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Lockdown Extension : 7 साल से कम सजा वाले कैदियों को मिल सकती है जमानत, बशर्ते न किए हों गंभीर अपराध

Lockdown Update. राज्य की जेलों से लोड कम करने के लिए जस्टिस एचसी मिश्रा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी ने निर्णय लिया है। ये कैदी आर्थिक अपराध के दोषी नहीं होने चाहिए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 08:59 AM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 04:08 PM (IST)
Lockdown Extension : 7 साल से कम सजा वाले कैदियों को मिल सकती है जमानत, बशर्ते न किए हों गंभीर अपराध
Lockdown Extension : 7 साल से कम सजा वाले कैदियों को मिल सकती है जमानत, बशर्ते न किए हों गंभीर अपराध

रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस के अनुसार राज्य की जेलों से लोड कम करने की पहल शुरू कर दी गई है। सात साल व इससे कम सजा पाने वाले बंदी की औपबंधिक जमानत पर संबंधित न्यायालय विचार कर सकता है। न्यायालय के आदेश पर ही उन्हें पीआर बांड पर छोड़ा जा सकेगा। यह निर्णय मंगलवार को न्यायमूर्ति एचसी मिश्रा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक में लिया गया। बैठक में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सुखदेव सिंह व कारा महानिरीक्षक सदस्य हैं।

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बैठक में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस पर विचार किया गया। इसमें यह शर्त भी रखी गई है कि वैसे बंदियों के औपबंधिक जमानत पर विचार किया जाएगा, जिसने कोई गंभीर अपराध नहीं किया हो। उसपर आर्थिक अपराध से संबंधित कोई मामला नहीं हो। ऐसे ही बंदियों की फाइल पर संबंधित जिले के संबंधित कोर्ट में विचार होगा। अब संबंधित न्यायालय को ही निर्णय लेना है कि वह बंदी छूटेगा या नहीं।

राज्य की जेलों में क्षमता से 2300 कैदी अधिक

राज्य की जेलों में क्षमता से करीब 2300 कैदी अधिक हैं। कारा प्रबंधन के अनुसार राज्य की जेलों में कैदियों की कुल क्षमता 16,114 है। वर्तमान में राज्य की जेलों में करीब 18,500 कैदी हैं। ऐसी स्थिति में बंदियों को औपबंधिक जमानत मिलने से जेलों से कैदियों का भार बहुत हद तक कम हो जाएगा।

सेंट्रल जेल होटवार में लालू प्रसाद सहित 210 कैदी हैं सजायाफ्ता

रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित 210 सजायाफ्ता बंदी हैं, जो सात साल व इससे कम के सजा पाने वालों में शामिल हैं। लेकिन, इस सूची में आर्थिक अपराध से संबंधित बंदी भी हैं, इसलिए अब जेल प्रबंधन को नई सूची बनानी होगी।

लालू प्रसाद यादव को अगर आर्थिक अपराध का कैदी माना जाएगा, तो उन्हें भी औपबंधिक जमानत का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, सब कुछ न्यायालय के निर्णय पर निर्भर करता है। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में सात साल व इससे कम सजा वाले अपराध के 48 विचाराधीन कैदी भी हैं। अब होटवार जेल सहित सभी जेलों में नए सिरे से नई सूची बनेगी, जिसमें आर्थिक अपराध वाले बंदियों का नाम हटाया जाएगा।


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