डीजीपी को लेकर झारखंड में राजनीतिक मोर्चाबंदी, भाजपा व कांग्रेस आमने-सामने
Jharkhand Politics. भाजपा ने डीजीपी पर सत्ताधारी दल की भाषा बोलने का आरोप लगाया। कांग्रेस का पलटवार एमवी राव को किसी के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक एमवी राव को लेकर राजनीतिक गोलबंदी शुरू हो गई है। इसके पीछे की वजह राजïधानी के हिंदपीढ़ी में हुए बवाल पर पुलिस महानिदेशक का पक्ष समेत अन्य घटनाएं हैं। भाजपा को उनकी भूमिका जहां रास नहीं आ रही है, वहीं सत्तापक्ष में शामिल कांग्रेस उनके बचाव में खुलकर सामने आ गई है। रविवार को राज्य सरकार के पूर्व मंत्री और रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने पुलिस महानिदेशक के खिलाफ मोर्चा खोला।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सरकार के इशारे पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। पदाधिकारियों पर गैरकानूनी निर्णयों के लिए दबाव बनाया जा रहा है। वे सरकार की कठपुतली बने हुए हैं। आपदा की घड़ी में डाॅक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी को अपमानित करना, थूकना और उनपर पत्थर फेंकना निंदनीय है, लेकिन कार्रवाई की बजाय ऐसी घटनाओं को नकारा जा रहा है। इससे अपराधी प्रवृति के लोगो का मनोबल बढ़ेगा। सीपी सिंह के इन आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि एमवी राव सरीखे कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी को सीपी सिंह के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की असली बौखलाहट सत्ता से हटने की है। उनका सिस्टम में विश्वास नहीं है। भाजपा की सरकार के दौरान अधिकारियों पर दबाव बनाकर काम लेने की परंपरा रही है। सीपी सिंह खुद आइसोलेशन में हैं। वे विपक्ष के नेता नहीं बन पाए, तो अनापशनाप बोलकर अपनी खीज उतार रहे हैं।
सरकार के दबाव में आरोपितों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं डीजीपी : मेयर
डीजीपी साहब शिकायतकर्ताओं को खोज रहे हैं। उनके बयान से यह स्पष्ट है कि वे सरकार के दबाव में आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। रविवार को मेयर आशा लकड़ा ने डीजीपी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ये बातें कहीं। हिंदपीढ़ी में सफाईकर्मियों व इंफोर्समेंट टीम पर थूकने की घटना पर डीजीपी एमवी राव ने शनिवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा था कि आपसे मैं ये पूछना चाहता हूं कि किस पर थूका गया, उस आदमी को आइडेंटिफाइ किया गया क्या।
पहले उनको लाइए ना। सिपंल बात है, सब लोग कह रहा था कि कौआ आया नाक काटकर ले गया। नाक है कि नहीं, पहले देख लीजिए अपने पास। रांची नगर निगम के कर्मियों पर थूकने के मामले में डीजीपी ने जिस तरह बयान दिया है, वह एक राजनेता की तरह है। मेयर ने कहा कि डीजीपी का यह बयान आरोपितों का मनोबल बढ़ाने जैसा है। उन्होंने कहा कि अब तक शिकायतकर्ता से किसी तरह की पूछताछ नहीं की गई।
10 अप्रैल को हिंदपीढ़ी थाना में शिकायत दर्ज कराने गए निगम कर्मियों के साथ घंटों टाल-मटोल की गई। फिर नगर निगम के उच्च अधिकारियों ने पुलिस के वरीय अधिकारियों से बात की तो सनहा दर्ज किया गया। इधर, निगमकर्मियों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को कोतवाली थाना ने शिकायतकर्ता शिव नंदन गोप से उनके मोबाइल पर कॉल कर पूरी घटना की जानकारी ली है।