झारखंड में बिजली के लिए हाहाकार, कई शहरों में 8 से 18 घंटे तक बत्ती गुल; CM हेमंत का केंद्र पर संगीन आरोप
हेमंत ने कहा अन्य राज्यों में 20 हजार 25 हजार 50 हजार करोड़ तक बकाया होने के बाद भी वहां बिजली नहीं काटी जाती है। डीवीसी केंद्र सरकार के इशारे पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में डीवीसी की बिजली कटौती के मद्देनजर जहां कई जिलों में हाहाकार मचा है। वहीं बुधवार को टीवीएनएल का यूनिट नंबर दो जवाब दे गया। इस यूनिट से बिजली उत्पादन ठप हो गया है। बुधवार को ललपनिया स्थित टीवीएनएल के पावर प्लांट टीटीपीएस की महज एक यूनिट से ही उत्पादन हुआ। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के मुताबिक बुधवार को टीवीएनएल से 155 मेगावाट, सीपीपी से 13 मेगावाट, इनलैैंड पावर से 53 मेगावाट की आपूर्ति हुई, जबकि सेंट्रल पूल से राज्य को 778 मेगावाट बिजली मिली। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर का दावा है कि राज्य में कहीं भी लोड शेडिंग की सूचना नहीं है।
डीवीसी की कटौती से हाहाकार, कई जिलों में आठ-आठ घंटे बत्ती गुल
दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने राज्य सरकार पर लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि के भुगतान को लेकर झारखंड के अपने कमांड एरिया में चरणबद्ध बिजली कटौती करनी शुरू कर दी है। मंगलवार से डीवीसी ने जेवीवीएनएल (झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) को 8 घंटे तक बिजली कटौती कर रहा है। उधर कटौती से राज्य के कई जिलों में हाहाकार मच गया है। वहीं निगम ने अपनी विवशता बताते हुए 8 घंटे की कटौती को 18 घंटे तक ले जाने की बात कही है।
संकट से नहीं मिली निजात, तीसरे दिन भी ब्लैकआउट
चतरा समेत कई जिलों में बिजली संकट बरकरार है। पिछले तीन दिनों से जिले में ब्लैकआउट की स्थिति बनी हुई है। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को प्रभावित होने जलापूर्ति भी ठप हो गई है। एक साथ बिजली और पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। बुधवार की रात 11:00 बजे से लगातार बिजली आपूर्ति ठप है। लोड शेडिंग की समस्या से पूरा जिला त्रस्त है। तीन दिनों जलापूर्ति भी प्रभावित है। शहर में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। लोग इधर उधर भटक रहे हैं। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार का कहना है कि कम से कम दस घंटा नियमित बिजली मिलने के बाद ही जलापूर्ति संभव है।
पांच हजार करोड़ के बकाये से डीवीसी भी कराहा, कहा - बंद हो जाएंगे हमारे पावर प्लांट
डीवीसी ने झारखंड सरकार से गुहार लगाई है कि बकाये का भुगतान आवश्यक है। ऐसा नहीं हुआ तो राज्य में मौजूद डीवीसी की बिजली उत्पादक इकाइयां बंद हो सकती हंै। राज्य सरकार पर नवंबर 2019 तक डीवीसी का बिजली आपूर्ति मद में बकाया 4995 करोड़ है। डीवीसी ने 25 फरवरी से बिजली कटौती का अल्टीमेटम दिया था। बिजली वितरण निगम के आग्रह पर यह अवधि तीन दिन बढ़ाई गई। इस दौरान भुगतान नहीं होने की स्थिति में 28 फरवरी से बिजली कटौती करने का आदेश डीवीसी मुख्यालय ने जारी किया है।
बकाया भुगतान नहीं होने तक जारी रहेगी कटौती
डीवीसी ने स्पष्ट किया है कि बकाया भुगतान नहीं होने तक बिजली की कटौती जारी रहेगी। कॉरपोरेशन ने स्पष्ट किया है कि पैसे के अभाव में डीवीसी की बोकारो थर्मल, चंद्रपुरा एवं कोडरमा पावर प्लांट से उत्पादन ठप हो सकता है। एक ओर जहां सरकार पर डीवीसी का बकाया है, वहीं फंड की कमी से डीवीसी कोयला कंपनियों को भुगतान नहीं कर पा रहा है। कोयला कंपनियां बकाये के कारण डीवीसी को पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं दे रही हैैं। इससे डीवीसी की बिजली उत्पादन इकाइयों में कोयले की कमी हो गई है।
रघुवर सरकार की देन है बकाया : हेमंत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिजली संकट को परेशान करने वाली कार्रवाई बताया है। उन्होंने सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रतिक्रिया को रीट्वीट करते हुए कहा है कि डीवीसी का झारखंड पर बकाया रघुवर सरकार की देन है। रघुवर सरकार में इससे कहीं अधिक गुना बकाया होने पर भी लोगों को कभी ऐसे परेशान नहीं किया गया। झामुमो ने कहा है कि हेमंत सोरेन ने भाजपा को चुनाव में करारी पटखनी दी तो केंद्र की भाजपा सरकार इसकी भरपाई डीवीसी के माध्यम से लोगों को परेशान कर करा रही है।
बिजली निगम ने कहा, भुगतान की प्रक्रिया चल रही
बकाया भुगतान को लेकर राज्य सरकार की प्रक्रिया चल रही है। बिजली वितरण निगम का दावा है कि जल्द ही डीवीसी को बकाये का भुगतान कर दिया जाएगा। इसके लिए राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
