मानव तस्करी की जड़ में गरीबी, इसे दूर करने पर हो फोकस : एनसीपीसीआर
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि गरीबी मानव तस्करी की मूल वजह है।
जागरण ब्यूरो, रांची : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि गरीबी मानव तस्करी की मूल वजह है। समाज के अंतिम व्यक्ति तक को सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़कर तथा उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाकर ही मानव तस्करी मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी रोकने का यह कार्य सामूहिकता में हो। गरीबी दूर करने की दिशा में सरकार के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधि और गैर सरकारी संस्थाएं नियोजित तरीके से काम करें। बेहतर यह होगा कि मानव तस्करी से अधिक प्रभावित क्षेत्रों में यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर हो। कानूनगो गुरुवार को राज्य संसाधन केंद्र (एसआरसी), झारखंड पुलिस औ बाल कल्याण संघ (बीकेएस) के संयुक्त तत्वावधान में ट्रैफिकिंग इन पर्सन डे पर आयोजित कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे।
एसआरसी के रांची स्थित कार्यालय में इस मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीआरपीएफ के पूर्व डीजी डा. पीएम नायर ने कहा कि मानव तस्करी रोकने के निमित्त पंचायत स्तर पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन कर इसके विरुद्ध अभियान चलाने का प्रस्ताव रखा, जिसपर सभी ने सहमति जगाई। साथ ही इस कार्य में युवाओं की सहभागिता आवश्यक बताई। इसे केंद्र में रखकर उन्होंने स्कूल और कॉलेजों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग क्लब बनाने का भी सुझाव दिया।
पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण प्रिया दुबे ने कहा कि झारखंड के जिन जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन नहीं हुआ है, वहां जल्द ही इसकी कार्रवाई की जाएगी। ऐसा कर मानव तस्करों पर पैनी नजर रख पाना सहज होगा। झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्थान के निदेशक डीके सक्सेना ने कहा कि मानव तस्करी रोकने के लिए विभाग की ओर से झारखंड और दिल्ली में राज्य संसाधन केन्द्र, रांची और एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र नई दिल्ली में स्थापित है।
साउथ एशिया इंडिया इंडिंग वायलेंस एगेंस्ट चिल्ड्रेन के प्रबंधक निदेशक रिचेन चैपल ने कहा कि मानव तस्करी एक गम्भीर मुद्दा है, इसे सभी मिलकर ही रोक सकते हैं इसके लिए कानूनी प्रावधानों का सही उपयोग जरूरी है। एनएससीजी के अध्यक्ष राजन मोहन्ती, साउथ एशिया के अध्यक्ष एम मंडल, एटसेक के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत कर्ण, बीकेएस के निदेशक संजय कुमार मिश्र आदि ने भी अपने विचार रखे। मानव तस्करी से मुक्त कराई गई कई लड़कियों ने अपनी आपबीती भी साझा की।