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मोदी का मास्‍टर स्‍ट्रोक... द्रौपदी मुर्मू राष्‍ट्रपति बनीं, तो विश्‍व में बढ़ेगा भारत का मान, आदिवासी खींचेंगे दुनिया का ध्‍यान

Draupadi Murmu President Election द्रौपदी मुर्मू को राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्‍व को खास संदेश दिया है। आदिवासी राष्ट्रपति बनीं देश-दुनिया का ध्यान आदिवासी की ओर जाएगा। लोग आदिवासियों उनकी संस्कृति उनकी समस्याओं का जानने-समझने का प्रयास करेंगे। यह उनके उत्थान का बड़ा अवसर प्रदान करेगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 12:17 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 07:35 AM (IST)
मोदी का मास्‍टर स्‍ट्रोक... द्रौपदी मुर्मू राष्‍ट्रपति बनीं, तो विश्‍व में बढ़ेगा भारत का मान, आदिवासी खींचेंगे दुनिया का ध्‍यान
Draupadi Murmu, President Election: द्रौपदी मुर्मू को राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्‍व को खास संदेश दिया।

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। Draupadi Murmu, Narendra Modi, President Election झारखंड की पूर्व राज्‍यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार बनाकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्‍व को बड़ा ही खास संदेश दिया है। एक महिला, वह भी आदिवासी संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र का राष्ट्रपति बनीं, तो देश-दुनिया का ध्यान सहजता से आदिवासि‍यों की ओर जाएगा। लोग आदिवासियों, उनकी बहुमुखी संस्कृति, उनकी समस्याओं को जानने-समझने का प्रयास करेंगे। यह उनके सर्वांगीण विकास और उत्थान का बड़ा अवसर प्रदान करेगा।

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पीएम मोदी की इस सोच के पीछे सबसे बड़ी बात यह मानी जा रही है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर पूरे विश्‍व को यह संदेश दिया जाए कि भारत की संप्रभुता उसके एक-एक देशवासी में निहित है। सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण से पीछे छूटे आदिवासियों के कल्‍याण और उनके जीवन स्‍तर को उठाने का सहज मार्ग प्रशस्‍त हो। खासकर विश्‍वगुरु बनने का भारत का संकल्‍प द्रौपदी मुर्मू के राष्‍ट्रपति बनने से पहले के मुकाबले और मजबूत हो। पीएम मोदी की बेहद विश्‍वस्‍त मानी जाने वालीं द्रौपदी मुर्मू पर दांव लगाना उनका मास्‍टर स्‍ट्रोक माना जा रहा है। इस फैसले के जरिये उन्‍होंने विपक्ष को अपनी रणनीति बदलने या फिर बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया है।

आदिवासियों की घटती आबादी पर चिंता जताई द्रौपदी मुर्मू ने

राष्ट्रपति पद के लिए राजग की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड में आदिवासियों की आबादी लगातार कम होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि इसके कई कारण हैं। राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के बाद विशेष बातचीत में उन्होंने कहा था कि कुछ शिक्षित लोगों ने अपना अलग रास्ता अपना लिया है। उनका इशारा मतांतरण की ओर था। उन्होंने आदिवासियों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा था कि शिक्षा से ही उनका विकास हो सकता है। उनके अनुसार, सिर्फ औपचारिक शिक्षा नहीं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा जरूरी है समाज के लोगों को भी उन्हें सहयोग देने की जरूरत है उन्होंने झारखंड में कृषि के आधुनिकीकरण का भी सुझाव दिया था।

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सीएनटी-एसपीटी एक्ट की मूल भावना को ठेस न पहुंचाएं

द्रौपदी मुर्मू ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन पर भी अपनी भावना व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी कानून में परिस्थितियों के अनुसार संशोधन होना चाहिए, उसकी मूल भावना को ठेस नहीं पहुंचना चाहिए। उन्होंने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन से पहले इसे सुनिश्चित करने पर जोर दिया था कि इस एक्ट की जो मूल भावना है, उसमें बदलाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने इसमें संशोधन से पहले इसपर अध्ययन की भी वकालत की थी।

