RPF अफसर के घर जवान ने नाबालिग की बनाई अश्लील वीडियो, पीटती थी अधिकारी की पत्नी; नहीं देती थी भोजन
Jharkhand Crime News रांची के चुटिया थाने में उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त मो. शाकिब उनकी पत्नी व जवान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। सीडब्ल्यूसी के समक्ष दर्ज किए गए पीड़िता के बयान पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
रांची, जासं। पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त मो. शाकिब के रांची स्थित आवास पर नाबालिग से यौन शोषण मामले में पीड़िता ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष बयान दर्ज करा दी है। इसी बयान के आधार पर चुटिया थाने में उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त मो. शाकिब, उनकी पत्नी और जवान पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पॉक्सो एक्ट, जेजे एक्ट और आइटी एक्ट सहित अन्य धाराएं लगाई गई हैं। पीड़िता ने मो. शाकिब, उनकी पत्नी और घर पर तैनात जवान पर कई आरोप लगाए हैं।
बताया है कि वह बेहद गरीब परिवार से होने की वजह से मो. शाकिब के घर पर काम करने के लिए चली गई। मो. शाकिब ने कहा था कि अपनी बच्ची की तरह रखेंगे और पढ़ाई भी करवाएंगे। लेकिन घर लाने के बाद मो. शाकिब की पत्नी पिटाई करने लगी। उसे जूठा खाना दिया जाने लगा। कई बार घर से निकालने की कोशिश की गई। वह एक तरफ पति-पत्नी के बीच झगड़े से तो दूसरी तरफ अपने साथ हो रही पिटाई से परेशान थी।
एक बार जब वह कपड़े बदल रही थी तो छुपकर घर में तैनात आरपीएफ जवान शंभू ने अश्लील वीडियो बना ली। वीडियो को फेसबुक पर वायरल करने की धमकी देकर अक्सर गंदी हरकत करने लगा। कई बार जबरदस्ती करने की भी कोशिश की।
अधिकारी व पत्नी के बीच ठीक नहीं थे संबंध
पीड़िता ने बताया कि अधिकारी व उनकी पत्नी के बीच संबंध ठीक नहीं थे। दोनों में अक्सर लड़ाई होती थी। जब वह बचाव करने जाती तो उसकी भी पिटाई कर दी जाती थी। यहां तक कि रात-रात भर बिना खाना खिलाए रखा जाता था। सोने भी नहीं दिया जाता था। साहब की पत्नी जब उसके साथ मारपीट करती तो अक्सर कहती कि तुम्हारा मेरे पति के साथ अवैध संबंध है। वहीं, जब वह पति के साथ मारपीट करती तो कहती कि तुम उसी से (पीड़िता) शादी क्यों नहीं कर लेते।
अधिकारी ने अश्लील वीडियो डिलीट करवाया
पीड़िता के अनुसार, एक दिन उसने अधिकारी को शंभू द्वारा बनाए गए अश्लील वीडियो की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने शंभू को डांटा और मोबाइल लेकर वीडियो डिलीट कर दिया। उनकी पत्नी ने धमकी दी थी कि अगर कहीं बयान दिया तो पूरे परिवार को जेल हो जाएगी, क्योंकि उनका भाई पुलिस कमिश्नर है।
आरपीएफ की महिला अधिकारी ने भी की जांच
इस मामले की आरपीएफ गोमो में तैनात महिला अधिकारी कार्तिक बिंझा ने भी जांच की थी। उन्होंने पीड़िता का बयान लिया था। इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी आरपीएफ अधिकारी ने कराई थी। अब बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की छह दिनों की काउंसलिंग के बाद पीड़िता ने जो बयान दिया है, वह पहले वाले से पूरी तरह अलग है। महिला आरपीएफ अधिकारी को दिए बयान में पीड़िता ने आरपीएफ जवान पर आरोप लगाए थे। इस बयान में यौन शोषण के आरोपित जवान के बारे में कम जिक्र है।
'लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। जांच में सारे तथ्य सामने आ जाएंगे। पीड़िता मेरे घर में खुश थी। पत्नी भी उसका ख्याल रखती थी। आवास पर पहले से ही कुक समेत कई काम करने वाले लोग हैं। पीड़िता की मां हर 15 दिनों पर आती थी और मिलती थी। अगर पीड़िता को कोई तकलीफ होती तो अपनी मां से जरूर बताती।' -मो. शाकिब, उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पूर्व मध्य रेलवे।