यहां भरे पड़े हैं खुराफाती, उंगली वहीं करते हैं, जहां घाव ताजा हो... पढ़ें राजनीति की अंदरुनी खबर
Jharkhand News Jharkhand Bureaucracy आडियो-वीडियो जुगाड़ कर अपने युवा जननेता सह डाक्टर साहब का वीडियो बैकग्राउंड ऑडियो के साथ तमाम सोशल नेटवर्किंग साइट पर उतार दिया। वीडियो हाजी साहब के सुपुत्र के शपथ ग्रहण के साथ यह चर्चा में आया है। टाइमिंग बेजोड़ है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Jharkhand Bureaucracy झारखंड की राजनीति को टटोलते राज्य ब्यूरो के सहयोगी आनंद मिश्र के साथ पढ़ें सियासत की अंदरुनी खबरों पर आधारित खास कॉलम खरी-खरी...
दक्षिणी द्वार पर आई आफत
वास्तु शास्त्र में दक्षिणी द्वार को यमराज की दिशा माना जाता है। इस दिशा की पहरेदारी करने वाले को क्या कहेंगे, आप समझिए या वो समझें जिन पर आफत आई है। बड़े साहब के जख्म हरे हैं, आधा दर्जन डिप्टियों पर आफत आन पड़ी है। सरकार हुजूर का ऐसा इकबाल या तो अंग्रेजों के शासनकाल में था या अब देखने को मिल रहा है। भेजे गए थे आराम फरमाने को लेकिन आराम, हराम है, इनके लिए। एक-एक का खाता-बही मिलान कर रहे हैं। लॉग बुक चेक कर जान लिया कि साहबों की गाड़ी किसकी जी हुजूरी में दौड़ रही है। सुना है जल्द ही क्लास भी लगाएंगे। फाइलों का मूवमेंट पर भी निगाह है कमिश्नर साहब की। इन्हें कम न आंकिएगा। डाक्टर साहब हैं, नाड़ी चेक कर रोग बता देते हैं। अब या तो रोग जड़ से खत्म होगा या साहब की जल्द ही सचिवालय वापसी होगी।
टाइमिंग का खेल
इंटरनेटिया खुराफाती टाइमिंग सेट कर वहीं उंगली करते जहां घाव ताजे हों। आडियो-वीडियो जुगाड़ कर अपने युवा जननेता सह डाक्टर साहब का वीडियो बैकग्राउंड ऑडियो के साथ तमाम सोशल नेटवर्किंग साइट पर उतार दिया। वीडियो हाजी साहब के सुपुत्र के शपथ ग्रहण के साथ यह चर्चा में आया है। टाइमिंग बेजोड़ है। वीडियो पुराना है लेकिन इसके मुख्य किरदार के दर्द में मिलावट की कतई गुंजाइश नहीं दिखती है। दर्द हद से गुजरा जाता है। गुजरे भी क्यों न। इन पर जो गुजरी है वह यही जानते हैं। देवघर वाले बाबा भी मौज ले रहे हैं। कहते हैं कि हमको गाली देने के बाद भी नहीं मिली कुर्सी। हालांकि, तंज की तेजी में वे भी लपेटे में आ गए हैं, राजेंद्र बाबू को चुनाव में आर्थिक सहयोग की बात कह कर। कमल टोले में खासी हलचल है। टाइमिंग यहां गड़बड़ा गई है।
ज्वाइनिंग के साथ ही लग गई जंग
''''दरोगा'''' शब्द में ही दबंगई है। किताबों से लेकर फिल्मों तक से झांकते इस ओहदे के किरदार अक्सर हीरो और जेम्स बांड सरीखे दिखाए जाते हैं। असल जिंदगी में भी, ''''अब तक छप्पन'''' जैसे किरदार ढूंढ़ने पर मिल ही जाएंगे। लेकिन हम यह दावे से कह सकते हैं कि यह आखिरी ही लाट होगी। नई लाट तो अभी से जंग खाई दिखती है। अब हजारीबाग पुलिस ट्रेनिंग का किस्सा ले लें। डेढ़ दर्जन वायरलेस दरोगा ट्रेनिंग कैंप में सिंघम जैसा दम भरते उतरे, 17 से असलहा ही नहीं चला। जो एक अपना दम दिखाने में कामयाब रही वह महिला थी। खाकी टोले में यह पहला ऐसा मामला सामने आया है जब जवानों को ज्वाइनिंग के साथ ही जंग लग गई है। सब वर्चुअल दुनिया का कमाल है, पबजी में सैकड़ों को गिराने वाले अपनी ही नजरों में गिरे जा रहे हैं।
शिरोमणि का टोटका
सियासत विवादों में ही फलती-फूलती है। इस बात को गांठ बांधकर किसी ने रखा है तो वे अपने प्रदेश के हाथ शिरोमणि हैं। इनका नित नया बयान विरोधी खेमे में मचाए न मचाए, हाथ को दिल्ली तक हिला देता है। पुराने चावल हैं, आजादी के पहले की पैदाइश बताए जाते हैं। इन्हें कमजोर आंकने की भूल कतई न करें। तो जो यह सोच रहे थे कि बंध गया इनका पुलिंदा वो हो जाएं सवाधान। दिल्ली से खुशी-खुशी वापसी हुई है जनाब की। अब बोएंगे गरमा धान। इनका बयान एक्सटेंशन का टोटका बताया जाता है। काले टीके के पास भी नहीं है इनके टोटके की काट। तभी तो दुश्मनों से घिरे हैं, फिर भी तख्त सलामत है। चारों पाएं खिंचने वालों को सर्दी में भी पसीना आ रहा है। पुरुष बिरादरी के परास्त होने के बाद अब आधी आबादी की कोशिशें भी दम तोड़ती नजर आ रही है।