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Jharkhand High Court: निजी स्कूलों पर हाई कोर्ट का हथौड़ा, फीस बढ़ाने पर रोक

Jharkhand High Court. झारखंड हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगा दी है। दस फीसद से अधिक फीस बढ़ाने के लिए अदालत और जिला स्तरीय कमेटी की अनुमति जरूरी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 05:46 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 11:46 AM (IST)
Jharkhand High Court: निजी स्कूलों पर हाई कोर्ट का हथौड़ा, फीस बढ़ाने पर रोक
Jharkhand High Court: निजी स्कूलों पर हाई कोर्ट का हथौड़ा, फीस बढ़ाने पर रोक

रांची, जेएनएन। Jharkhand High Court - Jharkhand Private Schools - राज्य के निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले अब हाई कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। हाई कोर्ट व जिला स्तर पर बनी कमेटी की अनुमति के बाद ही स्कूल की फीस में बढ़ोतरी की जा सकेगी। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस प्रशांत कुमार की अदालत ने फीस निर्धारण के लिए बने नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश दिया है। इस मामले में अदालत ने सरकार से जवाब भी मांगा है। मामले में अगली सुनवाई दो जुलाई को होगी।
फीस को लेकर बनी कमेटी
दरअसल राज्य सरकार के सात जनवरी 2019 को निजी स्कूलों की फीस को लेकर कमेटी बनाई है। स्कूल स्तर पर बनी कमेटी में प्रबंधन, प्राचार्य, चार शिक्षक और अभिभावकों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। उक्त कमेटी दस फीसद तक की फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव मंजूर कर सकती है।

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लेकिन दस फीसदी से अधिक फीस बढ़ोतरी के लिए जिलास्तरीय कमेटी के पास भेजना होगा। इस कमेटी में उपायुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, स्थानीय सांसद और विधायक को शामिल किया गया है। इसी नियम को कई स्कूलों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
निजी स्कूल प्रबंधनों का विरोध
सुनवाई के दौरान निजी स्कूलों की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने अदालत को बताया कि सरकार फीस बढ़ाने को लेकर नियमावली तो बना सकती है, लेकिन फीस निर्धारण और फीस में बढ़ोतरी नहीं करने का आदेश नहीं दे सकती।

फीस बढ़ाना स्कूल प्रबंधन का अधिकार है, क्योंकि स्कूल की सुविधाओं के लिए उन्हें कहीं से वित्तीय सहायता नहीं मिलती है। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि कोई भी स्कूल फीस के नाम पर मुनाफा नहीं कमा सकते हैं।
दो जुलाई तक सौंपना है जवाब
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जयप्रकाश ने अदालत को बताया कि फीस बढ़ाने का प्रस्ताव स्कूल की ओर से दिया जा रहा है। स्कूल की कमेटी में सभी लोग स्कूल प्रबंधन के ही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी फीस निर्धारण के लिए एक कमेटी बनाने का आदेश दिया है।

वहीं, हाई कोर्ट ने भी एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए 2014 में इसको लेकर राज्यस्तरीय कमेटी बनाने का निर्देश दिया, जिसके आलोक में निजी स्कूलों में फीस के रेगुलेशन को लेकर राज्यस्तरीय कमेटी बनाई गई है। जिसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को दो जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और अब से फीस बढ़ाने से पहले निजी स्कूलों को हाई कोर्ट व जिला कमेटी से अनुमति लेने का निर्देश दिया है।

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