फरार अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी, गिरफ्तारी के लिए डुगडुगी बजाएगी पुलिस
अब फरार अपराधियों-नक्सलियों को न सिर्फ विधिवत फरार घोषित किया जाएगा। पुलिस उनके गांवों में डुगडुगी बजाकर गिरफ्तार करेगी।
रांची, दिलीप कुमार। अब फरार अपराधियों-नक्सलियों को न सिर्फ विधिवत फरार घोषित किया जाएगा, बल्कि वारंट तामिला से लेकर फरार घोषित करने तक की प्रक्रिया भी सार्वजनिक की जाएगी। अब ऐसे अपराधियों-नक्सलियों के गांवों में वारंट तामिला की पुलिस वीडियोग्राफी करवाएगी। इतना ही नहीं, जिस किसी भी अपराधी-नक्सली को फरार घोषित करेगी, उसके विरुद्ध उसके गांव में रिश्तेदारों, ग्रामीणों व मोहल्ले के लोगों को भी डुगडुगी बजाकर जानकारी देगी और इसकी वीडियोग्राफी कराएगी। उक्त वीडियो को प्रमाण के तौर पर न्यायालय में कांड के ट्रायल के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा।
डीजीपी डीके पांडेय ने गुरुवार को ही सभी जिलों के एसपी-एसएसपी को इस संबंध में आदेश जारी किया है। अब पुलिस पूरा फोकस फरार अपराधियों-नक्सलियों को सलाखों तक पहुंचाने पर कर रही है।
डीजीपी ने न्यायालय से फरारी की घोषणा होते ही दो अलग-अलग तिथियों में राष्ट्रीय समाचार पत्रों में (तीन ¨हदी व तीन अंग्रेजी) तथा दो अलग-अलग तिथियों में राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में (तीन ¨हदी व तीन अंग्रेजी) में संदेश प्रचारित करने का आदेश दिया है। फरारी के नक्सल होने की स्थिति में उस नक्सली का दस्ता जिस क्षेत्र में भ्रमणशील है, उस क्षेत्र में पर्चा-पोस्टर साटकर भी अभियुक्त के बारे में फरार होने की सूचना जारी की जाए।
फरारी के मामले में धारा-174ए भादवि में न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज की जाए, बल्कि इस धारा में उनके विरुद्ध चार्जशीट भी दाखिल की जाए। अगर फरार अभियुक्तों के विरुद्ध एक साथ कार्रवाई करने में कठिनाई हो तो प्राथमिकता कुख्यात अपराधियों व उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई को दें।
गौरतलब है कि राज्य में अब भी 16509 अपराधी-नक्सली फरार हैं। इनके विरुद्ध झारखंड पुलिस ने प्रपत्र-16 (फिरारी रॉल) समर्पित किया है। इन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश जारी है।
क्या है धारा 174ए भादवि
-झारखंड हाई कोर्ट में हरि सिंह बनाम झारखंड राज्य में पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में यह जानकारी मिली कि राज्य में बड़ी संख्या में विभिन्न कांडों के अपराधी फरार हैं। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-82 व 83 के तहत कार्रवाई के बाद भी संबंधित अभियुक्त न्यायालय में आत्मसमर्पण नहीं किया। यह भी जानकारी मिली कि खूंखार अपराधी तथा उग्रवादी भी किसी कांड में संलिप्त होने के बाद फरार हो जाते हैं। इनके चलते संबंधित कांड के अनुसंधान के दौरान साक्ष्य संकलन में कठिनाई हो रही है। वे बाहर रहकर गवाहों को डराते-धमकाते रहते हैं। इसके चलते उनपर दर्ज कांडों में सजा कराना कठिन हो जाता है। ऐसा न हो, इसके लिए ही भारतीय दंड संहिता में धारा 174ए जोड़ा गया। सबसे पहले किसी भी फरार अपराधी-नक्सली के विरुद्ध धारा 82 (2) के तहत नोटिस तामिला कराया जाता है। उसके बाद दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 (4) के तहत विधिवत फरार घोषित किया जाएगा।
इसके बाद भी वह आत्मसमर्पण नहीं करता है तो उसके विरुद्ध संबंधित थाने में अनुसंधान पदाधिकारी या थानेदार के बयान पर 174ए भादवि के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। इसके तहत चार्जशीट भी किया जा सकता है और इसमें वारंट/इश्तेहार प्राप्त किया जा सकता है।