आधे रोजेदार एतेकाफ पर बैठे, आधे आज से बैठेंगे
रांची : रमजान उल मुबारक की 20 तारीख से तन्हाई में इबादत के लिए बैठने (एतेकाफ) के मामले में मंगल और ब
रांची : रमजान उल मुबारक की 20 तारीख से तन्हाई में इबादत के लिए बैठने (एतेकाफ) के मामले में मंगल और बुध का विवाद फंस गया है। देवबंदी मसलक ने एक दिन पहले से रोजा रखना शुरू किया तो उसके मुताबिक एतेकाफ पर बैठने का दिन मंगलवार है, लेकिन बरेलवी मसलक ने एक दिन बाद से रोजा रखना शुरू किया था। इस अनुसार बरेलवी मसलक के मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने बुधवार को एतेकाफ पर बैठने का एलान किया है। हालांकि रमजान उल मुबारक महीने का तीसरा अशरा पाच जून मंगलवार शाम को मगरीब की नमाज के बाद से शुरू हो गया। नमाज अदा करने के बाद मस्जिदों में लोग एतेकाफ पर बैठ गए। बैठने से पहले सभी अपने परिवार व दोस्तों से गले मिलकर दुआ की दरखास्त की। मस्जिद कमेटियों की ओर से एतेकाफ पर बैठने वालों के लिए खास इंतजाम किए थे। एतेकाफ पर बैठे लोग अब ईद का चाद देखने के बाद ही मस्जिद से बाहर निकलेंगे। एतेकाफ के दौरान वह न तो किसी से बात करेंगे और न ही घर जाएंगे। इबादत में ही वे अपना सारा समय बिताएंगे।
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अलविदा जुमा पर संशय :
अलविदा जुमे के मसले भी भी संशय कायम हो गया है। चूंकि एदारा-ए-शरिया ने 15 जून को अलविदा जुमा होने की घोषणा कर दी है। लेकिन महीने के चांद के अनुसार अगर 14 जून को ईद का चांद नजर आ जाता है तो 15 जून शुक्रवार को ईद संभावित है। ऐसे में अलविदा जुमा आठ जून वाली शुक्रवार को संभावित है। अगर ईद की चांद 14 को नजर नहीं आता तो अलविदा जुमा 15 को होगी। इस मसले पर एदारा-ए-शरिया के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने 15 जून को अलविदा जुमे की नमाज की घोषणा की है। जबकि इमारत-ए-शरिया की ओर से इस मसले पर कोई एलान जारी नहीं किया गया है।