Lockdown Update: कोडरमा में लोगों ने अपने घराें को किया क्वारंटाइन, बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक
Lockdown Update. अगर कोई व्यक्ति इस गली में आना चाहता है तो उचित कारण बताने के बाद ही बाहरी लोगों को इस मोहल्ले में आने की इजाजत दी जाती है।
कोडरमा, जासं। कोडरमा जिले में लॉकडाउन के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के बीच इमोशनल डिस्टेंसिंग भी बढ़ती जा रही है। कई इलाकों में बाहर से आने वाले लोगों का प्रवेश रोकने के लिए बैरियर लगाए जा रहे हैं। कई इलाकों के गलियों-मुहल्लों में जाने वाले रास्तों को बैरिकेडिंग करने की खबर सामने आ रही है। झुमरीतिलैया के हसनाबाद मस्जिद के सामने गली में स्थानीय लोगों ने बैरिकेडिंग कर दी है और लोग घरों में महफूज हो गए हैं।
अगर कोई व्यक्ति इस गली में आना भी चाहता है तो स्थानीय लोग पहले उससे पूछताछ करते हैं और इस गली में आने का उचित कारण बताने के बाद ही बाहरी लोगों को इस मोहल्ले में आने की इजाजत दी जाती है। इस मोहल्ले के मोहम्मद तौहिद आलम ने बताया कि सुरक्षित रहने के लिए लॉकडाउन का अनुपालन जरूरी है और इस मोहल्ले के सारे लोगों ने मिलकर निर्णय लिया कि खुद को सुरक्षित रखने के लिए बाहरी लोगों का प्रवेश इस गली में वर्जित किया जाए।
इसी कारण गली के बाहर बैरिकेडिंग कर दी गई है। उन्होंने बताया कि ना इस मोहल्ले के लोग बाहर जाते हैं और ना ही इस मोहल्ले में कोई अंदर आता है। वहीं इस मोहल्ले में रहने वाले होम्योपैथ चिकित्सक डॉ मजहर ने बताया कि खुद की सुरक्षा के लिए मोदी सरकार ने लॉक डाउन का जो फैसला लिया है उसका अनुपालन सभी के लिए जरूरी है और उनके पास भी जो मरीज आते हैं सूचना मिलने पर उन्हें बैरिकेडिंग के बाहर ही दवा मुहैया कराई जाती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन का मतलब "कोई रोड पर ना निकले" को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री के इन बातों को नहीं समझा गया तो कोरोना का मतलब "कोई रोने वाला नहीं बचेगा" बताया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों में फ्लू के लक्षण मिलते हैं उन्हें पूरी तरह से 14 दिनों तक कोरन्टाइन में रहना चाहिए और चिकित्सीय सलाह के साथ साथ खुद को सुरक्षित रखने के लिए लॉकडाउन जरूरी है।
असनाबाद के अलावे आजाद मोहल्ला, रेलवे कॉलोनी आदि में भी बैरिकेडिंग कर लोगों ने खुद को लोग डाउन कर लिया है और बाहरी लोगों के आने जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। साथ ही बैरिकेडिंग का पालन करते हुए लोग भी अपने गलियों मोहल्लों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, ताकि कोरोना के सामुदायिक संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।