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झारखंड को निजी एजेंसी की रेटिंग पर राजनीति, विपक्षी दलों ने सरकार पर साधा निशाना

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि गुड गवर्नेंस के खोखले दावों, भ्रामक आंकड़ों एवं आधारहीन उपलब्धियों के कारण ही झारखंड रसातल की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

By Sandeep KumarEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 01:50 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 05:57 PM (IST)
झारखंड को निजी एजेंसी की रेटिंग पर राजनीति, विपक्षी दलों ने सरकार पर साधा निशाना
झारखंड को निजी एजेंसी की रेटिंग पर राजनीति, विपक्षी दलों ने सरकार पर साधा निशाना

राज्य ब्यूरो, रांची। बंगलुरू की थिंक टैंक पब्लिक अफेयर्स सेंटर (पीएसी) की ओर से सुशासन के मामले में जारी रेटिंग पर झारखंड में राजनीति तेज हो गई है। झामुमो, कांग्रेस, झाविमो समेत तमाम विपक्षी दलों ने जहां सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है वहीं भाजपा खुलकर सरकार के पक्ष में आई है। पार्टी ने इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया है। जो भी हो, इस रिपोर्ट से सभी पार्टियों को राजनीति करने का मौका तो मिल ही गया है।

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पीएसी ने 30 राज्यों में झारखंड को 28वां स्थान दिया है। इसके साथ ही विपक्ष इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सरकार को विफल करार देने में जुट गया है। तमाम पार्टियों ने भाजपा के खिलाफ मोर्चेबंदी कर दी है। सरकार से लेकर मंत्री तक पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

झारखंड रसातल की ओर : झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि गुड गवर्नेंस के खोखले दावों, भ्रामक आंकड़ों एवं आधारहीन उपलब्धियों के कारण ही झारखंड रसातल की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार ने झारखंड मंत्रालयों के अधीनस्थ कई विभागों को निजी सलाहकार कंपनियों को दे दिया है और इन्हीं कंपनियों के निर्देश पर आइएएस व झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी काम करते हैं। नगर विकास, शिक्षा विभाग, कल्याण आदि सभी विभागों में परामर्शी कंपनियां सक्रिय हैं। ये कंपनियां करोड़ों की वसूली करती हैं। इसके बावजूद झारखंड सरकार का प्रदर्शन फिसड्डी है। 

सुशासन-विकास के दावे झूठे : कांग्रेस
पीएसी की रैंकिंग में राज्य को जो स्थान मिला है उससे स्पष्ट तौर पर सुशासन और विकास के दावों की पोल खुल गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि राज्यों में इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव विकास का समर्थन, सामाजिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, महिलाओं और बच्चों की स्थिति आदि मोर्चों पर देश में झारखंड को 28वां स्थान मिलना चिंता का विषय है। विज्ञापन का कोई आकलन होता तो झारखंड निश्चित तौर पर पहले स्थान पर होता लेकिन दुर्भाग्य है कि झारखंड में लोग सुरक्षित नहीं हैं। भीड़ का रूप लेकर जो लोगों की हत्या कर रहे हैं, वैसे लोगों को केंद्रीय मंत्री सम्मानित कर रहे हैं। मंत्री राज्य के इसाइयों और आदिवासियों को लड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। आज झारखंड की पहचान मॉब लिंचिंग, भुखमरी, किसानों की आत्महत्या के लिए बनती जा रही है।

जमीनी हकीकत काफी भयावह : झाविमो
झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता योगेंद्र प्रताप सिंह ने सर्वे रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि राज्य में विकास के झूठे दावों के बावजूद जमीनी हकीकत काफी भयावह है। रघुवर सरकार केवल बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स लगाकर विकास और सुरक्षा के झूठे दावों में मशगूल है जबकि राजधानी सहित तमाम शहरों में हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार की घटनाएं नियमित हो रही हैं। सिंह ने कहा कि इससे अधिक हास्यास्पद बात क्या हो सकती है कि जिस राज्य के सीएम के कार्यों का उदाहरण प्रधानमंत्री देते हों उसका स्थान 30 में 28वां है।

पीएसी एक निजी थिंक टैंक : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने पॉलिसी अफेयर्स सेंटर (पीएसी) को एक निजी थिंक टैंक करार दिया है। पार्टी के मुताबिक कई बार यह एजेंसी विवादों में घिरी है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि विपक्ष के नेता खुश होकर बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि पीएसी विशुद्ध रूप से निजी संस्था है और इसका सरकारों या वल्र्ड बैंक से कोई लेनादेना नहीं है। रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड लगातार प्रगति के मार्ग पर बढ़ रहा है और विकास दर में झारखंड को देश में दूसरा स्थान मिला है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और लेबर रिफॉर्म में झारखंड की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाल आया है। बड़ी संख्या में निवेशक झारखंड आ रहे हैं। सरकार ने पंचायती राज और पारंपरिक शासन व्यवस्था को दुरुस्त किया है। इसके बाद भी संस्था की रिपोर्ट में झारखंड की खराब रैंकिंग से कई सवाल उठ रहे हैं।


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