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Jidan Guria Killed: मुठभेड़ में मारे गए जीदन गुड़ि‍या पर दर्ज हैं 129 केस, एक पत्‍नी मुखि‍या तो दूसरी जिला परिषद अध्‍यक्ष

Jidan Guria Killed हथियारों के शौक ने जीदन को उग्रवाद का कुख्यात चेहरा बना दिया। उसका दहशत इस कदर था कि उसकी पहली पत्नी रीता गुडिय़ा तपकरा की बिना विरोध के मुखिया बन गई और दूसरी पत्नी जूनिका गुडिय़ा खूंटी जिला परिषद की निर्विरोध अध्यक्ष चुन ली गई।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 07:23 AM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 02:09 AM (IST)
Jidan Guria Killed: मुठभेड़ में मारे गए जीदन गुड़ि‍या पर दर्ज हैं 129 केस, एक पत्‍नी मुखि‍या तो दूसरी जिला परिषद अध्‍यक्ष
Jidan Guria Killed: जिदन पर कुल 129 मामले दर्ज थे। इनमें 109 सिर्फ खूंटी में दर्ज हैैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jidan Guria Killed पीएलएफआइ का रिजनल कमांडर और 15 लाख का इनामी उग्रवादी जीदन गुडिय़ा पुलिस के लिए लंबे समय से चुनौती बना हुआ था। पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप के बाद अगर किसी का खौफ इलाके में सर चढ़ कर बोलता था तो वह जीदन ही था। बहुत कम समय में ही उसने संगठन में रिजनल कमांडर का पद हासिल कर लिया था। राज्य सरकार ने इस कुख्यात उग्रवादी पर 15 लाख रुपये का इनाम रखने के साथ साथ उसका पोस्टर भी गांव-गांव तक जारी करवा दिया था, ताकि वह जिंदा या मुर्दा पकड़ा जा सके।

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पश्चिमी सिंहभूम के बंदगांव थाने के अलावा खूंटी और आसपास के जिलों के विभिन्न थानों पर जिदन पर कुल 129 मामले दर्ज थे। इनमें 109 सिर्फ खूंटी में दर्ज हैैं। बाकी मामले रांची, चाईबासा और सिमडेगा के हैैं। ये मामले लेवी वसूलने, रंगदारी मांगने, हत्या, अपहरण, आर्म्‍स एक्ट व पुलिस के ऊपर हमले से संबंधित हैं। पुलिस के पास जो जानकारी है, उसके अनुसार हथियारों के शौक ने जीदन को उग्रवाद से जोड़ा और देखते ही देखते वह उग्रवाद का कुख्यात चेहरा बन बैठा। उसका दहशत इस कदर था कि उसकी पहली पत्नी रीता गुडिय़ा तपकरा की बिना विरोध के मुखिया बन गई और दूसरी पत्नी जूनिका गुडिय़ा खूंटी जिला परिषद की निर्विरोध अध्यक्ष चुन ली गई।

खूंटी जिले के तोरपा थाना क्षेत्र के तपकरा ओपी स्थित कोचा करंजटोली गांव का रहने वाला जीदन गुडिय़ा पढऩे में कमजोर था। वह मैट्रिक में फेल हो गया था। बाद में पढ़ाई छोड़कर टेलरिंग की दुकान खोली, लेकिन इसमें भी उसका मन नहीं लगा। इसी बीच उसका संपर्क उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के दस्ते के लोगों से हुआ। एक दिन दस्ते के एक सदस्य ने उसकी मुलाकात पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप से करवा दी। इसके बाद वह पूरी तरह से पीएलएफआइ से जुड़ गया। दस्ते में पहले उसे हथियार ढोने की जवाबदेही मिली। इसके बाद लेवी वसूलने के काम में लगाया गया। उसके काम से खुश होकर दिनेश गोप ने उसे पहले तोरपा, खूंटी व रनिया का जोनल कमांडर बनाया, बाद में रिजनल कमांडर बना दिया।

रांची में किराए के मकान में रखता था दूसरी पत्नी को

जीदन ने अपने खौफ के बल पर अपनी पत्नी रीता गुडिय़ा को तपकरा पंचायत की मुखिया बना दिया। वह गांव के लोगों को आर्थिक मदद भी करने लगा, जिसके चलते गांव वाले उसे मदद करते रहे और पुलिस की छापेमारी की सूचना देते रहे, जिससे वह पुलिस की पकड़ से बच जाता था। अपनी पत्नी रीता गुडिय़ा को सुरक्षित रखने के लिए रांची के जगन्नाथपुर स्थित लटमा के प्रेम नगर रोड नंबर एक में उसने किराए पर एक मकान लिया था। यहां पुलिस की छापेमारी हुई तो उसकी पत्नी भाग निकली थी। तब पुलिस को घर की तलाशी के दौरान सात लाख रुपये मिले थे। ये रुपये तुपुदाना, खूंटी क्षेत्र में क्रशर संचालकों, ठेकेदारों से लेवी के रूप में वसूले गए थे।

 जिदन गुडिय़ा पर दर्ज कुल केस : 129

  • खूंटी जिला में : 109 (मुरहू, खूंटी, तोरपा, रनिया, कर्रा, अड़की व तपकरा)।
  • रांची जिले में : चार (तमाड़)।
  • चाईबासा : 13 (टेबो, चक्रधरपुर, बंदगांव, कराईकेला, गुदड़ी)।
  • सिमडेगा : तीन (बानो)।

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