14 दिन बाद भी फीस माफी का आदेश जारी नहीं कर सके मंत्री, अब अभिभावकों से मांगे जा रहे पैसे
Jharkhand Hindi News. नौ जून को ही बैठक हुई थी। इस दौरान स्कूलों के साथ सहमति बनी थी। मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि एक-दो दिन में आदेश निकल जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो निजी स्कूलों में लॉकडाउन अवधि की ट्यूशन फीस तो माफ नहीं करा सके, निजी स्कूलों के साथ बैठक में जिन बातों पर सहमति बनी थी, उससे संबंधित आदेश भी अभी तक जारी नहीं हो सका है। वार्षिक शुल्क के साथ अन्य शुल्क नहीं लेने की भी फाइल स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा अन्य विभागों में 14 दिनों से इधर-उधर घूम रही है। इधर, ट्यूशन फीस चुकाने को लेकर अभिभावकों के पास लगातार मैसेज आ रहे हैं।
कुछ स्कूलों से वार्षिक शुल्क की भी मांग की जा रही है। शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में नौ जून को ही प्रोजेक्ट भवन में हुई बैठक में निजी स्कूलों के साथ ट्यूशन शुल्क को छोड़कर अन्य शुल्क नहीं लेने पर सहमति बनी थी। निर्णय हुआ था कि अभी निजी स्कूल दो माह का सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे। साथ ही इसे लेकर विभाग द्वारा एक स्पष्ट आदेश जारी किया जाएगा। लेकिन, 14 दिनों के बाद भी अभी तक यह आदेश जारी नहीं किया जा सका। जब इस संबंध में मंत्री से पूछा जाता रहा, तो उनके द्वारा हर बार यही कहा गया कि एक-दो दिनों में आदेश जारी कर दिया जाएगा।
बताया जाता है कि उक्त आदेश विभाग में ही कई दिनों तक इधर से उधर होता रहा। अब इसपर विधि विभाग से राय ली जा रही है। सवाल उठ रहा है कि जब इसपर विधि विभाग से ही परामर्श लेना था, तो उस बैठक में विधि परामर्शियों को क्यों नहीं बुला लिया गया था। इधर, सरकार द्वारा इसे लेकर स्पष्ट आदेश नहीं जारी किए जाने से निजी स्कूल के साथ-साथ अभिभावक भी असमंजस में हैं। बता दें कि मंत्री ने काफी पहले ही निजी स्कूलों में लॉकडाउन अवधि की फीस माफी की घोषणा की थी, लेकिन उनके आदेश पर विभाग एक पत्र जारी नहीं कर सका। निजी स्कूलों के साथ दो बैठकों के बाद अन्य शुल्क माफ करने पर सहमति तो बनी, लेकिन अभी तक इसका आदेश नहीं निकल सका।
इन बिंदुओं पर बनी थी सहमति
- निजी स्कूल फिलहाल दो माह का ट्यूशन फीस लेंगे। इसके अलावा कोई अन्य शुल्क या बस भाड़ा नहीं लेंगे।
- लॉकडाउन अवधि की ट्यूशन फीस लेने की छूट केवल ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूलों को ही मिलेगी।
- निजी स्कूल दो माह की राशि काटकर वार्षिक शुल्क लेंगे।
- निजी स्कूल फीस वृद्धि भी नहीं करेंगे। फीस नहीं देने पर किसी बच्चे का नाम नहीं काटा जाएगा, परीक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा।
केस 01
संत थॉमस स्कूल ने अपने पोर्टल पर ऑनलाइन शुल्क भरने के लिए बस भाड़ा छोड़कर कोई अन्य शुल्क नहीं छोड़ा है। हालांकि, स्कूल ने अभिभावकों को कोई मैसेज नहीं भेजा है। अभिभावकों ने पोर्टल को देखकर ही शुल्क भरना शुरू कर दिया है।
केस 02
संत फ्रांसिस स्कूल, हरमू ने अभिभावकों को ट्यूशन फीस भरने का मैसेज भेजा है। यह स्कूल दो माह तक सरकार के आदेश का इंतजार करता रहा। अंत में हारकर अभिभावकों को फीस चुकाने का मैसेज भेजा है।
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