Move to Jagran APP

Eid Mubarak 2020: ईद करीब, कल चांद रात, रमजान पाक का अलविदा जुमा आज; घरों में इबादत कर रहे अकीदतमंद

Ramadan Mubarak 2020 Wishes ईद करीब है। कल चांद रात हो सकती है। ऐसे में लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए घरों में ही त्यौहार मनाने की तैयारी कर रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 11:26 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 04:08 PM (IST)
Eid Mubarak 2020: ईद करीब, कल चांद रात, रमजान पाक का अलविदा जुमा आज; घरों में इबादत कर रहे अकीदतमंद
Eid Mubarak 2020: ईद करीब, कल चांद रात, रमजान पाक का अलविदा जुमा आज; घरों में इबादत कर रहे अकीदतमंद

रांची, जासं। Ramadan Mubarak 2020 रमजान उल मुबारक महीने का अलविदा (आखिरी) जुमे की नमाज शुक्रवार को अदा की जाएगी। मस्जिदों में जुमे की नमाज में सिर्फ चार से पांच लोग ही अदा करेंगे। बाकी लोग अपने घरों में जुमे के बजाए जोहर की नमाज अदा करेंगे। मस्जिद ए जाफरिया के इमाम मौलाना तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि रमजान उल मुबारक का आखिरी जुमा अब हमसे रुखसत हो रहा है जो अपने दामन में अनमोल मोती समेट चुका है जो हमारी इबादत की शक्ल में किया है। आइए हम सब इस अजीम दिन को रुखसत करने से पहले यह सोचे के आखिर हमने इस महीने में क्या खोया और क्या पाया।

loksabha election banner

हमें उम्मीद है कि इस महीने में हमने खोया कुछ नहीं पाया बहुत कुछ है, जो पाया है उसी को नेमत कहते हैं। इस इनाम का नाम ईद है। बताते चलें कि पिछले दिनों एदार ए शरिया, इमारत ए शरिया, अंजुमन इस्लामिया रांची सहित कई तंजीमों ने लॉकडाउन के मद्देनजर अलविदा जुमा और ईद की नमाज घरों में पढ़ने की अपील की है। ईद करीब है, अब केवल 2 दिन ही बाकी रह गए हैं। शनिवार को चांद रात हो सकती है। लोगों ने घरों में त्यौहार मनाने की तैयारी शुरू कर दी है। विशेष पकवानों के सामग्री की खरीदारी भी शुरू हो गई है।

जरूरतमंदों को अब दी जा रही है ऑनलाइन जकात

कोरोना महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन किया गया है। रमजान उल मुबारक महीना भी इसी लॉकडाउन में चल रहा है। इस महीने में रोजेदार जकात, फित्रा व सदका की रकम ज्यादा से ज्यादा निकालते हैं और जरूरतमंदों को नगद पैसा देकर उनकी मदद करते थे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से जकात, फित्रा व सदका आदि निकालने के ट्रेंड में तब्दीलियां आ गई है। अब लोग ऑनलाइन बैंकिंग, गूगल पे और पेटीएम के माध्यम से अपनी निकाली जकात, फित्रा और सदका की रकम जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं। जरूरतमंदों की मदद कर रही नौजवानों की विभिन्न संस्थाएं जकात व फित्र की रकम पेटीएम, गूगल पे, फोन पे और नेटबैंकिंग केजरीए से जुटा रही है। मदरसों ने ऑनलाइन जकात देने की अपील की है। इसके लिए इश्तेहार भी दिए हैं, जिसमें मदरसे के बैंक अकाउंड नंबर दिए गए हैं। साथ ही व्हाट्सएप के साथ ही अन्य सोशल मीडिया पर भी साझा किए जा रहे हैं।

इन्हें दी जा सकती है जकात

मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि जकात में अफजल यह है कि इसे पहले अपने जरूरतमंद भाई-बहनों को दें। उसके बाद करीबी रिश्तेदारों को उसके बाद दूर के रिश्तेदारों के अलावा पड़ोसी अपने साथ काम करने वाले जरूरतमंदों को दे सकते हैं। दीन की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी जकात की रकम दी जा सकती है। जकात का इंकार करने वाला काफिर और अदा न करने वाला फासिक व अदायकी में देर करने वाला गुनाहगार है। अगर आप साहिब ए निसाब हैं तो हकदार को जकात जरूर दें। जकात हलाल और जायज तरीके से कमाए हुए माल में से दी जाए।

डोरंडा रिसालदार नगर निवासी मो असजद प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने जकात व फित्रा की रकम निकाली और नेट बैंकिंग के जरीए एक मदरसे के खाते में ट्रांसफर कर दी। इसी तरह दूसरे मुहल्ले में रहने वाले जरूरतमंदों को उनके बैंक खाते में जकात की रकम अदा कर मदद पहुंचायी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.