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तूल पकड़ रहा कद्दावर नेताओं की फोन टैपिंग का मामला

रघुवर सरकार के दौरान पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय द्वारा उनकी जासूसी के मामले के बाद फोन टेपिंग के मामले ने तूल पकड़ लिया है।

By Edited By: Published: Wed, 20 May 2020 11:44 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 11:27 AM (IST)
तूल पकड़ रहा कद्दावर नेताओं की फोन टैपिंग का मामला
तूल पकड़ रहा कद्दावर नेताओं की फोन टैपिंग का मामला

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। रघुवर सरकार के दौरान पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय द्वारा उनकी जासूसी कराये जाने के आरोप और एसआइटी की जांच में फोन टैपिंग व खुफिया विभाग के अवैध दफ्तर का खुलासा होने के बाद अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है। पूर्व आइपीएस अधिकारी और आम आदमी पार्टी (आप) के झारखंड प्रभारी डॉ. अजय कुमार का दावा है कि सिर्फ सरयू राय नहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और उनके करीबी भाजपा नेता अमरप्रीत सिंह काले की भी जासूसी रघुवर दास कराते थे।

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उन्होंने सरकार से यह मांग की है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ इन आरोपों की पुष्टि हो चुकी है, लिहाजा प्राथमिकी दर्ज की जाए। बुधवार को डॉ. अजय कुमार ने ट्वीट कर यह भी दावा किया कि तमाम कद्दावर नेताओं समेत 400 लोगों की फोन टैपिंग कर जासूसी कराई जाती थी। इसका खुलासा सीआइडी की जांच में हुआ है। डॉ. अजय कुमार के इस ट्वीट को लगातार री-ट्वीट किया जा रहा है।

गौरतलब है कि एक दिन पहले पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी ट्वीट कर कहा था कि उन्होंने आजतक एक बार भी सरकार में शीर्ष पद पर बैठे किसी व्यक्ति पर ऐसा आरोप नहीं लगाया जो गलत साबित हुआ हो। उनके आरोपों की जांच के बाद अगर मुकदमा होने पर कोई जेल जाता है तो अपनी करनी से जाता है, उनके आरोप के कारण नहीं। उन्होंने यह सवाल भी खड़ा किया कि इस तरह का कृत्य करने वाला भला जेल नहीं जाएगा तो कौन जाएगा।

हाई कोर्ट जा सकते हैं सरयू राय

पुलिस की जांच में जासूसी कराए जाने की पुष्टि होने के बाद पूर्व मंत्री सरयू राय हाई कोर्ट जा सकते हैं। गौरतलब है कि उन्होंने रघुवर सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाया था। यह भी दावा किया था कि रघुवर सरकार में गोंदा थाने के पीछे विशेष शाखा का एक अवैध कार्यालय चल रहा था, जहां एक निजी व्यक्ति उसका संचालन कर रहा था और इंस्पेक्टर, डीएसपी व सुरक्षा गार्ड उसके अधीन कार्य कर रहे थे। उनका यह भी आरोप था कि विशेष शाखा के लोग तत्कालीन सरकार की शह पर उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे, उनकी जासूसी कर रहे थे। उनका फोन को टेप किया जा रहा था। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखकर एसआइटी से जांच कराने का आग्रह किया था। पुलिस की जांच में तमाम शिकायतों की पुष्टि हो चुकी है।


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