600 करोड़ की लागत से धुर्वा और गेतलसूद डैम में बनेगा तैरता सोलर प्लांट
रांची रांची के धुर्वा और गेतलसूद जलाशयों का इस्तेमाल अब बिजली उत्पादन के लिए भी होगा। बुधवार को
रांची : रांची के धुर्वा और गेतलसूद जलाशयों का इस्तेमाल अब बिजली उत्पादन के लिए भी होगा। बुधवार को इस बाबत राज्य ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। दोनों जलाशयों में तैरता सोलर पावर प्लांट लगेगा। दोनों की क्षमता मिलाकर 150 मेगावाट होगी। बिजली वितरण निगम और सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया के बीच इस बाबत करार हुआ है। बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार की उपस्थिति में निगम के मुख्य अभियंता सुनील कुमार ठाकुर और सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया के एजीएम श्रीधर सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। गेतलसूद डैम में 100 मेगावाट और धुर्वा डैम में 50 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगेगा। कुल योजना लगभग 600 करोड़ रुपये की होगी। एक मेगावाट के उत्पादन पर फिलहाल चार करोड़ रुपये की लागत आती है। प्लांट सोलर कारपोरेशन आफ इंडिया लगाएगा। इस बाबत जल्द ही विद्युत वितरण निगम और सोलर कारपोरेशन आफ इंडिया के बीच करार होगा। दोनों प्लांट से उत्पादित सौर ऊर्जा करीब 3.5 रुपये प्रति यूनिट की दर पर उपलब्ध होगी। डैम में कितनी दूर फैला होगा प्लांट
प्लांट लगाने के लिए गेतलसूद डैम के 1.6 स्क्वायर किमी और धुर्वा डैम का 0.8 स्कवायर किमी क्षेत्र का उपभोग किया जाएगा। पानी की ठंडक से सोलर संयंत्र की क्षमता जमीन पर लगे संयंत्र की तुलना में 10 फीसद अधिक रहती है। गेतलसूद से सिकिदरी ग्रिड और धुर्वा से हटिया ग्रिड को बिजली दी जाएगी। प्लांट लगाने की मियाद 18 माह तय की गई है। इससे विकास की रफ्तार को गति मिलेगी।