सवाल उठाकर अपनी किरकिरी खुद करा रहे हैं रघुवर : सरयू राय
राय ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री के सभी सवालों के जवाब लम्हों की खता किताब में
राज्य ब्यूरो, रांची : सरयू राय को अपनी किताब 'लम्हों की खता' पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की टिप्पणी नागवार गुजरी है। उन्होंने तल्ख लहजे में दास की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा है कि सवाल उठाकर रघुवर खुद अपनी किरकिरी करा रहे हैं। सरयू ने कहा कि रघुवर दास के सभी सवालों के जवाब 'लम्हों की खता' में हैं। राय ने कहा कि अपने लंबे वक्तव्य में रघुवर दास ने मेरी पुस्तक को उनकी छवि मलिन करने की कोशिश बताया है और कतिपय सवाल खड़ा किया है। कहा, एक को छोड़कर उनके सभी प्रश्नों के उत्तर किताब में हैं।
जहां तक सवाल ओआरजी कार्यालय के संदर्भ में है तो मैं बता दूं कि ओआरजी का कार्यालय डोरंडा के मजिस्ट्रेट कॉलोनी स्थित उसी पांच मंजिले इमारत के भूतल पर था, जिसकी पांचवी मंजिल के तीन कमरों वाले एक फ्लैट में मैं वर्ष 2000 से रह रहा हूं। कहा, यह सवाल पूछने का उनका सबब है कि ओआरजी से मेरा संबंध था। उन्होंने कहा कि अब एक सवाल रघुवर दास से मेरा है कि क्या उन्हें पता नहीं है कि उनके द्वारा हटाये जाने के विरुद्ध ओआरजी ने झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और अपने हटाए जाने को गलत बताते हुए किए गए काम का भुगतान मांगा था।
न्यायालय ने उसकी अर्जी यह कह कर खारिज कर दी थी कि इस विषय का निर्णय करना उच्च न्यायालय की परिधि से बाहर है, यह आर्बिट्रेशन का मामला है। ओआरजी ने इस आधार पर पुन: उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की और उच्च न्यायालय ने केरल उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूपी सिंह को आर्बिट्रेटेड बहाल कर मामले का निपटारा करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति यूपी सिंह ने विस्तृत विवेचना के साथ अपना फैसला झारखंड न्यायालय को यह कहते हुए सौंप दिया कि ओआरजी को हटाने का निर्णय गलत था, उसके द्वारा किये गए काम के एवज में झारखंड सरकार उसे 3.61 करोड़ रूपये का भुगतान करे। कहा, इसके बाद भी रघुवर दास द्वारा इस मामले में सवाल खड़ा करना क्या कहा जाएगा। राय ने इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री से पूरे प्रकरण पर आठ सवाल पूछते हुए उनसे जवाब मांगा है।
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