Jharkhand: 4 युवकों ने किया था सामूहिक दुष्कर्म, हत्या की भी कोशिश; अब समझौते का दबाव
Jharkhand. धनबाद के बरवाअडडा में 24 सितंबर की रात रांची के मांडर की जिस युवती की हैवानों ने अस्मत लूट ली थी अब उसके परिवार पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।
रांची, [दिलीप कुमार]। धनबाद के बरवाअडडा स्थित पंडुकी मैदान में 24 सितंबर की रात रांची के मांडर की जिस युवती की हैवानों ने अस्मत लूट ली थी, अब उसके परिवार पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। युवती से न सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, बल्कि पत्थर से कूचकर उसकी हत्या की भी कोशिश की गई थी। साथ ही गांजा से प्राइवेट पार्ट को जलाने का प्रयास भी किया गया था। इतने दिनों के बाद भी पीडि़ता जख्मी हालत में है।
इतना सबकुछ होने के बावजूद आरोपितों पर कार्रवाई की बजाय जिम्मेदार ही अब समझौते के लिए पीडि़त पक्ष पर दबाव बना रहे हैं। पीडि़ता के भाई के अनुसार झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष शिवधारी राम ने भी उसे आरोपितों से समझौता कर लेने को कहा। इस घटना से डरकर पीडि़ता का भाई मंगलवार को अपने और परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाने सीआइडी मुख्यालय पहुंचा था। उसने आरोप लगाया कि झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के कहने पर नीरज कुमार बेसरा उनके घर पहुंचे थे।
इसके बाद पीडि़ता का भाई अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् की कार्यकारी अध्यक्ष कुंदरेशी मुंडा के साथ पांच जून को शिवधारी राम के पास पहुंचा तो वहां उन्होंने समझौते का प्रस्ताव दिया। पीडि़ता के भाई व कुंदरेशी मुंडा ने जब उनके प्रस्ताव पर विरोध जताया तो आयोग अध्यक्ष बैकफुट पर आए और कहा- ठीक है, सब कुछ कोर्ट के फैसले पर छोड़ दो। पीडि़ता के भाई का कहना है कि उन्हें भय है कि गवाही के वक्त उन्हें नुकसान पहुंचाया जा सकता है। उनकी सुरक्षा को खतरा है।
हमने किसी को नहीं बुलाया। वे खुद आए थे और आपस में ही आरोपितों से बातचीत किए थे। मेरे उपर लगाया जा रहा आरोप गलत है। मुझपर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। -शिवधारी राम, अध्यक्ष, झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग।
दोषी पक्ष ने खुद को निर्दोष बताते हुए आवेदन दिया था। अध्यक्ष के पीएस शेषनाथ उपाध्याय ने ही पूरी जानकारी लेने के लिए पीडि़त पक्ष को बुलाया था। मैं खुद यह संदेश लेकर पीडि़त परिवार से मिलने गया था। -नीरज कुमार बेसरा, महासचिव, एससी/एसटी ओबीसी को-आर्डिनेशन कांउंसिल।
पहले तो अध्यक्ष शिवधारी राम ने आपस में समझौते का प्रस्ताव रखा। मैंने इसका पुरजोर विरोध किया। जब मैं उन्हें पूरी जानकारी दी तो वे शांत हो गए और अपनी बात वापस ले लिए। उन्हें दोषी पक्ष के लोगों ने अधूरी जानकारी दी थी। -कुंदरेशी मुंडा, कार्यकारी अध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् रांची।
पीडि़ता ने कोर्ट में 164 के बयान में जो बताया था
पीडि़ता ने धनबाद कोर्ट में दंड प्रक्रिया संहिता 164 के तहत बयान दिया था। उसने बताया था कि 24 सितंबर 2018 की सुबह करीब सात बजे वह रांची के अशोक नगर में झाड़ू-पोंछा का काम कर रही थी। वहां से परितोष पांडेय उसे बहला-फुसलाकर अच्छा काम दिलाने का लालच देकर अपने साथ धनबाद ले गया था। उसने यह भी झांसा दिया था कि वह उससे कुछ दिनों के बाद शादी कर लेगा।
धनबाद में उसने एक सुनसान जगह पर ले जाकर अपने तीन दोस्तों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद परितोष ने भारी चीज से सिर पर मारा तो वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो वह पूरी तरह जख्मी हालत में थी, उसके शरीर पर गांजा से जलाया गया था, उसके छह दांत भी टूट गए थे। वह डेढ़ महीने तक अस्पताल में इलाजरत थी।
आरोपित जो जेल में हैं
परितोष पांडेय, प्रकाश हाजरा, गुडडू कुमार व कुंदन हाजरा।
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