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दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्रीय पुलिस ड्यूटी मीट का उद्घाटन

राची : अपराधी पुलिसकर्मियों के दायरे से वाकिफ होते हैं। पुलिस को नकारा साबित करना उन्हें अच्छी तरह आ

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 07:14 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 07:14 AM (IST)
दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्रीय पुलिस ड्यूटी मीट का उद्घाटन
दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्रीय पुलिस ड्यूटी मीट का उद्घाटन

राची : अपराधी पुलिसकर्मियों के दायरे से वाकिफ होते हैं। पुलिस को नकारा साबित करना उन्हें अच्छी तरह आता है। इसे समझते हुए पुलिसकर्मी अनुसंधान के वैज्ञानिक गुर सीख पुलिसकर्मी काबिल बनें। तभी अपराध संबंधी साक्ष्य जुटाकर उन्हें सजा दिला सकेंगे। अपराध पर नियंत्रण तभी होगा, जब मजबूत साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट उन्हें सजा देगी। उक्त बातें रेंज के डीआइजी एवी होमकर ने बुधवार को तीन दिवसीय दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्रीय पुलिस ड्यूटी मीट व शूटिंग प्रतियोगिता के उदघाटन के मौके पर कहीं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता एक प्रकार का अभ्यास है। जो राज्य स्तर से लेकर राष्ट्र स्तर तक के प्रतियोगिता में पुलिसकर्मियों को अपनी दक्षता साबित करने का प्लेटफॉर्म है। पुलिसकर्मी प्रतियोगिता के माध्यम से अनुसंधान के सभी वैज्ञानिक तकनीकों को सीख कर झारखंड पुलिस का मान बढ़ाएं। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने कहा पुलिस का मूल काम अनुसंधान और वारदातों से पर्दाफाश करने का है। इस प्रतियोगिता में सीखे गए गुर और ज्ञान का प्रदर्शन अनुकरणीय हो जाती है, जो अनुसंधान में काम आती है। कार्यक्रम में पांच जिलों के 76 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। जो वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान का प्रदर्शन करेंगे। मौके सिटी एसपी अमन कुमार, ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह सहित कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे। इन विषयों पर प्रतियोगिता :

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पुलिसकर्मियों के बीच विधि विज्ञान, अपराध अनुसंधान में नियम कानून व कोर्ट का फैसला व फिंगर प्रिंट विषय पर प्रतियोगिता आयोजित की गई है। जमादार व कास्टेबल स्तर के पुलिसकर्मियों के लिए पुलिस ऑब्जर्वेशन, कंप्यूटर जागरूकता (सैद्धातिक व व्यावहारिक) व पुलिस पोर्टरेट, वैज्ञानिक अनुसंधान, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, क्राइम चेकिंग, स्वान दस्ता सहित अन्य विषय पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

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दंगाइयों से निबटने के लिए मॉक ड्रिल

पुलिस ड्यूटी मीट के दौरान पुलिस लाइन में दंगा से निबटने को लेकर मॉक ड्रिल किया गया। इसमें पुलिसकर्मी ही दंगाई थे। जिन्हें निबटने के लिए पुलिसकर्मी ही जुटे थे। इस मॉक ड्रिल में दंगा होने की स्थिति में पुलिस के एक्शन में आने के साथ ही इन हालात में निपटने के लिए किस रैंक के अफसरों को किस तरह से अपनी भूमिका को तय करके एक्शन में आना है, इसका अभ्यास कराया गया। इस दौरान दंगाई बने पुलिस कर्मियों पर गोली चली, लाठी चार्ज हुआ और गोले भी दागे गए। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि दंगाई जब न माने तो आसू गैस के गोले दागे जाए, फिर भी न मानें तो लाठीचार्ज किया जाए। इसके बावजूद भी जब हालात काबू में न आए तो फाय¨रग की जाए। यह ध्यान रहे कि गोलिया पैरों पर मारी जाएं जिससे किसी की जान न जा सके। इस अवसर पर डीआइजी एवी होमकर, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी सहित कई अधिकारी मौजूद थे।


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