JPSC Mains: राजनीति का शिकार हो रही छठी जेपीएससी मुख्य परीक्षा
Jharkhand Public Service Commission. पिछले साल भी विधानसभा के बजट सत्र में जेपीएससी परीक्षा का मामला उठा था। तब भी मुख्य परीक्षा को स्थगित करना पड़ा था।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा राजनीति का शिकार हो रही है। 2014-15 में शुरू हुई जेपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा लगातार विवादों में रही। परीक्षा को लेकर सदन से लेकर सड़क का विवाद छिड़ा हुआ है। परीक्षा को लेकर राजनीतिक दलों का एजेंडा जिनमें सत्ता पक्ष के भी कुछ विधायक हैं समझ से परे हैं।
पिछले साल बजट सत्र में इस परीक्षा के जिन मुद्दों को लेकर विधानसभा में हंगामा हुआ था, उन्हीं मुद्दों को लेकर एक बार फिर विधानसभा गरम है। विधायकों के दबाव में ठीक एक साल पहले 29 जनवरी 2018 से शुरू होनेवाली मुख्य परीक्षा सरकार को स्थगित करनी पड़ी थी। एक साल बाद फिर 28 जनवरी से शुरू होनेवाली मुख्य परीक्षा स्थगित करने की मांग जोर पकड़ रही है।
पिछले साल जेपीएससी की पीटी परीक्षा में आरक्षण नहीं देने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के अधिक अंक लाने के बावजूद सफल नहीं होने का मामला उठा था। रिजल्ट के विरोध के बाद राज्य सरकार ने न्यूनतम कट ऑफ माक्र्स तय कर अधिक से अधिक अभ्यर्थियों को पास कराया। न्यूनतम कट ऑफ माक्र्स तय होने से पीटी में सफल अभ्यर्थियों की संख्या 14 हजार से बढ़कर 34 हजार हो गई थी। विवादों के कारण ही जेपीएससी को पीटी का तीन-तीन बार संशोधित रिजल्ट जारी करना पड़ा। यह परीक्षा पूरी नहीं होने से हजारों युवा प्रभावित हो रहे हैं। वहीं सातवीं सिविल सेवा परीक्षा शुरू नहीं हो पा रही है।
कुछ उपद्रवी भी दे रहे तूल : जेपीएससी परीक्षा को लेकर विरोध में माहौल बनाने की तैयारी भी चल रही है। कुछ उपद्रवी इसे तूल दे रहे हैं। योजना आंदोलन की आड़ में परीक्षा को स्थगित कराने की है। कुछ लोग इसमें राजनीतिक पुट भी डालना चाहते हैं।