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Private School Fees: कोरोना के बाद प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ाने का विरोध, शिक्षा मंत्री ने कहा निजी स्कूलों को फीस नहीं बढ़ाने लिए लिखेंगे पत्र

Private School Fees विधायक ने सदन में कहा कि कोरोना के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। किसी तरह वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं लेकिन निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने से उन्हें परेशानी हो रही है।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Tue, 08 Mar 2022 07:05 PM (IST)Updated: Tue, 08 Mar 2022 07:05 PM (IST)
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Private School Fees: विधानसभा में बोले राज्य के शिक्षा मंत्री, बच्चों को स्मार्ट फोन देने का कोई प्रस्ताव नहीं

रांची, राज्य ब्यूरो। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने मंगलवार को सदन को आश्वासन दिया कि निजी स्कूल फीस न बढ़ाएं, इसे लेकर विभाग की ओर से पत्र भेजा जाएगा। उन्होंने यह आश्वासन विधायक भूषण बाड़ा के सवाल पर दिया। विधायक ने सदन में कहा कि कोरोना के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। किसी तरह वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, लेकिन निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने से उन्हें परेशानी हो रही है। मंत्री ने उनके इस सवाल पर कि बच्चों को स्मार्ट फोन देने तथा प्रत्येक माह रिचार्ज कराने का विचार सरकार रखती है या नहीं, मंत्री ने कहा कि इस तरह की कोई योजना नहीं है। सभी स्कूल खोल दिए गए हैं और अब आनलाइन पढ़ाई नहीं हो रही है।

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न्यायालय के आदेश का इंतजार

इधर, निजी स्कूलों द्वारा अप्रत्याशित ढंग से शिक्षण शुल्क बढ़ाने के विधायक ढु़लू महतो के सवाल पर विभाग ने अपने जवाब में कहा कि इस तरह की सूचना प्राप्त हुई है। हालांकि यह सफाई भी दी कि निजी स्कूलों के शिक्षण शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि पर नियंत्रण हेतु झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम, 2017 में प्रविधान किया गया है, जिसके विरुद्ध कतिपय निजी स्कूलों द्वारा उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया है। विभाग ने इस तरह के सभी मामलों को क्लब कर सुनवाई हेतु न्यायालय में प्रति शपथपत्र दायर किया है। न्यायालय के आदेश आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कोरोना के कारण लोगों पर पड़ा है आर्थिक मार

गौरतलब है, कि कोरोना काल में एक तरफ जहां, लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी तरफ नौकरीपेशा लोगों को भी काफी तकलीफों का समना करना पड़ा है। ऐसे में लोगों में मुश्किल से अपने घर का खर्च संभाला, ऐसे में अगर स्कूलों की फीस बढ़ जाएगी, तो लोगों के ऊपर एक और दबाव आ जाएगा। वैसे भी कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी चले जाने के कारण हजारों लोगों ने अपने बच्चों के नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवाकर सरकारी में लिखवा दी है।


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