Jharkhand: कब्र के ऊपर पुजारी का पुतला बनाकर दाह-संस्कार, विरोध के बाद क्षेत्र में हो रही चर्चा
Jharkhand Latest News घटना झारखंड के रामगढ़ जिले की है। यहां दाह संस्कार के लिए परिजनों व परिचितों को पीपीई कीट उपलब्ध कराया गया था। सात दिन बाद अंतिम संस्कार हुआ।
रामगढ़, जासं। Ramgarh Coronavirus News झारखंड के रामगढ़ जिले में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। साथ ही इस मामले से प्रशासन पर भी सवाल खड़ा होने लगा है। दरअसल एक पुजारी की कोरोना वायरस से मौत के बाद उसे कब्र में दफना दिया गया था। इसके बाद कुछ हिंदू संगठनों द्वारा इसका विरोध किए जाने के बाद कब्र के ऊपर पुजारी का पुतला बनाकर उसका अंतिम संस्कार किया गया। इसकी चर्चा क्षेत्र में चारों ओर है।
रांची रोड के कोरोना संक्रमित पुजारी के शव का उनके धर्म के विपरीत दफना कर अंतिम संस्कार किए जाने के मामले में गुरुवार को जिला प्रशासन के अधिकारी बैकफुट पर आ गए। पहले कब्र से शव निकालकर हिंदू संस्कार के मुताबिक दाह संस्कार कराए जाने का निर्णय लिया गया, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए तय किया गया कि शव को कब्र में ही रहने दिए जाए और कब्र के ठीक ऊपर एक लकड़ी का पुतला बनाकर सांकेतिक रूप से पुजारी का दाह संस्कार किया जाए।
अंतत: इस पर सहमति बन गई और घटना के सात दिन बाद गुरुवार को जिले के प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों की मौजूदगी में सांकेतिक रूप से पुजारी के शव का अंतिम संस्कार किया गया। पुजारी के छोटे पुत्र अरविंद मिश्रा उर्फ चिंटू मिश्रा ने मुखाग्नि दी। सावधानी के मद्देनजर देर शाम प्रशासन की ओर से देर शाम चार पीपीई किट दिए गए। इसे विश्व ब्राह्मण संघ के प्रदेश महासचिव प्रदीप कुमार शर्मा, अभिषेक मिश्रा, बबलू शर्मा, अभिषेक मिश्रा व पुजारी के छोटे पुत्र अरविंद मिश्र ने पहननने के बाद अंतिम संस्कार किया। किसी और को वहां जाने की इजाजत नहीं दी गई।
मौके पर सीओ भोला शंकर महतो, एसडीपीओ अनुज उरांव, थाना प्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर विद्या शंकर, भाजपा नेता धनंजय कुमार पुटुस सहित स्थानीय लोग शामिल थे। 30 जुलाई को रांची रोड स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी सीता राम मिश्रा का निधन हो गया था। इसके बाद शव की कोरोना जांच के लिए अंतिम संस्कार से रोक दिया गया। दूसरे दिन 31 जुलाई को शव की जांच की गई।
इसमें देर शाम शव के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की गई। इसके बाद प्रशासन ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए देर रात शव को पास ही जंगल में दफन कर दिया, लेकिन हिंदू संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। बाद में हिंदू संगठन के सदस्यों ने सीओ, एसडीओ व डीसी से क्रमवार वार्ता की। इसके बाद डीसी ने शव के दाह संस्कार की अनुमति दे दी।