उन्होंने आदिवासियों की जमीन की खरीद-बिक्री की समस्या पर भी अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि यहां के आदिवासी क्या चाहते हैं, किस व्यवस्था से उनको सुविधा होगी, इसे समझने की जरूरत है। जमीन खरीद-बिक्री में खरीदार और विक्रेता के एक ही थाना क्षेत्र के निवासी होने की बाध्यता को ही लें तो आज के समय में यह व्यावहारिक नहीं है।

राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने पर द्रौपदी मुर्मू की आंखों में छलके आंसू

द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से परिवार में भी हर्ष का माहौल देखा गया। बेटी इतिश्री और द्रौपदी मुर्मू के भाई के बेटे दुलाराम टुडू अपने बदामपहाड़ स्थित ऊपरबेड़ा आवास में ताला लगाकर रायरंगपुर के महुलडीहा स्थित आवास पहुंचे हुए थे। बेटी इतिश्री बुधवार को पूरा समय द्रौपदी मुर्मू के साथ रही। वो मां के साथ रायरंगपुर स्थित शिव मंदिर में पूजा करने भी गयी। इतिश्री ने अपनी खुशियां साझा करते हुए कहा कि हम सभी के लिए यह गौरव का पल है। कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने पर उनकी मां द्रौपदी मुर्मू की आंखों में आंसू छलक गए।

बेटी इतिश्री बोली, दिल्‍ली से फोन आया, तो मां कुछ बोल नहीं पा रहीं थीं...

मंगलवार की शाम को मां के पास एक फोन आया था। मैं यकीन से तो नहीं कह सकती मगर संभव है कि यह फोन दिल्ली से था। मैं उस समय मां के बगल में ही बैठी थी। उधर से फोन पर क्या कहा गया, मुझे नहीं पता मगर मां की आंखों में आंसू साफ झलक रहे थे। मां कुछ बोल नहीं रही थी। थोड़ी देर बाद केवल धन्यवाद कह पाई। इस बीच हम लोगों को यह खबर आ गयी कि एनडीए ने मां को राष्ट्रपति के पद के लिए अपना उम्मीदवार बना दिया है। हम लोगों को यह सब कुछ एक सपने जैसा लग रहा है। यहां बता दें कि इतिश्री वर्तमान में यूको बैंक की भुवनेश्वर शाखा में कार्यरत हैं। इतिश्री के पिता और द्रौपदी मुर्मू के दिवंगत पति श्याम चरण मुर्मू भी बैंक मैनेजर रह चुके हैं। द्रौपदी के बड़े भाई का बेटा दुलाराम टुडू भी बैंक में फाइनेंस का काम देखते हैं।

सालखन मुर्मू ने द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात

राजग की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। मयूरभंज के पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने उम्मीद जताई है कि आदिवासियों के लिए खास तौर पर वह काम करेंगी। उन्होंने मुलाकात कर उन्हें बधाई दी। बताया कि द्रौपदी मुर्मू काफी खुश थीं। उनके घर पर मिलनेवाले, शुभकामनाएं देनवालों की काफी भीड़ थी। मुलाकात के क्रम में द्रौपदी मुर्मू से उन्होंने कहा कि उनसे मिलकर झारखंड की यादें ताजा हो गईं।

सालखन ने कहा कि यह उनके लिए भी अभूतपूर्व क्षण था क्योंकि वे देश के संभावित राष्ट्रपति और पहली नागरिक से मिल रहे थे। उन्होंने कहा कि एक महिला खासकर आदिवासी के राष्ट्रपति बनने से देश-दुनिया में लोगों का ध्यान आदिवासी की ओर जाएगा। लोग आदिवासियों, उनकी संस्कृति, उनकी समस्याओं का जानने-समझने का प्रयास करेंगे। यह आदिवासियों के जन-जीवन के उत्थान का भी एक अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू राष्ट्र के लिए तो काम करेंगी हीं, आदिवासियों के लिए खास तौर पर काम करेंगी।


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