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जनता को बड़ी राहत: आज से बिजली के लिए नहीं मचेगा हाहाकार, डीवीसी से सुलह को आगे आई सरकार

शुक्रवार को बिजली कटौती के कारण त्रस्त रहे धनबाद गिरिडीह रामगढ़ चतरा कोडरमा जमशेदपुर और हजारीबाग समेत कई जिलों में शनिवार को बिना कटौती पर्याप्त बिजली मिली।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 05:19 AM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 07:09 AM (IST)
जनता को बड़ी राहत: आज से बिजली के लिए नहीं मचेगा हाहाकार, डीवीसी से सुलह को आगे आई सरकार
जनता को बड़ी राहत: आज से बिजली के लिए नहीं मचेगा हाहाकार, डीवीसी से सुलह को आगे आई सरकार

रांची, राज्य ब्यूरो। दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) ने बिजली की कटौती वापस ले ली है। इससे झारखंड में जल्द ही बिजली की स्थिति सामान्य होने की संभावना जताई जा रही है। शुक्रवार को 400 करोड़ रुपये भुगतान किए जाने के बाद शनिवार को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ डीवीसी प्रबंधन की उच्चस्तरीय वार्ता हुई, जिसमें इस मुद्दे पर सहमति बनी।  डीवीसी के स्तर से बकाया भुगतान को लेकर 28 फरवरी से लोड शेडिंग की जा रही थी। पिछले एक सप्ताह से डीवीसी की बिजली कटौती के कारण धनबाद, बोकारो, कोडरमा, चतरा, हजारीबाग व रामगढ़  हाहाकार की स्थिति थी। शनिवार को भी डीवीसी के कमांड एरिया वाले जिलों में बिजली संकट बरकरार रहा।

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शुक्रवार को डीवीसी के सदस्य सचिव (वित्त) पीके मुखोपाध्याय की मौजूदगी में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ हुई डीवीसी प्रबंधन की बैठक में मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते, बिजली वितरण निगम के एमडी राजीव अरुण एक्का, बिजली संचरण निगम के केके वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में राज्य सरकार की ओर से आग्रह किया गया कि डीवीसी कटौती वापस ले। डीवीसी को आश्वस्त किया गया कि शेष बकाया का भी चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जाएगा। सरकार के आश्वासन के बाद डीवीसी ने कटौती के लिए जारी किया गया पावर रेगुलेटर वापस लेने का फैसला लिया। इस उच्चस्तरीय बैठक में लिए गए निर्णय के बाद जल्द ही बिजली की स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है।

इन बातों पर बनी सहमति

1. झारखंड विद्युत वितरण निगम हर महीने लगभग 200 करोड़ रुपये की बिजली बिल अदा करेगा।

2. एपीटीईएल के निर्णय के अनुसार डीवीसी को 1100 करोड़ रुपये अदा किए जाएंगे।

3. बकाया राशि दो वर्षों में अदा कर दी जाएगी।

4. विद्युत वितरण निगम ने 400 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है और इस आधार पर जल्द से जल्द बिजली कटौती रोक दी जाएगी।

बकाया भुगतान के लिए चल रही बिजली कटौती के बीच झारखंड बिजली वितरण निगम ने शुक्रवार को दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को 400 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। कोषागार के जरिए फंड ट्रांसफर करने के बाद जेबीवीएनएल ने डीवीसी से बिजली आपूर्ति सुचारू करने के लिए पत्र लिखा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि समझौते के मुताबिक जेूबीवीएनएल ने फौरी तौर पर तय राशि का भुगतान कर दिया है। ऐसे मेें डीवीसी भी तत्काल लोड शेडिंग और कटौती बंद कर आपूर्ति को तत्काल नियमित करे।

डीवीसी ने नवंबर 2019 तक बकाया मद में झारखंड बिजली वितरण निगम पर 4955 करोड़ रुपये का दावा ठोका है। उधर बकाया भुगतान की प्रक्रिया आरंभ किए जाने के बाद भी डीवीसी ने शुक्रवार को बिजली कटौती समाप्त नहीं की थी। शुक्रवार को भी धनबाद, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, चतरा और बोकारो के शहरी व ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती से लोग त्रस्त रहे। जगह-जगह इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन भी हुए। 

विधानसभा में फिर उठा मामला

शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही बगोदर के विधायक विनोद कुमार सिंह ने बिजली की किल्लत का मामला उठाया। उन्होंने आसन को सूचित करते हुए कहा कि बिजली संकट से लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। विधानसभा में चर्चा के 24 घंटे बीतने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। लोगों को राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि डीवीसी मनमानी कर रही है। सरकार ने 24 घंटे में बिजली आपूर्ति सामान्य करने का वादा किया था। दो दिन सदन की कार्यवाही भी अब नहीं होगी। स्पीकर ने कहा कि आज भर मौका दे दीजिए। मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि मामला गुरुवार को संज्ञान में आया था। राज्य सरकार और डीवीसी के अधिकारियों के बीच वार्ता चल रही है। डीवीसी ने भी आश्वासन दिया है कि समाधान हो जाएगा। शून्यकाल में अपर्णा सेनगुप्ता ने भी डीवीसी की बिजली कटौती का मामला उठाया। 

