झारखंड हाई कोर्ट में नए साल में फिजिकल कोर्ट शुरू होने की संभावना
रांची कोरोना संकट को देखते हुए लगता है कि झारखंड हाई कोर्ट में फिजिकल सुनवाई नए साल में ही शुरू हो पाएगी। हाई कोर्ट में पूर्व में एक दिसंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू करने की योजना थी लेकिन अब फिजिकल सुनवाई एक दिसंबर से नहीं होगी।
रांची : कोरोना संकट को देखते हुए लगता है कि झारखंड हाई कोर्ट में फिजिकल सुनवाई नए साल में ही शुरू हो पाएगी। हाई कोर्ट में पूर्व में एक दिसंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू करने की योजना थी, लेकिन अब फिजिकल सुनवाई एक दिसंबर से नहीं होगी। क्योंकि, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हाई कोर्ट के अधिवक्ता फिजिकल सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं। इस तरह एक दिसंबर से फिजिकल सुनवाई करने की योजना लटक गई।
दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट ने एक दिसंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू करने की योजना बनाई थी। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी करते हुए छह बेंच शुरू करने की योजना थी। लेकिन, सिर्फ चार मामले आने पर फिजिकल सुनवाई पर ग्रहण लग गया है। एडवोकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी मानते हैं कि ठंड में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। इसको देखते हुए अधिवक्ता फिजिकल कोर्ट की सुनवाई से फिलहाल दूर रहना चाहते हैं। इसके अलावा दूसरे हाई कोर्ट में भी फिजिकल कोर्ट को लेकर अधिवक्ता ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसको देखते हुए भी यहां के लोग अभी फिजिकल कोर्ट नहीं चाहते हैं।
एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार व धीरज कुमार ने बताया कि वर्तमान स्थितियों को देखते हुए लगता है कि नए साल में ही हाई कोर्ट में फिजिकल सुनवाई शुरू होने की संभावना है। बता दें कि कोरोना संक्रमण के कम होने पर अक्टूबर माह में एडवोकेट एसोसिएशन ने झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर फिजिकल कोर्ट शुरू करने पर विचार करने को कहा था। इसके बाद हाई कोर्ट ने इसके लिए एक नोटिस जारी कर दिया। उसमें कहा गया था कि जो भी अधिवक्ता जिन मामलों में फिजिकल कोर्ट की सुनवाई चाहते हैं, उसमें प्रतिवादी का कंसेंट लेकर कोर्ट को ई-मेल भेजे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने फिजिकल कोर्ट शुरू करने की तैयारी करते हुए पहले छह बेंच, फिर बाद में चार बेंच बनाने का निर्णय लिया। लेकिन, कोरोना के संक्रमण बढ़ने के बाद मात्र चार अधिवक्ताओं ने फिजिकल कोर्ट शुरू करने के लिए हाई कोर्ट में आवेदन दिया। इसके बाद एक दिसंबर से फिजिकल कोर्ट शुरू होने की संभावना पर विराम लग गया।
------------------