सर, जिगर के टुकड़े ने ही सीना छलनी कर दिया; मनोरोगियों ने मंत्री से बयां की अपनी पीड़ा
Jharkhand. रिनपास में एक मरीज ने मंत्री से कहा सर पागल नहीं हूं लेकिन बेटी ने इलाज के नाम पर रिनपास में छोड़ दिया है।
रांची/कांके, जासं। बेटी की तबीयत खराब हुई थी। उसे दिखाने के लिए रांची लाया था। बेटी रिनपास लाकर मुझे यहां छोड़कर चली गई। छह महीने से ज्यादा हो गया है। घर वालों की बहुत याद आती है। किसी भी तरह घर भेज दें सर। पागल नहीं हूं मैं। यह बातें रिनपास में भर्ती एक मनोरोगी ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को देखते कह डाली। भर्राये गले से बोले, बेटी को जिगर का टुकड़ा मानता था। उसने ही सीना छलनी कर दिया।
मरीज ने बताया कि बेटी ने कहा कि पापा यहां फ्री दवाई मिलेगी आप भी अपना इलाज करा लीजिए। रिनपास में भर्ती कराकर कभी देखने नहीं आई। गुरुवार को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कांके स्थित मानसिक आरोग्यशाला रिनपास का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। पहुंचने के बाद वे अधिकारियों से मिले बगैर सीधा मरीजों के वार्ड पहुुंचे। वार्ड के बाहर धूप सेक रहे मरीजों को देख उनसे बातचीत की।
रिकाउंसिलिंग कराने का दिया आदेश : इस क्रम में उन्होंने देखा कि वहां के अधिकांश मरीज 90 से 95 प्रतिशत तक ठीक है। करीब आधे घंटे निरीक्षण के बाद रिनपास के निदेशक डॉ. सुभाष सोरेन को सूचना दी। मौके पर बुलाकर स्वास्थ्य मंत्री ने निदेशक को दो कमेटी बनाकर उसमें खुद उपस्थित होकर सभी मरीजों की रिकाउंसिलिंग करने का निर्देश दिया।
उन्होंने सभी मरीजों की जांच कर उसकी सूची तीन दिनों के भीतर विभाग को सौंपने की बात कही। साथ यह भी कहा कि जितने मरीज ठीक हो चुके हैं सभी का पता लेकर उनके जिले के डीसी को सूचना कर वहां भेजने का निर्देश दिया। वहीं जिनका पता ठिकाना नहीं है उनके लिए भी अलग से विचार करने की बात कही।
रिक्त पद भरे जाएंगे : बन्ना गुप्ता ने कहा कि संस्थान में मैन पावर की कमी है। टीचिंग एवं ननटीचिंग के लगभग 60 प्रतिशत पद रिक्त हैं। नियुक्ति नियमावली नहीं है। संस्थान की विस्तृत जानकारी लेकर शीघ्र ही नियुक्ति नियमावली लागू कर रिक्त पद भरे जाएंगे। उन्होंने दवाओं की कमी को भी जल्द पूरा करने का भरोसा दिलाया।
वार्ड टू वार्ड जाकर मरीजों से की बातचीत : वार्ड के बाहर मरीजों से बातचीत के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने वार्ड टू वार्ड जाकर मरीजों का हाल जाना। रिनपास में मिलने वाली सुविधाओं से अवगत होने के बाद वे किचन पहुंचे। किचन में मरीजों के लिए बन रही चाय भी पी। मरीजों के लिए स्वचलित मशीन में बन रही रोटी और सब्जी की जांच की। वे किचन की व्यवस्था से संतुष्ट हुए।
बांग्लादेश की महिला करने लगी विनती : निरीक्षण के दौरान एक बांगलादेश की महिला मनोरोगी ने मंत्री को देख खुद को बांगलादेश पहुंचाने की विनती करने लगी। स्वास्थ्य मंत्री ने विदेश मंत्रालय से बात कर जल्द उसे उसके देश पहुंचाने का भरोसा दिलाया।