Move to Jagran APP

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने को झारखंड में डीसी को मिला विशेष अधिकार

arbitrariness of private schools कोरोना के कारण शुल्क नियंत्रण को लेकर इस बार भी राज्य सरकार को कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। ऐसे में अभिभावकों को अगर निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर कोई शिकायत है तो उन्हें अपने जिले के उपायुक्त के ही भरोसे रहना होगा।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 08:58 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 08:58 PM (IST)
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने को झारखंड में डीसी को मिला विशेष अधिकार
arbitrariness of private schools निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगी रोक

रांची, राज्य ब्यूरो। राजधानी समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में निजी स्कूल मनमाने ढंग से शुल्क बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं, शुल्क भुगतान को लेकर अभिभावकों पर दबाव भी डाला जा रहा है। जहां एक ओर कई माह के शुल्क की राशि एकमुश्त मांगी जा रही है, वहीं पूरी फीस नहीं चुकाने पर बच्चों को परीक्षा में शामिल नहीं होने देने की शर्त लगाकर दबाव भी डील रहे हैं।

loksabha election banner

कई अभिभावकों ने की शिकायत

दूसरी तरफ, कोरोना के कारण शुल्क नियंत्रण को लेकर इस बार भी राज्य सरकार को कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। ऐसे में अभिभावकों को अगर निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर कोई शिकायत है तो उन्हें अपने जिले के उपायुक्त के ही भरोसे रहना होगा।

निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगी रोक

दरअसल, निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए लागू झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम में राज्य सरकार को कोई शक्ति प्राप्त नहीं है। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी स्वीकार किया है कि निजी स्कूल सीधे विभाग के नियंत्रण में नहीं हैं। इस तरह, अधिनियम के तहत अभिभावकों को उपायुक्त के यहां ही शिकायत करनी होगी। वहां सुनवाई नहीं होती है तो वे झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण में अपील कर सकते हैं। यह प्रक्रिया इतनी जटिल है कि अभिभावक इस पचड़े में पडऩा ही नहीं चाहते।

स्कूलों की मनमानी

वर्ष 2020 में कोरोना के कारण निजी स्कूलों द्वारा ट्यूश शुल्क के अलावा अन्य शुल्क लेने तथा फीस बढ़ोतरी पर लगी रोक न तो पिछले साल लागू हो पाई और न ही इस साल ही अभी तक इसपर कोई आदेश आया है। निजी स्कूल इसी का लाभ उठाते हुए यह दावा कर रहे हैं कि उक्त आदेश वर्ष 2020-21 के लिए ही लागू था। इस आधार पर निजी स्कूलों ने न केवल ट््यूशन शुल्क बढ़ाया, बल्कि स्कूलों द्वारा बस किराया छोड़कर कई अन्य शुल्क भी वसूले जा रहे हैं। कुछ स्कूलों द्वारा स्मार्ट क्लास के नाम पर भी अलग से राशि ली जा रही है। वहीं, कई स्कूलों द्वारा पूर्व में लिए जा रहे डेवलपमेंट चार्ज, री-एडमिशन फीस, बिङ्क्षल्डग फीस, वार्षिक चार्ज को जोड़ कर एक साथ ट्यूशन फीस के रूप में राशि ली जा रही है।

पिछले साल शिक्षा विभाग ने लिया था कानूनी परामर्श

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पिछले साल निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर नियंत्रण तथा कोरोना के कारण ट््यूशन शुल्क छोड़कर अन्य शुल्क नहीं लेने के मामले में विधि परामर्श लिया था। बताया जाता है कि इसपर विधि परामर्श मिला कि वर्तमान झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण पर विभाग को कोई अधिकार नहीं देता है।

शिक्षा न्यायाधिकरण में सदस्य ही नहीं

अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी के विरुद्ध झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण में अपील कर सकते हैं, लेकिन इस न्यायाधिकरण की स्थिति यह है कि इसके दोनों सदस्यों के पद रिक्त हैं। इसमें प्रशासनिक एवं शिक्षाविद सदस्य के दो पद होते हैं। दोनों पद लंबे समय से रिक्त हैं।

केस-1

रांची के संत फ्रांसिस स्कूल, हरमू सहित कई स्कूलों से अभिभावकों को बच्चों की परीक्षा में शामिल होने के लिए मार्च माह तक शुल्क भुगतान करने का संदेश भेजा जा रहा है। संत थामस स्कूल, धुर्वा सहित कई स्कूलों ने वार्षिक शुल्क की बजाय एक हजार रुपये से अधिक राशि ट्यूशन शुल्क में ही बढ़ा दी है।

केस -2

जमशेदपुर में कई स्कूलों ने 50 से 60 प्रतिशत तक शुल्क में बढ़ोतरी की है। वहीं, लोयला स्कूल द्वारा एक साथ तीन माह का शुल्क लिया जा रहा है। रांची में भी कुछ स्कूल हैं जो तीन माह का शुल्क एक साथ लेते हैं।

निजी स्कूल 10 प्रतिशत तक ही शुल्क बढ़ा सकते हैं। वर्तमान व्यवस्था के तहत इससे अधिक बढ़ाने के लिए उन्हें जिलास्तरीय समिति से अनुमोदन लेना है। यदि कोई स्कूल बिना प्रक्रिया के शुल्क बढ़ाते हैं तो अभिभावक उपायुक्त के यहां शिकायत कर सकते हैं। यदि वहां सुनवाई नहीं होती है तो झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण में अपील कर सकते हैं। एक्ट में निजी स्कूलों के शुल्क से संबंधित सभी शक्तियां डीसी और झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण में निहित हैं।

राजेश शर्मा, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.