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Jharkhand Academic Council: प्राथमिक शिक्षक-लैब असिस्टेंट जांच रहे इंटर की कॉपियां

Jharkhand Academic Council. सूचना मिलते ही जैक ने की कार्रवाई जिला स्कूल केंद्र पर मूल्यांकन में लगे एक शिक्षक को हटाया। अब भी कई प्राथमिक शिक्षक कॉपी जांच रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 06:59 AM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 06:59 AM (IST)
Jharkhand Academic Council: प्राथमिक शिक्षक-लैब असिस्टेंट जांच रहे इंटर की कॉपियां
Jharkhand Academic Council: प्राथमिक शिक्षक-लैब असिस्टेंट जांच रहे इंटर की कॉपियां

रांची, जासं। मैट्रिक व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। कहीं प्राथमिक स्कूल के शिक्षक और लैब असिस्टेंट इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन कर रहे हैं तो कहीं परीक्षक तीन घंटे में 40 कॉपियों की जांच कर सेंटर से निकल जा रहे हैं। शनिवार को जिला स्कूल रांची में प्राथमिक स्कूल के शिक्षक दिवाकर सिंह इंटरमीडिएट गणित की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर रहे थे।

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इसकी जानकारी केंद्र निदेशक नरेंद्र कुमार को हुई तो उन्होंने तत्काल जैक को सूचित किया। आनन-फानन में जैक ने उक्त शिक्षक को मूल्यांकन कार्य से हटाने का निर्देश दिया। इसके बाद इन्हें मूल्यांकन कार्य से मुक्त कर दिया गया। वहीं कुछ शिक्षकों का कहना था कि जिला स्कूल में ही प्राथमिक स्कूल के शिक्षक संजय कुमार व निरंजन कुमार इंटर भौतिकी की कॉपियों का मूल्यांकन कर रहे हैं। लेकिन इन्हें नहीं हटाया गया है।  

लैब असिस्टेंट कर रहे हैं मूल्यांकन
बालकृष्णा प्लस टू उवि में लैब असिस्टेंट इंटर जियोलॉजी की कॉपियों का मूल्यांकन कर रहे हैं। इस केंद्र पर बीआइटी मेसरा प्लस टू उवि के माइनिंग जियोलॉजी के लैब असिस्टेंट विनय सिंह मूल्यांकन कर रहे हैं। ऐसे और भी लैब असिस्टेंट हैं जो धड़ल्ले से मूल्यांकन कर रहे हैं।  

बायोमीट्रिक अटेंडेंस के बाद भी नहीं बदली सूरत
परीक्षक को मूल्यांकन केंद्र पर 9:45 में पहुंचना है और शाम 4 बजे से पहले नहीं निकलना है। लेकिन परीक्षक 11 बजे तक आते रहते हैं और शाम 3:30 बजे ही निकल जाते हैं। ऐसी स्थिति तब है जब जैक ने सभी केंद्रों पर बायोमीट्रिक अटेंडेंस मशीन लगा रखी है। गवर्नमेंट गल्र्स प्लस टू विद्यालय बरियातू में शिक्षक 11 बजे तक पहुंचते रहे। इसके बाद कुछ शिक्षक 12:41 में केंद्र से बाहर निकलने लगे। केंद्र निदेशक ने गेट में ताला लगवा दिया तो शिक्षकों ने कहा कि उनका मूल्यांकन कार्य समाप्त हो गया है इसलिए दो बजे तक निकलने दिया जाए। जिला स्कूल में भी 1:30 बजे ही कुछ शिक्षक निकल गए थे। 

इसलिए स्क्रूटनी के बाद बदल जाते हैं अंक
मूल्यांकन के ऐसे तरीके से ही रिजल्ट के बाद स्क्रूटनी के अधिक मामले आते हैं। स्क्रूटनी के बाद अंक भी बढ़ते हैं। वर्ष 2017 में इंटर के रिजल्ट के बाद टॉप-10 में आने वाले 73 विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं पुनर्मूल्यांकन कराया गया था तो 30 विद्यार्थियों के अंक बदल गए थे।

मूल्यांकन में लापरवाही
बिहार में इंटरमीडिएट तीनों संकाय का रिजल्ट शनिवार को जारी कर दिया गया। झारखंड में इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन में लगे शिक्षकों की लापरवाही का यह आलम है कि मूल्यांकन के तीसरे दिन शनिवार तक भी कई केंद्रों पर आधे से थोड़े अधिक परीक्षक ही योगदान दिए हैं। जैक अध्यक्ष से लेकर सचिव तक पूरे राज्य में घूमकर नए शिक्षकों को मूल्यांकन को लेकर जागरूक कर रहे हैं, लेकिन शिक्षकों पर इसका असर नहीं दिखता। शनिवार तक जिला स्कूल में 175 में 135 शिक्षकों ने योगदान दिया। इसी तरह मारवाड़ी प्लस टू उवि में 130 में 95, एसएस डोरंडा में 124 में केवल 67, एलइबीबी में 216 में 107, गवर्नमेंट  प्लस टू उवि बरियातू में 113 में 83 परीक्षकों ने ही योगदान दिया। केंद्र निदेशक ने कहा कि योगदान नहीं देने वाले परीक्षकों की सूची डीइओ को भेज दी गई है। 

परीक्षक की सूची डीइओ कार्यालय से आती है। यदि प्राथमिक शिक्षक व लैब असिस्टेंट मूल्यांकन कर रहे हैं तो उन्हें तत्काल हटा दिया जाएगा। इनके द्वारा जांची गई उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराया जाएगा। डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह, जैक अध्यक्ष


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