28 फरवरी से जारी है सप्लाई में कटौती

डीवीसी ने 25 फरवरी से बिजली आपूर्ति में कटौती करने का अल्टीमेटम राज्य सरकार को दिया था, लेकिन सरकार के आग्रह पर इसे तीन दिन के लिए टाल दिया गया। इस दरम्यान बकाया भुगतान नहीं होने पर डीवीसी ने 28 फरवरी की रात 12 बजे से लोड शेडिंग आरंभ की। आरंभ में इसका असर नहीं दिखा। कटौती का प्रभाव बीते एक सप्ताह से दिख रहा है। 

दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री से मिलीं अन्नपूर्णा देवी

कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह से मिलकर डीवीसी द्वारा कमांड एरिया में की गई बिजली कटौती का मामला उठाया। कहा, लगातार डीवीसी द्वारा झारखंड के कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह सहित उसके कमांड एरिया में आनेवाले शहरों की बिजली काट दी जा रही है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऊर्जा राज्यमंत्री ने सांसद की बातों को सुनने के बाद कहा कि वैसे यह राज्य का मामला है लेकिन वह अपने स्तर से इस मामले पर डीवीसी से रिपोर्ट तलब करेंगे और कोई रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे। अन्नपूर्णा देवी ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष तिलैया में डीवीसी द्वारा चलाए जा रहे उच्च विद्यालय के निजीकरण का मामला भी रखा। ऊर्जा राज्य मंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा सचिव से बात कर इस विद्यालय को निजी हाथों में नहीं देने का निर्देश दिया।

बिजली संकट से त्रस्त लोगों ने किया प्रदर्शन, जलाए पुतले

राज्य सरकार पर पांच हजार करोड़ के बकाया को लेकर डीवीसी की ओर से की जा रही 10 से 18 घंटे की बिजली कटौती से सात जिलों में शुक्रवार को भी लोग त्रस्त रहे। डीवीसी के कमांड एरिया वाले जिले धनबाद, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा और चतरा में लोग बिजली-पानी को तरसे। उद्योग-धंधों पर असर पडऩे से व्यवसायियों में भी रोष दिखा। उधर कटौती से आक्रोशित लोगों ने कई जगह विरोध-प्रदर्शन किया।

धनबाद में 10 घंटे तो निरसा, झरिया, बाघमारा, भूली में 18 घंटे बिजली कटौती हो रही है। यहां बिजली संकट से त्रस्त लोग शुक्रवार को सड़क पर उतर आए और केंदुआ-बोकारो मार्ग को छह घंटे तक जाम कर दिया। लोगों ने यहां डीवीसी प्रबंधन का पुतला जलाया। उधर चैंबर ऑफ कॉमर्स के बैनर तले व्यापारी भी प्रदर्शन कर रहे हैं। झरिया में भी लोगों ने पुतला जलाकर विरोध प्रकट किया। बिजली आपूर्ति न होने से धनबाद के जामाडोबा वाटर प्लांट से तीसरे दिन भी पानी की आपूर्ति नहीं हुई। जल भंडारण ही नहीं हो पा रहा है। नतीजा झरिया और आसपास के इलाके के करीब 12 लाख लोग जल संकट से प्रभावित हैं।

वहीं बोकारो के चास, बेरमो  समेत कई इलाकों में बिजली संकट से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। यहां बिजली कटौती के विरोध में बेरमो में व्यवसायियों ने कैंडल मार्च निकाला। फुसरो में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया। लोगों का कहना है कि बच्चों की वार्षिक परीक्षा हो रही है, ऐसे में उन सबकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। व्यापार चौपट होने लगा है। लोग पानी के लिए भी परेशान हैं। चतरा जिले में तो लोड शेङ्क्षडग के नाम पर 21 से 22 घंटों तक बिजली काटी जा रही है। 24 घंटे में दो से ढाई घंटा ही बिजली मिल रही है, वह भी नियमित नहीं। कभी 10 मिनट, तो कभी 20 मिनट के बाद डीवीसी बिजली काट रहा है।

हजारीबाग में बिजली कटौती से परेशान लोगों ने बिजली नहीं तो कोयला नहीं... नारे के साथ प्रदर्शन किया। झारखंड छात्र संघ के युवाओं  ने शुक्रवार को हजारीबाग स्टेशन पहुंचकर रेलवे लाईन को जाम करने का प्रयास किया। लगभग आधा घंटा तक आंदोलनकारी रेलवे लाइन पर डटे रहे एवं जोरदार प्रदर्शन किया।

कोडरमा के अभ्रकांचल क्षेत्र में भी चौथे दिन भी विद्युत आपूर्ति 18 घंटे बाधित रही। वहीं रामगढ़ के लोगों की रात अंधेरे में कट रही है। वहीं दिन में लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं।


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