गया है। मछली पालन के लिए बंद खदानों में जमा पानी को ही तालाब के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 05:30 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 05:30 PM (IST)
रांची : बंद खदानों में जमा पानी में मछली पालन कर 35 युवा कमा रहे लाखों रुपये
रांची ज‍िले के खलारी प्रखंड में बंद खदानों में बनाए गए तलाब में मछली पालन के ल‍िए केज।

संवाद सूत्र, खलारी (रांची) : रांची जिले के खलारी में मत्‍स्‍य पालन प्रोजेक्ट से मछलियों का उत्‍पादन शुरू हो गया है। यहां तक की मछल‍ियों की ब‍िक्री भी शुरू हो गई है। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी)के फंड से खलारी प्रखंड की तुमांग पंचायत में मत्‍स्‍य पालन की शुरुआत की गई है। यह प्रोजेक्ट ग्रामीण युवकों द्वारा बनाए गए मत्‍स्‍य पालन सहयोग समिति के जिम्मे है। प्रखंड क्षेत्र के 35 ग्रामीण युवकों का यह समूह है। इससे इन्‍हें रोजगार म‍िल गया है। खास बात यह है कि मछली पालन के लिए क्षेत्र की बंद खदानों में जमा पानी को ही तालाब के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। डीएमएफटी फंड से 34 लाख रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है। पांच केज में मछली का बीज डाला गया था। केज के लिए थाइलैंड से विशेष पॉलिमर से निर्मित जाल मंगाए गए थे। पांच केज में 80 हजार ‘मोनोसेक्स तेलापिया’ प्रजाति की मछली का बीच डाला गया। मत्‍स्‍य विभाग की ओर से एक नाव और कई लाइफ जैकेट समूह के युवकों को दिया गया। समूह के युवक इस नाव के माध्यम से ही केज तक जाकर मछलियों को चारा देते हैं। शुरुआत में पूरा खर्च डीएमएफटी द्वारा वहन क‍िया गया। वहीं, कमाई समूह के 35 युवकों की हो रही है। प्रोजेक्ट को आगे चलाने के लिए इस बार की कमाई से ही समूह को अगली बार के बीज और चारा की व्‍यवस्‍था करनी है। समूह में शामिल बेरोजगार ग्रामीण युवकों के लिए यह प्रोजेक्ट एटीएम की तरह है। जब जरूरत हो, केज से मछली निकालकर बेच सकते हैं।

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जिला मत्‍स्‍य पदाधिकारी डा. अरूप कुमार चौधरी की रही अहम भूमिका 

इस प्रोजेक्ट को शुरू कराने में जिला मत्‍स्‍य पदाधिकारी डा. अरूप कुमार चौधरी की अहम भूमिका रही है। चौधरी जिले के अनगड़ा सहित कई प्रखंडों में बेरोजगार युवकों से मछली पालन करा रहे हैं। अरूप कुमार चौधरी व जिला मत्‍स्‍य प्रसार पदाधिकारी शिवपूजन सिंह कई बार खलारी आकर इस प्रोजेक्ट का जायजा ले चुके हैं। डा. चौधरी ने बताया कि खलारी कोयलांचल में अनेक बंद खदान हैं, जिसमें पानी भरा है। मत्‍स्‍य पालन के लिए इनकी उपयोगिता काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है। तुमांग के बंद खदान में मत्‍स्‍य पालन प्रोजेक्ट का ट्रायल किया गया है। सफलता मिल रही है। अब खलारी के सभी बंद खदानों के जमा पानी में मछली पालन करने की योजना है। इससे सैकड़ों युवकों को रोजगार म‍िलेगा। एक आकलन के अनुसार, खलारी के सभी बंद खदान में जमा पानी में मछली पालन कर सालाना 50 करोड़ रूपये तक का मछली उत्पादन हो सकेगा। सितंबर में खलारी दौरे पर आए रांची के उपायुक्त छवि रंजन खलारी के इस केज कल्टीवेशन को देखकर काफी प्रभावित हुए थे।


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