झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम स्थल बना रणक्षेत्र, पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज; 2000 गिरफ्तार
झारखंड स्थापना दिवस पर मोराबादी मैदान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पारा शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
रांची, जेएनएन। झारखंड स्थापना दिवस को हंगामेदार बनाने की मंशा में आंदोलनरत पारा शिक्षक सफल हो गए। गुरुवार को मोरहाबादी स्थित सीएम रघुवर दास की सभा के दौरान शुरू किए गए हंगामे के बाद पारा शिक्षकों की भीड़ नहीं रुकी। पूरे दिन बवाल मचाते रहे। आक्रोशित पारा शिक्षकों ने सुरक्षा में तैनात पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें खदेड़ा। इसके बावजूद जारी पत्थरबाजी के बीच पुलिस ने ताबड़तोड़ लाठीचार्ज की। दौड़ा-दौड़ा कर पारा शिक्षकों को पीटा गया।
आंसू गैस के छह गोले भी दागे गए। मोरहाबादी का इलाका करीब दो घंटे तक रणक्षेत्र बना रहा। अलग-अलग जगहों पर चार बार लाठीचार्ज किया गया। इस दौरान मीडिया कर्मी और पुलिस के अधिकारी भी चोटिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर ही प्राथमिक उपचार किया गया कुछ लोगों को समीप के अस्पताल में भेजा गया। लाठीचार्ज की घटना के बाद पुलिस ढूंढ-ढूंढ कर पारा शिक्षकों को गिरफ्तार किया। मोरहाबादी कार्यक्रम स्थल सहित अन्य जगहों से दो हजार से अधिक पारा शिक्षक गिरफ्तार कर लिए गए।
मोराबादी मैदान में मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पारा शिक्षक पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के भाषण के दौरान भी हंगामा जारी रहने पर पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। रांची रेंज के डीआईजी एवी होमकर के अनुसार, अब तक 2000 से अधिक पर शिक्षक गिरफ्तार किए गए हैं।
राज्य सरकार जहां झारखंड स्थापना दिवस मुख्य समारोह में काला झंडा दिखाने की चेतावनी देने वाले पारा शिक्षकों पर काफी सख्त दिखी, वहीं पारा शिक्षक भी स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर स्थापना दिवस समारोह का विरोध करने पर अड़े रहे। पारा शिक्षक नेताओं ने कहा था कि सरकार की सख्ती व दबाव के बावजूद वे हजारों में स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचकर विरोध जताएंगे।
सहयोगी पार्टी आजसू ने की कार्रवाई की निंदा
पारा शिक्षकों के आंदोलन को देखते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई के निर्णय को सरकार के सहयोगी दल आजसू ने ही निंदा की है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव लंबोदर महतो ने कहा है कि सरकार को पारा शिक्षकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। उन्होंने पारा शिक्षक नेताओं की पुलिस द्वारा गिरफ्तारी को भी गलत बताया है। उन्होंने पारा शिक्षकों की मांगों का समर्थन भी किया है।