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Jharkhand Politics: हाई प्रोफाइल मामलों में पुलिस अनुसंधान सुस्त, हेमंत सोरेन की सरकार गिराने की साजिश से संबंधित तीन मामलों का नतीजा सिफर

Jharkhand Politics झारखंड पुलिस हाई प्रोफाइल मामलों की जांच में सुस्त पड़ जाती है। पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी तो दर्ज करती है लेकिन उनका अनुसंधान अधर में लटका रहता है। सरकार गिराने की साजिश के मामले में भी पुलिस अनुसंधान उस स्तर पर नहीं पहुंची जिसकी उम्मीद थी

By Kanchan SinghEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 09:36 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 09:36 PM (IST)
Jharkhand Politics: हाई प्रोफाइल मामलों में पुलिस अनुसंधान सुस्त, हेमंत सोरेन की सरकार गिराने की साजिश से संबंधित तीन मामलों का नतीजा सिफर
हेमंत सोरेन की सरकार गिराने की साजिश से संबंधित तीन मामलों का नतीजा सिफर रहा है।

रांची,राब्यू ।  झारखंड पुलिस हाई प्रोफाइल मामलों की जांच में सुस्त पड़ जाती है। पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी तो दर्ज करती है, लेकिन उनका अनुसंधान अधर में लटका रहता है। रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज हार्स ट्रेडिंग का मामला लें। कोतवाली व दुमका के नगर थाने में दर्ज सरकार गिराने की साजिश रचने के मामले में भी पुलिस अनुसंधान उस स्तर पर नहीं पहुंची, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। इस मामले में पुलिस अधिकारियों से अगर उनका पक्ष पूछा जाता है तो वे जवाब देने से कतराते हैं।

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चर्चित मामले, जिसमें नहीं बढ़ सके पुलिस के कदम :

केस एक : राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग के मामले में 29 मार्च 2018 को तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता व मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ रांची के जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस केस में इसी वर्ष जुलाई महीने में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम भी जुड़ गया। कांड के अनुसंधानकर्ता हटिया के एएसपी विनीत कुमार बनाए गए। इस केस में पुलिस तीन साल के बाद भी किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पुलिस का तर्क है कि अनुसंधान जारी है।

केस दो : दुमका के नगर थाना में एक नवंबर 2020 को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के खिलाफ सरकार गिराने की साजिश रचने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह प्राथमिकी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई थी। आरोप लगा था कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन की सरकार गिराने के लिए आपराधिक षडयंत्र रचा। एक साल होने को है, अनुसंधान जारी है।

केस तीन : रांची के कोतवाली थाने में 24 जुलाई को कांग्रेस के बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह के बयान पर सरकार गिराने की साजिश मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में सब्जी व फल बेचने वाले तीन युवकों अमित सिंह, अभिषेक दूबे व निवारण प्रसाद महतो को पुलिस ने जेल भेजा था, जिनके विरुद्ध दो दिनों के भीतर आरोप पत्र भी दाखिल करेगी। इस प्रकरण में कांग्रेस के जिन विधायकों का नाम सामने आया था, उनसे तीन महीने के बाद भी पूछताछ तक नहीं की गई। महाराष्ट्र भाजपा के जिन नेताओं का नाम सामने आया था, उनसे भी पूछताछ तक नहीं की गई। पुलिस की कार्रवाई तीन गैर राजनीतिक युवकों की गिरफ्तारी तक सीमित रही। कांड का अनुसंधान डीएसपी सदर प्रभात रंजन बरवार कर रहे हैं।

केस चार : रांची के धुर्वा थाने में झामुमो के विधायक रामदास सोरेन ने 12 अक्टूबर को अपनी ही पार्टी से निकाले गए रवि केजरीवाल व उनके सहयोगी अशोक अग्रवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि रवि केजरीवाल व अशोक केजरीवाल ने सरकार गिराने के लिए विधायक रामदास सोरेन को प्रलोभन दिया था। इस कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी भी हटिया के एएसपी विनीत कुमार को दी गई है। इस मामले का आरंभिक अनुसंधान चल रहा है।

कोतवाली में दर्ज मामले में आज चार्जशीट दाखिल कर सकती है पुलिस

सरकार गिराने की साजिश रचने के मामले में रांची के कोतवाली थाने में 24 जुलाई को दर्ज प्राथमिकी में जिन तीन आरोपितों अमित सिंह, अभिषेक दूबे व निवारण प्रसाद महतो को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उनके विरुद्ध पुलिस 90 दिनों के भीतर चार्जशीट कर देगी। सूचना है कि गुरुवार को रांची पुलिस की टीम तीनों ही आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल करेगी।


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