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कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार में परिजनों को करें शामिल, झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका...

Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोरोना संक्रमण से होने वाले मौत के बाद अंतिम संस्कार में उनके परिजनों को शामिल होने की अनुमति मांगी गई है। कहा गया कि प्रशासन के रवैये से पता ही नहीं चल पाता कि किस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 07:54 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 07:55 PM (IST)
कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार में परिजनों को करें शामिल, झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका...
Jharkhand News: झारखंड हाई कोर्ट में कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार में परिजनों को शामिल होने की अनुमति मांगी गई।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार धर्म और रीति रिवाज के तहत समुचित ढंग से कराने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। जमशेदपुर के तितवनतो देवी महिला कल्याण संस्थान की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने उक्त याचिका हाई कोर्ट में दाखिल की है। उन्होंने बताया कि याचिका में आरोप लगाया है कि जमशेदपुर में कोरोना संक्रमित शवों का उनके परिजनों को धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार समुचित ढंग से अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जा रहा है।

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जमशेदपुर प्रशासन के द्वारा जैसे-तैसे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जो कि गलत है। याचिका में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ और केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की है, उसके अनुसार शव के परिजनों को उसके अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी जानी है। लेकिन जमशेदपुर के टीएमएच अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होने पर उक्त शव को उसके परिजन को न देकर जमशेदपुर जिला प्रशासन को सौंप दिया जाता है।

जमशेदपुर प्रशासन उनके परिजन को सूचना तो देते हैं कि उक्त तिथि को उक्त स्थान पर कोरोना से मौत होने वाले शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। लेकिन अंतिम संस्कार में उनके परिजनों को शामिल नहीं होने दिया जाता है। ऐसे में पता ही नहीं चल पाता है कि किस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया है। ऐसे में परिजन श्राद्ध कर्म भी नहीं कर पाते हैं। इसको देखते हुए संस्थान की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोरोना संक्रमण से होने वाले मौत के बाद अंतिम संस्कार में उनके परिजनों को शामिल होने की अनुमति देने की मांग अदालत से की गई है।

31 मई से फिर से काम पर लौट जाएंगे अधिवक्‍ता लिपिक

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता लिपिक 31 मई से फिर से काम पर लौट जाएंगे। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए अधिवक्ता लिपिक संघ ने 29 मई तक काम नहीं करने का निर्णय लिया था। 28 मई को संघ की ऑनलाइन हुई बैठक में 31 मई से काम करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही लिपिकों के लिए हाई कोर्ट से सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की मांग की गयी है। इसके लिए संघ की ओर से हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा गया है।

संघ के अध्यक्ष डीसी मंडल ने कहा कि हाई कोर्ट में 31 मई से बड़ी संख्या में केस फाइल किए जाएंगे। फाइलिंग के समय भीड़ न हो इसे सुनिश्चित किया जाएगा। शारीरिक दूरी के पालन की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है। पहले हाईकोर्ट में चार ओथ कमिश्नर थे। लेकिन वर्तमान समय में एक ही है। इस कारण भी फाइलिंग में भीड़भाड़ होने की संभावना है।

ऐसे में रजिस्ट्रार जनरल से पहले की तरह चार ओथ कमिश्नर की व्यवस्था करने की मांग की गई है। स्टांप वेंडरों की पर्याप्त स्टांप के साथ व्यवस्था करने की भी मांग की गई है। अधिवक्ता लिपिकों के लिए एक अलग कमरा उपलब्ध कराने की मांग की गई है, ताकि बारिश में लिपिकों को काम करने में सहूलियत हो सके। महाधिवक्ता कार्यालय में भी कॉपी रिसीव करने की बेहतर व्यवस्था करने की मांग संघ ने की है। 


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