बिजली कटौती पर बोले सीएम, जल्द ही सरकार निकालेगी बेहतर हल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सपरिवार बुधवार को अपने पैतृक गांव रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के नेमरा गांव पहुंचे। मुख्यमंत्री अपने पिता झामुमो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन, भाभी व जामा की विधायक सीता सोरेन सहित पूरे परिवार के साथ बुधवार को नेमरा पहुंचे थे। मौके पर मुख्यमंत्री ने गांव स्थित अपने पैतृक घर में पूरे परिवार के साथ मिलकर कुलदेवी-बाहा की पूजा-अर्चना की।
केंद्र सरकार के इशारे पर बिजली कटौती
इस दौरान हेमंत सोरेन ने राज्य में बिजली कटौती पर कहा कि यहां लगभग पांच हजार करोड़ रुपये का डीवीसी का बकाया है। अन्य राज्यों में 20 हजार, 25 हजार, 50 हजार करोड़ तक बकाया होने के बाद भी वहां बिजली नहीं काटी जाती है। डीवीसी केंद्र सरकार के इशारे पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रही है। पूरी समीक्षा के बाद इसका क्या बेहतर समाधान निकाला जाएगा। सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेगी।
सीएम बनने के बाद पहली बार हेमंत सोरेन अपने गांव नेमरा पहुंचे थे। उनके आगमन को ले नेमरा सहित आसपास के गांवों के लोगों में उत्साह था। नेमरा पहुंचने पर मुख्यमंत्री का झामुमो और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जोरदार स्वागत किया। हेमंत अपने गांव में परिजनों और दोस्तों से मिले। फिर अपने घर पर ही जनता दरबार लगाया। इस दौरान भारी संख्या में फरियादी पहुंचे और अपनी बात सीएम के सामने रखीं। सीएम ने विभागों के अधिकारियों को बारी-बारी से बुलाकर समस्याओं के अविलंब समाधान का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने नेमरा गांव की बदहाली संबंधी सवाल पर कहा कि नेमरा ही नहीं, पूरे झारखंड बदहाली की स्थिति में था। लेकिन अब समय आ गया है, झारखंड का हर गांव विकसित होगा।
बिजली संकट से पेयजलापूर्ति और उद्योग धंधों पर भी असर
डीवीसी की बिजली कटौती से धनबाद, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ समेत राज्य के कई जिलों में बिजली संकट गहरा गया है। धनबाद में भी बिजली कटौती से लोग परेशान हैैं। होली के मौके पर भी धनबाद के निरसा, चिरकुंडा व अन्य क्षेत्रों में 5 घंटे तक बिजली की कटौती की गई। होली जैसे त्योहार पर भी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बिजली आपूर्ति बंद रहने से पेयजलापूर्ति भी ठप रही। बिजली नहीं रहने से स्कूली परीक्षार्थियों को काफी परेशानी हो रही है। उद्योग धंधों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
परीक्षार्थियों को पढ़ाई में हो रही दिक्कत, आक्रोशित लोगों ने जताई नाराजगी
बरही (हजारीबाग) के विधायक उमाशंकर अकेला यादव ने दूरभाष पर डीवीसी के चीफ इंजीनियर से बात की। उन्होंने बताया कि समस्या के समाधान के लिए भी मुख्यमंत्री से विशेष रूप से वार्ता करेंगे। रामगढ़ जिले में डीवीसी के कॉमर्शियल विभाग ने बिजली कटौती को लेकर पत्र जारी कर बताया है कि प्रत्येक छह घंटे में मात्र दो घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी। इस तरह कुल आठ घंटे की कटौती की जा रही है। घरों में पानी की सप्लाई आदि बंद हो गई है। उद्योग धंधे भी पूरी तरह प्रभावित हैं। शाम होते ही अंधेरा पसर जा रहा है। डीवीसी के इस कदम पर रामगढ़ चैंबर ने विरोध जताया है।
कोडरमा शहर समेत जिले के डोमचांच, मरकच्चो, सतगावां, जयनगर, चंदवारा आदि इलाकों में बिजली कटौती का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। यहां भी व्यवसायिक गतिविधियों और पेयजलापूर्ति पर भी असर पड़ रहा है। कोडरमा की विधायक व पूर्व मंत्री डॉ. नीरा यादव ने इस पर रोष जताया है। चतरा जिले में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप होने से उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश है। चतरा के कार्यपालक अभियंता सत्येंद्र कुमार ने बताया कि व्यवस्था कब से नियमित होगी, यह कहना काफी कठिन है, क्योंकि मामला उच्चस्तरीय है।
बकाएदारों की भी कटेगी बिजली
डीवीसी के आदेश के अनुसार ऐसे बकाएदार जिनका बिजली बिल दस हजार रुपये से अधिक है उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। यह अभियान बिजली विभाग की ओर से जल्द शुरू किया जाना है।
डीवीसी के फरमान से शहर में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
डीवीसी के 18 घंटे बिजली कटौती के फरमान से शहरवासियों में आक्रोश है। हर तबका मामले को लेकर डीवीसी की इस कार्रवाई की निंदा कर रहा है। विशेष कर व्यापारी वर्ग ने तो सीधे रूप से आंदोलन की चेतावनी दे डाली है।