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कुमार विश्‍वास ने रांची में बांधा समां... बही फागुन की मदमस्‍त बयार

Kumar Vishwas in Ranchi. रांची के मारवाड़ी भवन में कुमार विश्वास को सुनने लोग दूर-दूर से आए थे। यहां अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन 2019 का आयोजन किया था।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 06:53 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 02:18 PM (IST)
कुमार विश्‍वास ने रांची में बांधा समां... बही फागुन की मदमस्‍त बयार
कुमार विश्‍वास ने रांची में बांधा समां... बही फागुन की मदमस्‍त बयार

रांची, जासं।  मारवाड़ी भवन श्रोताओं से पट गया था। बाहर भी भीड़ थी। मौसम भी खुशनुमा था। कुमार विश्वास को सुनने लोग दूर-दूर से आए थे। अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन ने इसका आयोजन किया था। होली का मौसम। फागुन की बयार और ऊपर से चुनाव का शोर। ऐसे माहौल में कविता जमीन तोड़ रही थी। एक से बढ़कर एक कवि और उनकी कविताएं। प्रसिद्ध व्यवसायी विष्णु अग्रवाल ने इस खूबसूरत शाम का उद्घाटन किया। इसके बाद होलियाना तरीके से कवियों और अतिथियों का स्वागत किया गया। मां शारदे की वंदना के साथ हंसी की यह शाम शुरू हुई। 

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हंसी के साथ चले व्यंग्य के नुकीले तीर : हंसी के साथ व्यंग्य के नुकीले तीर थे। तीर नेताओं पर लग रहे थे। राष्ट्रभक्ति भी जोर मार रही थी। कुमार की पंक्तियां देश भक्ति और होली से ओतप्रोत थी। दोनों का गजब का संगम। सुनिए-हिंदुस्तानी सेना को जब आ जाता है तैश, उड़े हवा में हाफिज वाफिज, पानी मांगे जैश...जोगीरा सारारारारा। जब-जब भारत पर मंडराए पाकिस्तानी बाज, घर में घुस कर ठोंके उनको अभिनंदन जांबाज...जोगीरा सारारारारा। दर्शक भी पीछे नहीं थे। कुमार का साथ दे रहे थे। जोगीरा...। 

एक दूसरी कविता में देश बोल रहा था-है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर, इस जगत के शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं...है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय...जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गए हैं...है नमन उस देहरी को जिस पर तुम खेले कन्हैया...घर तुम्हारे परम तप की राजधानी हो गए हैं ...है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय....।

जबलपुर से आए सुदीप भोला भी उतना भोला नजर नहीं आ रहे थे। लखनऊ से आईं कविता तिवारी के कंठ में मां शारदे विराज रही थीं। सस्वर गीत सुनाया...क्षितिज तक शौर्य गूंजेगा स्वयं दिनमान बदलेगा...उतारो भारती की आरती सम्मान बदलेगा।। विवादों में उलझ कर कीर्ति मां की मत करो धूमिल।...शहीदों की करो पूजा तो ङ्क्षहदुस्तान बदलेगा।।...लगन जो देश हित जागी वो हरगिज सो नहीं सकती।...जिस्म के खाक होने पर भी शोहरत खो नहीं सकती।। मुंबई से चलकर आए दिनेश बावरा अपने नाम के अनुरूप गुणवान थे। 

इनकी रही उपस्थिति : हास्य कवि सम्मेलन आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अग्रवाल सभा के पूर्व अध्यक्ष विनोद जैन, मनोज बजाज, अनिल अग्रवाल, पवन पोद्दार, चैंबर के पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा समेत अन्य लोगों का होलिया अंदाज में सब्जी की माला व अबीर गुलाल लगाकर स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उद्योगपति विष्णु अग्रवाल मौजूद थे। कार्यक्रम में रतन मोर, कमल जैन, किशोर मंत्री, पुनीत पोद्दार, पुनीत अग्रवाल, अनूप अग्रवाल, राजेश भरतिया समेत कई संगठनों के लोग मौजूद थे।


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