Move to Jagran APP

प्राथमिक शिक्षकों का हेडमास्‍टर बनना आसान नहीं, उच्चतर पदों पर जाने के लिए देनी होगी परीक्षा; जानें नए नियम

शिक्षकों ने प्रोन्नति व तबादला नीति को दोषपूर्ण बताते हुए विरोध जताया है। नए प्रावधानों के खिलाफ वे तीन अगस्‍त को जिला मुख्यालयों में धरना देंगे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 08:19 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 04:19 PM (IST)
प्राथमिक शिक्षकों का हेडमास्‍टर बनना आसान नहीं, उच्चतर पदों पर जाने के लिए देनी होगी परीक्षा; जानें नए नियम
प्राथमिक शिक्षकों का हेडमास्‍टर बनना आसान नहीं, उच्चतर पदों पर जाने के लिए देनी होगी परीक्षा; जानें नए नियम

रांची, राज्य ब्यूरो। प्राथमिक शिक्षकों को उच्चतर पदों पर जाने के लिए सीमित परीक्षा देनी होगी। हेडमास्टर के पद के लिए भी परीक्षा देनी होगी। हेडमास्टर के 75 फीसद पद शिक्षकों द्वारा ली जानेवाली सीमित परीक्षा से भरे जाएंगे, जबकि 25 फीसद पदों पर सीधी भर्ती होगी। सीधी भर्ती के लिए आठ साल का शिक्षण अनुभव अनिवार्य किया गया है। स्नातक स्तरीय पदों के लिए भी आधे पद सीमित परीक्षा से भरे जाएंगे, जबकि इतने ही पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।

loksabha election banner

राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित प्राथमिक शिक्षक प्रोन्नति व नियुक्ति नियमावली में इसका प्रावधान किया गया है। प्राथमिक शिक्षकों ने इस नियमावली को दोषपूर्ण बताते हुए इसका विरोध किया है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की शुक्रवार को हुई बैठक में कहा गया कि इन नियमावलियों के प्रारूप में अनेक खामियां हैं, जो भविष्य में कई तकनीकी कठिनाइयों और असमानताओं को जन्म देंगी।

  • शिक्षकों की सीमित परीक्षा से भरे जाएंगे हेडमास्टर के 75 फीसद पद

  • 25 फीसद पदों पर सीधी भर्ती, आठ साल का अनुभव अनिवार्य

संघ ने इसे लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ध्यानाकर्षण पत्र भेजे हैं। शिक्षकों ने कहा कि प्रस्तावित प्रोन्नति नियमावली में स्नातक प्रशिक्षित तथा प्रधानाध्यापक के पदों पर शिक्षकों की प्रोन्नति का मार्ग पूरी तरह बंद करते हुए नियुक्ति के माध्यम से भरने का प्रावधान किया जा रहा है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष बिजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि प्रोन्नति नियमावली के प्रारूप तैयार करने के लिए तत्कालीन निदेशक की अध्यक्षता में 2018 में गठित कमेटी में बनी सहमतियों एवं 2013 में तत्कालीन विभागीय सचिव की अध्यक्षता में गठित अंतर्विभागीय कमेटी की अनुशंसाओं को जगह नहीं दी गई है। संघ ने इसे लेकर तीन अगस्त को जिला मुख्यालयों में धरने की भी घोषणा की है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.