पुलिस की जांच रिपोर्ट का फॉर्मेट बदला, कठिनाइयां दर्शाने के लिए भी बना कॉलम
झारखंड में पुलिस और सीआइडी की जांच के आंकड़ों और रिपोर्ट को ज्यादा शोधपरक और तथ्यों से समृद्ध बनाने के लिए मामलों की प्रगति रिपोर्ट का फॉर्मेट बदल दिया गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में पुलिस और सीआइडी की जांच के आंकड़ों और रिपोर्ट को ज्यादा शोधपरक और तथ्यों से समृद्ध बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए अब मामलों की प्रगति रिपोर्ट का फॉर्मेट बदल दिया गया है। नए फॉर्मेट में 26 बिंदु हैं, जिनमें अन्य विवरणों के साथ-साथ जांच के दौरान आने वाली कठिनाइयों के जिक्र के लिए भी कॉलम है। डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर सीआइडी के एडीजी अनिल पाल्टा ने सभी रेंज डीआइजी व सभी जिलों के एसएसपी-एसपी से इस संबंध में पत्राचार किया है।
नए फॉर्मेट में कुल 26 बिंदु
एडीजी अनिल पाल्टा ने अपने पत्र में लिखा है कि अनुसंधान के लिए लंबित विशेष या साधारण दर्ज कांडों में जारी प्रोग्रेस रिपोर्ट (प्रगति प्रतिवेदन) में गुणात्मक सुधार की आवश्यकता बहुत दिनों से महसूस की जा रही है। नए फॉर्मेट में कुल 26 बिंदु दिए गए हैं, जिनपर रिपोर्ट तैयार करने के बाद ही प्रगति प्रतिवेदन भेजना है। इनमें मामला दर्ज होने से लेकर लगाई गई धाराओं, जांच के दौरान क्रमवार मिले साक्ष्य, आरोपों का सत्यापन, आरोपों की पुष्टि, आरोपित किए गए लोगों में कितने के खिलाफ आरोप की पुष्टि, जांच रिपोर्ट का सार, नोटिस की कार्रवाई, गिरफ्तारी की आवश्यता का विवरण, छापामारी का विवरण, आरोप पत्र का विवरण, अनुसंधान के दौरान आ रही कठिनाइयों का विवरण, विशेष टिप्पणी आदि विवरण दर्ज करने होंगे। उक्त प्रोफार्मा के आधार पर ही पुलिस निरीक्षक स्तर व उससे उपर के अधिकारी प्रगति प्रतिवेदन तैयार करेंगे।